द लीडर। क्या आप जानते हैं कि एक दिन के लिए प्रयागराज के एडीजी बदले गए वह भी बिना ट्रांसफर हुए। 12 साल के बच्चे को एक दिन के लिए डीजीपी का चार्ज दिया गया। दरअसल 12 साल के हर्ष दुबे जो कैंसर से पीड़ित है उन्हें एक दिन के लिए प्रयागराज का एडीजी बनाकर उनका मनोबल बढ़ाया। वहीं हर्ष के इलाज के लिए एडीजी प्रयागराज प्रेम प्रकाश, डॉक्टर पॉल और समाजसेवी पंकज रिजवानी आगे आए हैं।
कहते है कि किस्मत में लिखी हर मुश्किल टल जाती हैं, यदि हो बुलंद हौसले तो मंजिल मिल ही जाती हैं, सिर उठा कर अगर आसमान को देखोगे बार-बार, तो गगन को छूने की प्रेरणा मिल ही जाती हैं….ये कहावत प्रयागराज के 12 साल के कैंसर पेशेंट हर्ष दुबे पर सटीक बैठती है।
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हर्ष की मदद के लिए ज़िले के तीन अलग-अलग वर्ग से जुड़े लोग फरिश्ते बनकर सामने आए है। हर्ष का हौसला बढ़ाने के लिए एडीजी प्रेम प्रकाश ने बॉडी किट देने के साथ-साथ हर्ष को एक दिन का एडीजी प्रयागराज भी बनाया।
हर्ष ने भी एक वरिष्ठ अधिकारी की तरह एडीजी ऑफिस में बैठकर पुलिस व्यवस्था को समझा। और कई डॉक्यूमेंट पर सिग्नेचर करके कार्य रिपोर्ट भी आगे बढ़ाई। इस दौरान कमला नेहरू हॉस्पिटल के मशहूर डॉक्टर और पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित डॉक्टर बी पॉल के साथ-साथ डॉक्टर राधा रानी घोष और सर्जन डॉक्टर विशाल केवलानी भी मौजूद रहे।
अब निशुल्क होगा हर्ष दुबे का इलाज
शहर के कैंसर सर्जन डॉक्टर की टीम ने हर्ष को आश्वासन दिया कि, अब जो भी इलाज उसका होगा वह पूरी तरीके से निशुल्क होगा। साथ ही साथ प्रयागराज की मशहूर समाजसेवी पंकज रिज़वानी ने भी हर्ष का हौसला बढ़ाने के लिए कई सामान हर्ष को दिए।
हर्ष के पिता शहर में ई-रिक्शा चलाते हैं। और इसी खर्चे से अपने परिवार और बेटे की बीमारी का इलाज भी कराते हैं। एडीजी प्रेम प्रकाश ने बताया कि, समाजसेवी पंकज रिज़वानी के द्वारा उनको यह सूचना मिली कि, 12 साल का मासूम हर्ष एक लाइलाज बीमारी से जूझ रहा है। जिसको मदद की दरकार है।
ऐसे में हर्ष का इलाज कर रहे डॉक्टर की टीम और एडीजी प्रेम प्रकाश ने फैसला लिया कि, हर्ष का मनोबल बढ़ाने के लिए कुछ ऐसा कार्य करेंगे। जिससे हर्ष गौरवान्वित महसूस करें और इसी के चलते एडीजी प्रेम प्रकाश ने हर्ष को 1 दिन का एडीजी बनाया। और वह सारे कार्य लिए गए जो कार्य एडीजी के द्वारा किए जाते हैं।
हर्ष का इलाज कर रहे डॉक्टर पॉल ने कहा कि, कैंसर पेशेंट को हिम्मत हमेशा बनाकर रखनी चाहिए। कैंसर लाइलाज बीमारी तो है लेकिन अगर सही से इलाज हो। और पेशेंट के अंदर हिम्मत हो तो लाइलाज बीमारी का इलाज भी संभव हुआ है।
पुलिसकर्मियों ने हर्ष को दी सलामी
एडीजी कार्यालय में सीट पर बैठने के बाद कई पुलिस वाले हर्ष को सलामी देते हुए नजर आए। साथ ही साथ हर्ष ने वायरलेस के जरिए जिले के अलग-अलग क्षेत्रो में तैनात पुलिसकर्मियों को दिशा निर्देश भी दिए। हर्ष बकायदा एडीजी की टोपी लगा कर ऑफिस पर काम करते हुए नज़र आए।
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