बरेली में दोपहर में पोस्टिंग, शाम में कार्यभार और रात में वर्दी उतरने का इंतज़ाम

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द लीडर हिंदी : ऐसे बहुत कम मामले सुने और देखे होंगे कि थानेदारी मिलने के बाद कुर्सी संभाली ही थी कि पीछे से निलंबन आदेश पहुंच गया. यूपी के ज़िला बरेली में इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार की थानेदारी की उम्र महज़ साढ़े आठ घंटे रही. दोपहर में पोस्टिंग, शाम में कार्यभार और रात में वर्दी उतरने का इंतज़ाम हो गया. आदाब-नमस्कार मैं वसीम अख़्तर और आप देख रहे हैं द लीडर हिंदी. नये कप्तान अनुराग आर्य के बरेली में थानेदारों की तैनाती को पुलिस स्थापना बोर्ड बनाने के बाद गुज़रे दिन पहला तबादला आदेश जारी हुआ. तीन थानेदारों को इधर-उधर किया गया. दो को बतौर सज़ा और एक को बतौर इनाम. आंवला से वीरेश कुमार और हाफ़िज़गंज से संजय कुमार सिंह लाइन हाज़िर किए गए थे. भोजीपुरा से जगत सिंह को हाफ़िज़गंज का इंस्पेक्टर बनाया गया और आंवला थाने में पुलिस लाइंस से प्रवीण कुमार को भेजा गया.

प्रवीण कुमार नादानी कर बैठे. इंटरव्यू के दौरान दाग़दार रिकॉर्ड को छुपा गए. यह नहीं बताया पिछले साल मुहर्रम के जुलूस में पीलीभीत के जहानाबाद में बवाल हुआ था. खमरिया पुल के पास डीजे बंद कराने को लेकर कांवड़िए और ताज़िएदार भिड़ गए थे. पथराव, मारपीट और फिर जाम लगा दिया गया था. इसमें लापरवाही के लिए शाही चौकी इंचार्ज के साथ जहानाबाद प्रभारी को भी निलंबित कर दिया गया था. तब प्रवीण कुमार ही जहानाबाद के प्रभारी थे. कप्तान ने जब उन्हें आंवला कोतवाली सौंपी तो महकमे के जानकार हैरान रह गए. उन्होंने प्रवीण कुमार के अतीत से एसएसपी को वाक़िफ़ करा दिया. तब उनका निलंबन आदेश जारी कर दिया गया. दरअसल, प्रवीण कुमार नये कप्तान की वर्किंग के आंकलन में चूक गए. कप्तान अच्छा काम करने वाले मातहतों का उत्साह बढ़ाने में देर नहीं करते तो ग़लत काम पर छोड़ते भी नहीं हैं. यह अनुराग आर्य ने पिछले माह 27 जून को चार्ज लेने के बाद ही साफ कर दिया था.