द लीडर : हरिद्वार धर्म संसद में मुसलमानों के नरंसहार की धमकी देने के मामले में आरोपी यति नरसिंहानंद सरस्वती को गिरफ़्तार कर लिया गया है. उत्तराखंड पुलिस ने शनिवार देर रात इसकी पुष्टि की है. इससे पहले जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को गिरफ़्तार किया था. जिसके विरोध में नरसिंहानंद धरने पर बैठ गए थे. (Yati Narsinghanand Arrested Haridwar)
दिलचस्प बात ये है कि नरसिंहानंद सरस्वती खुद पुलिस पर कई इल्जाम लगा रहे थे. इस दावे के साथ कि धर्म संसद मैंने आयोजित की है. जितेंद्र नारायण उर्फ वसीम रिजवी ने जितना नहीं बोला-उससे ज़्यादा तो हम लोगों ने कहा. लेकिन मुझे गिरफ्तार नहीं किया गया. और मेरे भाई यानी वसीम को गिरफ्तार कर लिया गया. ये वीडियो सामने आने के बाद ही पुलिस उन पर कार्रवाई को मजबूर हुई है.
इस घटनाक्रम के बीच प्रबोधानंद गिरी का एक वीडियो सामने आया है. जिसमें वह धरने पर बैठे हैं. और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को जिहादियों का एजेंट बताते सुने जा रहे हैं. प्रबोधानंद ने धर्म संसद में ज़हरीले भाषण देने वाले संतों पर एफआइआर दर्ज करने को लेकर अपनी नाराज़गी में आरोप लगाए हैं.
नरसिंहानंद की गिरफ्तारी के खिलाफ रविवार को प्रबोधानंद दर्जनों साधु संतों के साथ सर्वानंद घाट पर प्रतिकार सभा कर रहे हैं. दूसरी तरफ कुछ स्थानीय लोग भी विरोध दर्ज करा रहे हैं.
हरिद्वार में पिछले साल 17 से 19 दिसंबर तक धर्म संसद हुई थी. जिसमें मुस्लिम समाज के ख़िलाफ नरंसहार की अपील की गई थी. 20 लाख मुसलमानों के कत्ल का खुलेआम ऐलान किया गया था. अमूमन हर एक वक्ता ने अपनी ज़ुबान से अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ ज़हर ही उगला. (Yati Narsinghanand Arrested Haridwar)
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इसके वीडियो सामने आने पर देश-दुनिया में हंगामा मच गया. भारत में अल्पसंख्यकों के सामूहिक नरंसहार की धमकियों को लेकर दुनिया भर से विरोध के स्वर सुनाई देने लगे. जाहिर है कि इस घटना ने भारत की छवि को वैश्विक स्तर पर नुकसान पहुंचाया है.
भारी विरोध के चलते पुलिस हरकत में आई. और इस धर्म संसद को लेकर एफआइआर दर्ज की. लेकिन इसके बावजूद एक पखवाड़े तक कोई एक्शन नहीं हुआ. अब ये गिरफ़्तारियां तब हो रही हैं, जब ये मामला सुप्रीमकोर्ट पहुंच चुका है. (Yati Narsinghanand Arrested Haridwar)
इस हिंसक आह़्वान के खिलाफ वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी समेत कई लोग सुप्रीमकोर्ट गए. ये मांग लेकर कि जिन लोगों ने धर्म संसद में हेट स्पीच दी है-उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए. अदालत ने याचिका पर सुनवाई शुरू की.
सुप्रीमकोर्ट ने इस मामले में उत्तराखंड सरकार और केंद्र सरकार, दोनों को नोटिस जारी करते हुए 10 दिन में जवाब मांगा है. यही वजह है कि अब पुलिस हरकत में है और शीर्ष अदालत के समक्ष जवाब दाखिल करने से पहले कार्रवाई करने में जुट गई है. (Yati Narsinghanand Arrested Haridwar)
धर्म संसद में हुए घटनाक्रम पर जिस तरह से शुरुआत में कार्रवाई में लापरवाही बरती जा रही थी. उससे पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए जा रहे थे. बहरहाल, अदालत की मजबूरी में ही सही, लेकिन अब पुलिस एक्शन मोड में आ गई है.