अतीक खान
फज्र की अजान इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की कुलपति संगीता श्रीवास्तव की नींद में खलल डाल रही है. इस कदर कि अजान से सिरदर्दी के कारण वह ठीक से कामकाज भी नहीं कर पातीं. हर रोज सुबह 5:30 बजे उनकी नींद टूट जाती है. इसलिए प्रयागराज के जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी को पत्र लिखकर उन्होंने इस पर रोक लगाने की मांग की है.
यहां ये ध्यान देना जरूरी है कि संगीता श्रीवास्तव कोई पहला किरदार नहीं हैं, जिन्हें अजान की आवाज चुभी है. इससे पहले सिंगर सोनू निगम भी अजान से व्यथित हो चुके है. राजनीतिक स्तर पर अक्सर ऐसी बयानबाजी और विवाद खड़े होते रहे हैं.
लेकिन, दोबारा अजान का मुद्दा ऐसे समय उठा है, जब कुरान के खिलाफ वसीम रिजवी की बयानबाजी पर पहले से विवाद बना है. वसीम ने 26 आयतों को कट्टरपंथ-आतंकवाद को बढ़ावा देने का दावा करते हुए सुप्रीमकोर्ट में एक याचिका दायर कर रखी है, जिसमें ये आयतें हटाने की मांग की है. हालांकि भाजपा ने साफ कर दिया है कि पार्टी किसी धार्मिक ग्रंथ में बदलाव के खिलाफ है. और इस कदम की कड़ी निंदा करती है.
इसे भी पढ़ें : कुरान में कोई फेरबदल नहीं हो सकता, असामाजिक तत्व है वसीम रिजवी : भाजपा
संगीता श्रीवास्तव ने डीएम को जो पत्र लिखा है. उसमें ये भी लिखा है कि रमजान में सहरी के लिए भोर में 4 बजे से ही मस्जिदों से ऐलान होने लगते हैं. ये भी लोगों को परेशान करती है. संगीता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के अफजाल अंसारी बनाम यूपी सरकार केस का हवाला दिया है. ये साफ करते हुए कि मैं किसी धर्म के खिलाफ नहीं हूं. अजान बिना माइक के भी दी जा सकती है.
चूंकि आगे रमजान आ रहे हैं. इसमें कोई डेढ़ महीने का वक्त बाकी है. इसलिए केवल अजान ही नहीं बल्कि अब सहरी में होने वाले ऐलान को बंद कराने की आवाज उठी है. किसी शख्स के लिए ये उसकी निजी स्वतंत्रा का मुद्दा जरूर है. जैसा कि संगीता ने अपने पत्र में कोट किया है कि जहां से किसी के खर्राटे शुरू होते हैं वहां से दूसरी की आजादी खत्म हो जाती है.
बहराहाल, कुरान, अजान और फिर रमजान में तराबीह-इन मुद्दों पर विवाद को लगातार हवा मिलती रह सकती है.