द लीडर हिंदी, लखनऊ । उत्तर प्रदेश पुलिस ने नोयडा में कथित रूप से धर्मांतरण कराने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. आतंकवादी निरोधी दस्ता (ATS)ने उमर और जहांगीर, दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो मौलाना बताए जा रहे हैं. पुलिस का दावा है कि धनबल के दम पर, पिछले दो साल से सुनियोजित तरीके से धर्मांतरण का सिलसिला चल रहा था. यह भी पढ़े: इब्राहिम रईसी के ईरान का नया राष्ट्रपति बनने पर इसराइल ने दी प्रतिक्रिया, बेनेट बोले- तेहरान के जल्लाद
सोमवार को राज्य के एडीजी-कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने ‘धर्मांतरण गिरोह’ का खुलासा करते हुए कहा कि इसने मूक बधिर बच्चे और महिलाओं का भी धर्म परिवर्तन कराया है. जिसमें नोयडा के एक मूक बधिर विद्यालय के 18 विद्यार्थी भी शामिल हैं. बीते एक साल में करीब 350 लोगों का धर्म बदला जा चुका है. और दो साल में यानी अब तक एक हजार लोगों का धर्मांतरण करा चुका है.
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एडीजी प्रशांत कुमार ने धर्मांतरण में विदेशी फंडिंग के साक्ष्य भी हाथ लगने की बात कही है. उन्होंने धर्मांतरण कराने वालों में कई लोग शामिल हैं और अब तक की ाजांच के आधार पर ऐसी संभावना है कि इसमें 100 के आस-पास लोग शामिल हैं.
उमर और जहांगीर पर गंभीर आरोप
धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी. ये दोनों दिल्ली के जामिया नगर के रहने वाले हैं. इनके खिलाफ यूपी ही नहीं बल्कि देश के दूसरे हिस्सों में भी धर्मांतरण का इल्जाम है.
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मामले पर गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज
बहरहाल, एटीएस ने लखनऊ के गोमतीनगर थाने में धर्मांतरण मामले में एफआईआर दर्ज कराई है. इसमें दिल्ली के जामिया नगर के इस्लामिक दावा सेंटर के अध्यक्ष को भी आरोपी बनाया गया है.
एटीएस कर रही पूछताछ
एटीएस दोनों आरोपियों से पिछले चार दिनों से लगातार पूछताछ कर रही है. जिसमें ये तथ्य भी सामने आया है कि मोहम्मद उमर गौतम, जो पहले हिंदू थे. बाद में उन्होंने मुस्लिम धर्म अपना लिया.