द लीडर : पश्चिम बंगाल समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. ऐसे में जब कांग्रेस (Congress) को इन चुनावी राज्यों में मजबूती के साथ लड़ने की योजना पर काम करना चाहिए. तब, उसके असंतुष्ट (Unsatisfied Leaders) जी-23 नेताओं का एक समूह जम्मू में इकट्ठा होता है. और कांग्रेस की कमजोरी का एहसास बयान करता है. चुनावी बसंत में पार्टी हाईकमान से इस कदर असहमति का जगजाहिर होना, यकीनन उसकी कमजोरी का ही सुबूत है. (Unsatisfied Congress Leader Jammu)
शनिवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) तमिलनाडु के दौरे पर थे. जब वे भाजपा और आरएसएस (BJP, RSS) पर देश की संवैधानिक संस्थाओं को बर्बाद किए जाने का आरोप लगा रहे थे. ठीक उसी समय कांग्रेस के जी-23 नेता जम्मू के शांति सम्मेलन में सिर पर भगवा साफा बांधकर पार्टी नेतृत्व की कमजोरियां बयां कर रहे थे.
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गांधी ग्लोबल फैमिली-एनजीओ-जिसके प्रमुख, पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद बताए जाते हैं, कि ओर से ये सम्मेलन बुलाया गया था. इसमें पार्टी नेताओं ने गुलाम नबी आजाद को दोबारा राज्यसभा के लिए नामित न किए जाने पर हैरानी भरी चिंता जताई.
पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि, इसमें कोई दोराय नहीं कि आज हमें कांग्रेस पार्टी कमजोर होती नजर आ रही है. हम नहीं चाहते थे कि गुलाम नबी आजाद संसद से कभी आजाद हो पाएं. उनके पास सभी मंत्रालय संभालने का तजुर्बा है. मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि कांग्रेस उनके अनुभव का इस्तेमाल क्यों नहीं कर पा रही है.
सच्चाई ये है कि कांग्रेस पार्टी हमें कमजोर होती दिखाई दे रही है और इसलिए हम यहां इकट्ठा हुए हैं। हमें इकट्ठा होकर पार्टी को मजबूत करना है। गांधी जी सच्चाई के रास्ते पर चलते थे, ये सरकार झूठ के रास्ते पर चल रही है: जम्मू में शांति-सम्मेलन में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल pic.twitter.com/vK6dOFU329
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 27, 2021
वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि किसी खिड़की या रोशनदान से नहीं आए हैं. हम छात्र आंदोलन के जरिये राजनीति में दाखिल हुए. मैंने, ये हक किसी को नहीं दिया कि वो मुझे बताएं-मैं कांग्रेसी हूं या नहीं. हम बता सकते हैं कि कांग्रेस क्या है. हम लोगों में से कोई भी ऊपर से नहीं आया है. बोले-दो भाई अलग-अलग विचार रखते हों. इसका मतलब ये नहीं कि घर टूट जाएगा.
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वहीं, यूपी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और अभिनेता रहे राज बब्बर ने कहा कि लोग कहते हैं कि जी-23. मैं कहता हूं गांधी-23. महात्मा गांधी के विश्वास, संकल्प और सोच के साथ इस देश के कानून और संविधान का गठन किया गया था. कांग्रेस इसे आगे ले जाने के लिए पूरी ताकत के साथ खड़ी है. जी-23 चाहता है कि कांग्रेस मजबूत बने. और इसी मकसद के साथ हम लोग यहां जमा हुए हैं.
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पिछले पांच-छह सालों से मेरे ये सभी दोस्त जम्मू-कश्मीर को लेकर, बेरोजगारी, राज्य का दर्जा खत्म किए जाने, शिक्षा आदि मुद्दों पर बोलते रहे हैं. हम समान रूप से सबकी इज्जत करते हैं और यही हमारी ताकत है. इसे हम आगे भी जारी रखेंगे. (Unsatisfied Congress Leader Jammu)
मैं राज्यसभा से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से रिटायर नहीं हुआ और मैं संसद से पहली बार रिटायर नहीं हुआ हूं: जम्मू में शांति-सम्मेलन में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद pic.twitter.com/dAOJDZmbQM
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 27, 2021
पिछले साल भी कांग्रेस के इसी धड़े से पार्टी हाईकमान को लेकर सवाल उठाए गए थे. सम्मेलन में पार्टी नेताओं ने उस बात पर भी चिंता जताई कि राज्यसभा से रिटायर होने पर पार्टी ने गुलाम नबी आजाद को वो सम्मान नहीं दिया. जिसके वे हकदार थे. (Unsatisfied Congress Leader Jammu)