द लीडर : उत्तर प्रदेश के कानपुर का वीडियो देखा होगा. असरार अहमद को एक उग्र भीड़ घसीट रही है. बेरहमी से पीटती है. जय श्रीराम बुलवाती है. शुरुआत में पुलिस तमाशाबीनों जैसा व्यवहार करती है. अफसार की मासूम बच्ची अपने पिता से लिपटती है. उन्हें छुड़ाने की कोशिश करती. गिड़गिड़ाती रहती. मगर सांप्रदायिक नफरत के नशे में झूमती भीड़ को रत्ती भर रहम नहीं आता. बाद में कुछ पुलिस वाले ही आगे आते हैं. और अफसार को भीड़ के चंगुल से बचाते हैं. पीटने वाला भाजपा विधायक का बेटा और उसके समर्थक हैं. (Muslims Jai Shri Ram)
तनाव की आशंका के मद्देनजर इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है. पुलिस ने इस मामले में दो नामजद और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. लेकिन घटना में शामिल भाजपा विधायक के बेटे और उसके साथियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. शुक्रवार को पुलिस ने घटना में शामिल तीन आरोपियों को हिरासत में लिया है.
अफसार पर कथित रूप से धर्मांतरण का आरोप है. लेकिन इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से पहले ही पुलिस में मामले दर्ज कराए जा चुके हैं. धर्मांतरण और छेड़खानी का आरोप कब लगा. इसे भी समझ लीजिए.
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एक रिपोर्ट के मुताबिक, जोकि कानुपर दक्षिण की डीसीपी रवीना त्यागी के हवाले से प्रकाशित है. इसमें कहा गया है कि धर्मांतरण के आरोपी की की पत्नी कुरैशा बेगम ने 12 अगस्त को धर्मांतरण का आरोप लगाने वाली महिला और उसके पति पर मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. (Muslims Jai Shri Ram)
इसके जवाब में 31 जुलाई को सद्दाम, सलमान और मुकुल के खिलाफ कथित छेड़खानी और समेत अन्य धाराओं में क्रास रिपोर्ट लिखवाई गई. यानी पहले दोनों पक्षों में झगड़ा हुआ. उसके बाद छेड़खानी और धर्मांतरण का मामला सामने आया है. बहरहाल, पुलिस दोनों केस की जांच कर रही है.
जंतर-मंतर के आह्वान का यूपी में असर
बीते 8 अगस्त को दिल्ली के जंतर-मंतर पर भाजपा नेता अश्वनी उपाध्याय ने भारत जोड़ो आंदोलन किया था. इस भीड़ में मुसलमानों के नसंहार का आह्वान किया था.
भारत में रहने के लिए जय श्रीराम कहना ही होगा. ये भी कहा था. 10 अगस्त को दिल्ली पुलिस ने पुलिस ने अश्वनी को गिरफ्तार किया. दूसरे ही दिन अश्वनी को दिल्ली की एक अदालत से जमानत मिल गई. (Muslims Jai Shri Ram )
इसी बीच कानपुर में अफसार भीड़ का शिकार हो गए. भीड़ उन्हें पीट भी रही है और जय श्रीराम के नारे भी लगवा रही है. ये ठीक वैसा ही है, जैसा दिल्ली के जंतर-मंतर से आह्वान किया गया था. उस पर पुलिस की मौजूदगी में हिंसा, सब कुछ साफ करती है.
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कानुपर की घटना को लेकर मुस्लिम समाज से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है. पूर्व आइपीएस अब्दुर्रहमान ने कहा-जब भगवान का नाम लेने के लिए हिंसा बौर बल का प्रयोग करके लोगों को मजबूर किया जाए, तो समझ लेना उस धर्म की रक्षा भगवान ही करेंगे. (Muslims Jai Shri Ram )
वहीं, आरोपियों को हिरासत में लिए जाने से नाराज बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने धरना-प्रदर्शन किया. वे असरार अहमद की पिटाई करने वाले बजरंग दल के नेताओं की रिहाई की मांग उठा रहे हैं.
उधर, घटना के डीसीपी रवीना त्यागी पीड़ित असरार अहमद के घर पहुंचीं. उनकी मासूम बच्ची, जो पिटाई के वक्त अपने पिता के साथ थीं, उसकी आंखों में आंखें डालकर ढांढस बंधाया. डीसीपी का ये फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. जिसमें उनके इस व्यवहार की सराहना की जा रही है. इसके साथ ही न्याय की उम्मीद भी.