द लीडर हिंदी, मुंबई। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ कार्रवाई की है. ईडी ने अनिल देशमुख और उनके परिवार की 4.20 करोड़ की अचल संपत्ति कुर्क की है.
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समन के बावजूद देशमुख जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए
अधिकारियों ने कहा कि, पीएमएलए के तहत कुर्की के प्रारंभिक आदेश जारी किये गए हैं. ईडी की तरफ से पूछताछ के लिए भेजे गए कम के कम तीन समन के बावजूद देशमुख जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए हैं.
देशमुख ने अप्रैल महीने में अपने पद से दिया था इस्तीफा
केंद्रीय एजेंसी ने उनके बेटे ऋषिकेश और पत्नी को भी समन किया था लेकिन उन्होंने भी बयान दर्ज कराने से इनकार कर दिया. ये समन महाराष्ट्र पुलिस से संबंधित 100 करोड़ रुपये के कथित घूस-सह-वसूली मामले के संबंध में पीएमएलए के तहत दर्ज मामले के सिलसिले में जारी किए गए थे. इसी मामले के चलते देशमुख को इस साल अप्रैल में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
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देशमुख के वकील ने ईडी की कार्रवाई को अनुचित करार दिया
एनसीपी के नेता अनिल देशमुख ने कुछ भी गलत करने से इनकार किया है और उनके खिलाफ ईडी की कार्रवाई को उनके वकील ने अनुचित करार दिया था. पूर्व मंत्री ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर ईडी द्वारा किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई के खिलाफ संरक्षण की मांग की है.
Enforcement Directorate (ED) says it has attached immovable assets worth Rs 4.20 crores belonging to former Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh and his family under PMLA in a corruption case pic.twitter.com/iNafh7iI2o
— ANI (@ANI) July 16, 2021
देशमुख पर रिश्वत लेने का आरोप
बता दें कि, इस साल की शुरुआत में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की शिकायत पर सीबीआई और ईडी ने देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में मामला दर्ज किया था. परमबीर सिंह ने अपनी शिकायत में देशमुख पर कम से कम 100 करोड़ रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगाया था.
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इससे पहले 14 जुलाई अनिल देशमुख के वकील ने कहा था कि, उनके मुवक्किल को लगता है कि, कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनके खिलाफ ईडी की जांच उचित नहीं है और इसलिए वह तफ्तीश में शामिल नहीं हो रहे. देशमुख के वकील कमलेश घुमरे ने आरोप लगाया कि, ईडी की जांच वास्तविक जांच के बजाय ‘उत्पीड़न’ की तरह ज्यादा दिखती है.
देशमुख ने कोरोना का हवाला देकर पेशी से किया था इनकार
ईडी ने इससे पहले देशमुख को कई समन जारी कर बयान दर्ज करने को कहा था. हालांकि, देशमुख ने कोविड-19 को लेकर ‘संवेदनशील’ होने का हवाला देते हुए पेशी से इनकार कर दिया था. इसके बजाय उन्होंने केंद्रीय एजेंसी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बयान दर्ज कराने की पेशकश की थी.
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वकील घुमरे ने कहा था कि, देशमुख को लगता है कि यह जांच उचित नहीं है, इसलिए वह जांच में शामिल नहीं हो रहे हैं. जांच एजेंसी जो भी दस्तावेज चाहती है, उसे कम से कम हमें बताना तो चाहिए.