द लीडर : भारत के पूर्वोत्तर राज्य-त्रिपुरा की सांप्रदायिक हिंसा में जिन मस्जिद और अल्पसंख्यकों के मकानों को निशाना बनाकर तोड़फोड़ की गई है. उनकी मरम्मत, जमीयत उलमा-ए-हिंद कराएगी. जमीयत की एक टीम त्रिपुरा के दौरे पर है, जो राज्य के हिंसा प्रभावित इलाकों से फैक्ट जुटा रही है. जमीयत के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि, जल्द ही हिंसा की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी. (Tripura Violence Jamiat Mosque)
त्रिपुरा के डीजीपी ने राज्य में किसी मस्जिद को जलाए जाने की घटना को नकारा है. मदनी ने कहा कि उनका संगठन भ्रामक सूचना पर एतबार नहीं करता है. इसलिए एक फैक्ट फाइंडिंग टीम त्रिपुरा भेजी गई है.
जमीयत के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन के नेतृत्व में ये टीम शुक्रवार से हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों से मिल रही है. मौलाना महमूद मदनी ने बांग्लादेश हिंसा के खिलाफ निकाली गई रैलियों में पैगंबर-ए-इस्लाम के खिलाफ गलतबयानी की सख्त लहजे में निंदा की है. (Tripura Violence Jamiat Mosque)
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उन्होंने कहा कि मुसलमान सब-कुछ बर्दाश्त कर सकता है. लेकिन पैगंबर-ए-इस्लाम की शान में गुस्ताखी हरगिज नहीं. उन्होंने कहा कि, रैलियों में पैगंबर की शान में गुस्ताखी की गई. लेकिन राज्य सरकार ने अब तक कोई एक्शान नहीं लिया है. आखिर इतने गंभीर मुद्दे पर सरकार का ऐसा रवैया क्यों है. समझ से परे है.
मौलाना ने त्रिपुरा के नागरिकों से धर्म और जाति से ऊपर उठकर कानून-व्यवस्था और शांति बनाए रखने की गुजारिश की है. जमीयत ने एक बयान जारी कर कहा है कि हिंसा में जिन लोगों के मकान-दुकानों को नुकसान पहुंचाया गया है. उनकी मरम्मत कराई जाएगी. (Tripura Violence Jamiat Mosque)
त्रिपुरा में 21 अक्टूबर से सांप्रदायिक हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं. 13 अक्टूबर को बांग्लादेश में दूर्गा पूजा पर अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बनाया गया था. इसी के विरोध में त्रिपुरा सुलग उठा. हिंदुत्ववादी संगठन बांग्लादेश हिंसा के खिलाफ सड़कों पर उतरे. रैलियां निकाली. इन्हीं रैलियों पर हिंसक होकर त्रिपुरा के अल्पसंख्यक मुसलमानों को निशाना बनाने का आरोप है.
हालांकि त्रिपुरा पुलिस हिंसा को सिरे से नकारती रही. लेकिन अब त्रिपुरा हाईकोर्ट ने भी हिंसा पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू कर दी है. और राज्य सरकार से पूरे मामले पर रिपोर्ट तलब की है. (Tripura Violence Jamiat Mosque)
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#Jamiat Fact finding team #reached in #Tripura
Maulana Mahmood Madani President @JamiatUlama_in questioned the Tripura government over its silence on Sacrilege of #ProphetMuhammad (SAW) by the rampaging mob in the state.#SaveTripuraMuslims#TripuraRiots pic.twitter.com/m0YrWqjSAl— Jamiat Ulama-i-Hind (@JamiatUlama_in) October 30, 2021
हाईकोर्ट के दखल के बाद अब राज्य में किसी नई घटना की जानकारी सामने नहीं आई है. और हालात नियंत्रित होते नजर आ रहे हैं. आपको बता दें कि त्रिपुरा हिंसा को लेकर देश के अल्पसंख्यक समुदाय की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आ रही है. विरोध में दिल्ली समेत कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं, जिसमें राज्य में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग उठाई गई. (Tripura Violence Jamiat Mosque)