द लीडर। चुनाव नजदीक है और इस बीच नेताओं का दल बदलना जारी है. बता दें कि, इस बार चुनाव बेहद खास होने वाला है. क्योंकि, हर किसी की नजर यूपी चुनाव पर है. वहीं सभी पार्टियां अपनी जीत का दम भर रही है. एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां जोर-शोर से तैयारियों में जुट गई हैं. तो वहीं दूसरी तरफ बहराइच में असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम को झटका लगा है. दरअसल, पार्टी के नेता मौलाना सिराज अहमद मदनी ने नवनियुक्त जिलाध्यक्ष राशिद जमील खां के व्यवहार और भाषा शैली के कारण पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. बता दें कि, मौलाना सिराज अहमद मदनी 283, विधानसभा के प्रभारी थे.
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मुस्लिम वोटरों में अपनी बढ़िया पैठ रखते हैं मौलाना मदनी
मौलाना सिराज अहमद मदनी को आने वाले विधानसभा चुनाव में AIMIM से बहराइच सदर सीट का सम्भावित प्रत्याशी भी माना जा रहा था. दरअसल, मौलाना मदनी शहर में मुस्लिम वोटरों में अपनी बढ़िया पैठ भी रखते थे. मदनी 2 सालों से बहराइच शहर में नगर पालिका और विधानसभा के कामों में लापरवाही के खिलाफ लगातार आवाज उठाते रहे हैं और नगर पालिका का घेराव भी करते रहे हैं.
मौलाना सिराज अहमद मदनी ने जिलाध्यक्ष पर लगाए आरोप
AIMIM के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष राशिद जमील खां के कारण मदनी ने पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने जिलाध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा है कि, उन्हें कार्यकर्ताओं से बात करने की तमीज नहीं है. उन्हें अपनी जुबान में लगाम नहीं है. उनके भाषणों और तकरीरों से हिन्दू-मुस्लिम विवाद हो सकता है. वह कार्यकर्ताओं पर बिना किसी कारण आरोप लगाते हैं. इसी कारण से उन्होंने इस्तीफा दे दिया है.
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AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली को भेजा इस्तीफा
मौलाना सिराज अहमद मदनी ने अपना इस्तीफा AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली को भेज दिया है. आपको बता दें कि, राशिद जमील पहले भी उत्तेजित भाषणों के कारण सुर्खियों में रहे हैं. एआईएमआईएम के जिला अध्यक्ष राशिद जमील खां के भाई कैसरगंज विधानसभा से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. दरअसल, एआईएमआईएम ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के 27 जिलों में विधानसभा चुनाव लड़ने की कमान के लिए बहराइच में एक कैंप कार्यालय भी खोला है, जहां से पूर्व यूपी के 27 जिलों पर नजर रखी जाएगी.
ओवैसी की पार्टी को लग सकता है एक और बड़ा झटका
बता दें कि, बहराइच में तो औवेसी की पार्टी को झटका लगा है कि, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी को एक और बड़ा झटका लग सकता है. क्योंकि हाल के दिनों में गठबंधन को लेकर चल रही बातचीत के बीच ही उनके होने वाले सहयोगी ओमप्रकाश राजभर एक बार फिर से बीजेपी के करीब हो गए हैं. उन्होंने कहा है कि, राजनीति में संभावनाएं खुली रहती है. उन्होंने कहा है कि, समाज के लिए जो भी करना होगा करेंगे. मंत्री पद से भी त्यागपत्र उन्होंने समाज के लिए ही दिया था. उन्होंने कहा है कि, सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट, स्नातकोत्तर तक एक समान फ्री शिक्षा, जातिवार जनगणना, घरेलू बिजली बिल, पुलिस में बॉर्डर सीमा समाप्त, होमगार्ड, पीआरडी जवानों को पुलिस समान सुविधा लागू करने जैसी मांगे जो करेगा वो उसके साथ गठबंधन के लिए तैयार हैं.
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राजभर, ओवैसी और चंद्रशेखर के एक मंच पर आने की चर्चा थी
कुछ दिन पहले तक ओपी राजभर, असद्दुदीन ओवैसी और चंद्रशेखर के एक मंच पर आने की चर्चा थी. इस गठबंधन में शिवपाल यादव के आने के भी संकेत मिल रहे थे लेकिन राजभर के बीजेपी के करीब होने के बाद इन अटकलों पर अब विराम लगता दिख रहा है.
पूरा मोर्चा जाएगा साथ- राजभर
बीजेपी के साथ चल रही बातचीत के बीच राजभर ने अब कहा है कि, वो जब भी जाएंगे तो पूरे मोर्चे के साथ जाएंगे. जब उनसे सवाल किया गया कि ओवैसी भी क्या बीजेपी के साथ जाएंगे? उन्होंने कहा कि, वो बीजेपी के विरोधी थे लेकिन अब जाने के लिए तैयार हैं.
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