कोलकाता। पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की चार सदस्यीय टीम कल कोलकाता पहुंच गई थी. आज टीम के सदस्य राजभवन पहुंचे हैं. इससे पहले उन्होंने बीजेपी के नेताओं के साथ बात की थी. टीम की अगुवाई एडिशनल सेक्रेटरी रैंक के अफसर कर रहे हैं.
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कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से हिंसा पर रिपोर्ट मांगी
इस बीच कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से हिंसा पर रिपोर्ट मांगी है. इस रिपोर्ट में हिंसा वाली जगह का जिक्र और हिंसा में मारे गए लोगों की विस्तृत जानकारी मांगी गई है. इस रिपोर्ट के आधार पर ही हाई कोर्ट तय करेगा कि, इसकी एसआईटी जांच होगी या नहीं. मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी.
बीजेपी नेताओं ने की MHA की टीम से मुलाकात
गौरतलब है कि, गृह मंत्रालय के चार सदस्यों की टीम गुरुवार को ही कोलकाता पहुंच गई थी. टीम के अफसर कोलकाता स्थित बीएसएफ दफ्तर में ठहरे थे. यहीं पर बीजेपी के नेता दिलीप घोष, शुभेंदु अधिकारी पहुंचे थे और इन्होंने चुनाव के बाद हुई हिंसा के बारे में गृह मंत्रालय की टीम को जानकारी दी थी.
हिंसा की स्थिति का आकलन करेगी टीम
केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने गुरुवार को कहा था कि, एक अतिरिक्त सचिव रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम राज्य में चुनाव के बाद की हिंसा को देखने के लिए पश्चिम बंगाल रवाना हो गई है. अधिकारियों ने कहा था कि, टीम बंगाल में बिगड़ती हिंसा की स्थिति का आकलन करेगी और केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपेगी.
गृह मंत्रालय ने बंगाल सरकार से मांगी है रिपोर्ट
सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से हिंसा पर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी और निर्देश दिया था कि ऐसी घटनाओं को “बिना किसी नुकसान के” रोके जाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं. गृह मंत्रालय ने बुधवार को इस संबंध में सरकार को एक रिमांडर भी जारी किया था.
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बंगाल हिंसा में मारे गए 16 लोग
कल ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि चुनाव के बाद हुई हिंसा में 16 लोग मारे गए, जिसमें आधे बीजेपी तो आधे टीएमसी कार्यकर्ता हैं, एक संयुक्त मोर्चा का है, यह हिंसा उस वक्त हुई, जब कानून व्यवस्था चुनाव आयोग के हाथ में थी, चुनाव के बाद की हिंसा में मरने वालों को बिना किसी भेदभाव के 2-2 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.