द लीडर : नताशा नरवाल. दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) की शोध छात्रा हैं. और पिंजड़ा तोड़ संगठन की एक्टिविस्ट भी. नताशा पिछले साल मई से तिहाड़ जेल में बंद हैं. फरवरी 2020 में दिल्ली दंगों की साजिश में उन्हें आरोपी बनाया गया था. और गैर कानून गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया था. नताशा के पिता वैज्ञानिक व कॉमरेड महावीर नरवाल का कोविड संक्रमण से निधन हो गया है. आखिरी समय में नताशा अपने पिता को नहीं देख सकीं और महावीर नरवाल की भी बेटी से बात करने की हसरत अधूरी रह गई.
महावीर नरवाल के निधन पर सीपीआइएमइ की नेता वृंदा करात ने उन्हें श्रृद्धांजलि देते हुए कहा कि सिस्टम ने गलत तरीके से एक बेटी को जेल में डाल रखा है, जो आखिरी समय में अपने पिता को भी नहीं देख सकीं. पूर्व नौकरशाह और एक्टिविस्ट हर्षमंदर, कांग्रेस नेता शशि थरूर, कविता कृष्णन समेत अन्य नेता और एक्टिविस्टों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है. इसी के साथ राजनीतिक बंदियों को कोविड काल में पैरोल पर रिहा किए जाने की मांग उठाई है.
Will the courts at least now ask this cruel regime to grant bail to #NatashaNarwal to enable her to have a last glimpse of her father #MahavirNarwal? https://t.co/nKpPsb5nid
— Dipankar (@Dipankar_cpiml) May 9, 2021
नताशा नवराल की गिरफ्तारी के कुछ समय बाद महावीर नरवाल का एक इंटरव्यू सामने आया था. जिसमें वह अपनी बेटी पर गर्व जता रहे थे. सफदर हाशिमी को वो संदेश बयां करते हुए कि-औरतें उठतीं नहीं तो जुल्म बढ़ता है. इस अंदाज में नताशा की परवरिश करने वाले वैज्ञानिक और कॉमरेड महावीर प्रसाद के निधन पर आरजे सायमा ने लिखा है-वह मेरे हीरो हैं. महावीर अंकल श्रद्धांजलि. मैं कभी आपसे नहीं मिली, लेकिन आप हमेशा मेरे प्रेरणास्रोत रहेंंगे. मुझे आपकी बेटी पर गर्व है.
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इससे ज्यादा मलाल और गम इस बात का जताया जा रहा है कि महावीर नरवाल आखिरी समय में अपनी बेटी से बात करना और मिलना चाहते थे. मुलाकात कराने का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता, जब नताशा से उनकी बात तक नहीं कराई गई. नताशा बधवार लिखती हैं कि नताशा के पिता बेटी से बिना मिले ही चल बसे. अपनी बेटी की गलत तरीके से गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा था कि जेल में रहने का कोई डर नहीं है. मेरी बेटी सकारात्मक है और मजबूत इरादों वाली है. जल्द वह आजाद होगी.
He is my hero. RIP Mahavir Uncle. We never met but you would forever be my inspiration. We are proud of your daughter #NatashaNarwal . You will live through her. #ReleaseNatashaNarwal #ReleaseAllPoliticalprisoners https://t.co/1SQy7RB4yg
— Sayema (@_sayema) May 9, 2021
वहीं, दिल्ली हाईकोर्ट नताशा नरवाल की अंतरिम बेल की याचिका को सुन रहा है, जो पिता के देहांत के आधार पर लगाई गई है. लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक एडवोकेट अदिति एस पुजारी इस मामले को देख रहे हैं.
याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने नताशा को पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए तीन सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी है.
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नताशा नरवाल पढ़ाई के साथ महिलाओं के हक के लिए कार्यरत थीं. इसीलिए उन्होंने पिंजड़ा तोड़ संगठन की नींव रखी थी. नागरिकता संशोधन कानून-सीएए के खिलाफ शाहीन बाग समेत दिल्ली के अन्य हिस्सों में आयोजित प्रदर्शनों में नताशा ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था. और इसी बुनियाद पर उनके खिलाफ दंगा भड़काने की साजिश का आरोप लगाते कार्रवाई की गई है.
दिल्ली दंगों में जेएनयू, जामिया के कई मौजूदा और पुरातन छात्र जेल में बंद हैं. इसमें शरजील इमाम, उमर खालिद, नताशा नरवाल आदि शामिल हैं. कोविड की दूसरी लहर में लगातार ये मांग उठाई जा रही है कि इन कैदियों को पैरोल पर रिहा कर दिया जाए. क्योंकि इसमें कई संक्रमित हो चुके हैं.