डायवर्सिफिकेशन एंड सैंक्शंस (बीडीएस) ने दुबई एक्सपो 2020 के बहिष्कार का आह्वान किया है। बीडीएस का कहना है कि यूएई और इज़राइल एक्सपो का इस्तेमाल उनके देश में मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन से जनता का ध्यान हटाने के लिए कर रहे हैं। दुबई एक्सपो में इज़राइल सहित 191 से अधिक देशों के भाग लेने रहे हैं, जो अक्टूबर से शुरु होकर छह महीने तक चलना है। (Muslims Boycotting Dubai Expo)
बीडीएस आंदोलन की ओर जारी एक बयान में कहा गया है कि अरबी मुस्लिम दर्शकों के सामने इजरायल अपने कैंप से फिलिस्तीनियों के उत्पीड़न को साधारण सा जताने के लिए सफेदी करने की योजना बना रहा है।
इसके अलावा बयान में यह भी कहा गया है कि इजरायली उपनिवेशवादी शासन के रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञता को अर्थव्यवस्था का आधार के रूप में दिया गया है, जिसकी असल में भूमिका फिलिस्तीनियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर निगरानी, खतरनाक स्पाइवेयर और सैन्यीकरण है।
बीडीएस के अनुसार, ‘एक्सपो में यूएई अपने कैंप के जरिए इजरायल को अपनी छवि सुधारने में मदद कर रहा है। दुबई एक्सपो में इजरायल के विदेश मंत्रालय ने यूएई तानाशाही का गर्मजोशी से स्वागत किया, जो शाही ताज के लिए नए सरपरस्तों की तलाश में है।’ (Muslims Boycotting Dubai Expo)
संयुक्त राज्य अमेरिका में संयुक्त अरब अमीरात और इज़राइल के बीच अब्राहम समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के एक साल बाद इज़राइल दुबई एक्सपो में भाग ले रहा है। जबकि फिलिस्तीनियों का मानना है कि यह समझौता उनकी ‘पीठ में छुरा घोंपने जैसा’ है।
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एक्पो वेबसाइट के अनुसार, दुबई एक्सपो एक ऐसा आयोजन होगा जो दुनियाभर में इंसाानियत के सामने आने वाली मुश्किलों के बारे में जागरूकता बढ़ाएगा। यह दुनिया का बेहद अहम कार्यक्रम है, जो विदेशी से रिश्तों के सामाजीकरण का रास्ता खोलेगा, सहज बनाएगा।
एक्सपो शुरू में 2020 होना तय किया गया था, लेकिन महामारी के चलते यूएई सरकार ने इसे एक साल आगे बढ़ा दिया।
बीडीएस एक विश्वव्यापी आंदोलन है जो इजरायली फिलिस्तीनी नागरिकों के लिए समान अधिकार चाहता है। इसके साथ ही इजरायल के खिलाफ बहिष्कार, विनिवेश रोकने और अंतरराष्ट्रीय दबाव की वकालत करता है, जिससे कब्जे का बरकरार रखने मुश्किलें खड़ी हों और इज़राइल पर आर्थिक-राजनीतिक दबाव बढ़े। (Muslims Boycotting Dubai Expo)
यह आंदोलन जुलाई 2005 में शुरू हुआ, जब 170 फिलिस्तीनी नागरिक समाज संगठनों के गठबंधन ने इंसाफ पसंद जज्बात रखने वाले लोगों और संस्थाओं को अपनी जायज मांग के साथ खड़े होने की अपील की और उनको एक मंच पर जुटाया। इस अभियान को दुनिया भर में तमाम मशहूर हस्तियों ने समर्थन दिया है।
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