क्या होता है पुलिस कमिश्नरी सिस्टम ? जो अब इन शहरों में होगा लागू

द लीडर हिंदी, लखनऊ। पुलिस हमारी सुरक्षा के लिए होती है. लेकिन पुलिस का नाम सुनते ही लोग डर तो जाते ही है इसके साथ ही कई लोग पुलिस के बारे में अजीब प्रतिक्रिया देते हैं. लेकिन सही मायनों में देखा जाए तो पुलिस हमारी ही सुरक्षा के लिए होती है. बता दें कि, कई लोग पुलिस से इतना घबराते है की, वो अपनी शिकायत भी दर्ज नहीं कर पाते है. उन्हें डर लगा रहता है कि, पुलिस कहीं उन्हें ही गिरफ्तार न कर लें, या उनकी शिकायत न सुने. लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. लोगों की सुरक्षा के लिए ही पुलिस बनाई गई है.


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वहीं अब लोगों की सुरक्षा को देखते हुए ही यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अब उत्तर प्रदेश में लखनऊ, नोएडा, वाराणसी और कानपुर के बाद और चार शहरों में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू किया जाएगा. जिसकी तैयारी भी की जा रही है. गाजियाबाद, प्रयागराज, आगरा और मेरठ ये ऐसे शहर हैं जहां अब पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू किया जाएगा. क्या आप जानते हैं कि, पुलिस कमिश्नरी सिस्टम क्या होता है. और इसे लागू करने के पीछे का क्या मकसद है. तो आइए आपको हम बताते हैं कि, पुलिस कमिश्नरी सिस्टम क्या है. और क्यों इसे सरकार लागू करती है. क्या ये जनता की सुरक्षा के लिए होता है. या फिर इसे लागू करने से अपराधी अब अपने घरों में दुबक के बैठ जाएंगे.

क्या है पुलिस कमिश्नरी सिस्टम ?

बात करें आजादी से पहले की तो, अंग्रेजों के दौर में पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू हुआ करती थी. जिसे आजादी के बाद भारतीय पुलिस ने अपनाया. और यह 100 से ज्यादा महानगरों में सफल भी साबित हुआ. भारतीय पुलिस अधिनियम 1891 के भाग 4 के तहत जिला अधिकारी के पास पुलिस पर नियंत्रण करने के कुछ अधिकार होते हैं, इसके साथ ही दंड प्रक्रिया संहिता यानि सीआरपीसी, एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट को कानून और व्यवस्था को सही ढंग से चलाने के लिए भी कुछ शक्तियां देता है. अंग्रेजों के समय में लागू हुई ये प्रणाली अब देश के के जिलों में लागू की जा रही है. जिससे कानून व्यवस्था में सुधार आ सकें. और लोगों डर के माहौल में जीने को मजबूर न हो सकें.


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पुलिस कमिश्नरी सिस्टम के क्या फायदे है ?

आइए अब आपको बता देतें है कि, पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू होने से क्या फायदे होते हैं. पहली बात तो यह की पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू होने से पुलिस को फायदे तो होंगे ही इसके साथ ही जनता को भी इसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेगा. अभी योगी सरकार गाजियाबाद, प्रयागराज, आगरा और मेरठ में ये व्यवस्था लागू कर रही है. जिससे पुलिस की शक्तियां तो बढ़ेंगी ही साथ ही लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा.

  • कमिश्नरी सिस्टम लागू होते ही पुलिस के अधिकार बढ़ जाएंगे
  • किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पुलिस को अब डीएम या अधिकारियों के फैसले का इंतेजार नहीं करना पड़ेगा
  • अब पुलिस खुद किसी भी स्थिति में फैसला लेने के लिए और ज्यादा ताकतवर हो जाएगी
  • इसके साथ ही जिले की कानून व्यवस्था से जुड़े सभी फैसलों को लेने का अधिकार कमिश्नर के पास होगा
  • होटल, बार और हथियार के लाइसेंस देने का अधिकार भी इसमें शामिल है
  • धरना प्रदर्शन की अनुमति देना या न देना, दंगे के दौरान लाठी चार्ज होगा या नहीं ये सब पुलिस ही तय करती है
  • जमीन की पैमाइश से लेकर जमीन संबंधी विवादों के निस्तारण करने का अधिकार भी अब पुलिस को मिल जाएगा
  • कमिश्नर सिस्टम लागू होते ही एसडीएम और एडीएम को दी गई एग्जीक्यूटिव मैजिस्टेरियल पावर पुलिस को मिल जाती है
  • पुलिस शांति भंग की आशंका में निरुद्ध करने से लेकर गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट और रासुका तक लगा सकेगी. फिलहाल ये सब लगाने के लिए डीएम की सहमति जरूरी होती है.

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पुलिस कमिश्नरी प्रणाली से कैसे होगा काम ?

यहां तो आपने जाना ही पुलिस कमिश्नरी सिस्टम क्या है और इससे क्या फायदे होंगे. इसके साथ ही अब बता दें कि, ये पुलिस कमिश्नरी प्रणाली से कैसे काम होगा. ये तो आपको बता दिया है कि, पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू होने से पुलिस को काफी राहत मिलेगी. लेकिन बता दें कि, इस पुलिस कमिश्नरी सिस्टम के तहत सबसे पहले कमिश्नर का मुख्यालय बनाया जाता है. एडीजी स्तर के सीनियर आईपीएस को पुलिस कमिश्नर बनाकर तैनात किया जाता है. वहीं महानगर को कई जोन में बांटा जाता है. हर जोन में डीसीपी की तैनाती होती है. जो एसएसपी की तरह उस जोन में काम करता है, इसके साथ ही वो उस पूरे जोन के लिए जिम्मेदार होता है. सीओ की तरह एसीपी तैनात होते हैं जो 2 से 4 थानों को देखते हैं.

सूबे की राजधानी में सबसे पहले लागू हुई थी कमिश्नरी प्रणाली

बता दें कि, यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पुलिस कमिश्नरी सिस्टम के संबंध में समीक्षा करने के निर्देश दिए है. यूपी के लाखों से अधिक आबादी वाले शहरों में इस प्रणाली को लागू करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे जिसकी समीक्षा के निर्देश योगी सरकार ने दिए है. बता दें कि, यूपी में सबसे पहले ये प्रणाली कहां लागू की गई थी. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और नोएडा में इस प्रणाली को सबसे पहले लागू किया गया था. इसके बाद ये प्रणाली कानपुर और वाराणसी में लागू की गई. वहीं अब अन्य जिलों में भी इस प्रणाली को जल्द लागू किए जाने की तैयारी चल रही है.


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indra yadav

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