द लीडर। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है. आज युद्ध का तीसरा दिन है. राजधानी कीव में बमबारी और धमाके जारी है. इस बीच, यूक्रेन की ओर से बड़ा दावा किया गया है। यूक्रेन ने कहा है कि, उसने रूस के कई सैनिकों को मार गिराया है.
एक वीडियो संदेश में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने लोगों से कहा है कि, यूक्रेनी सेना की घुटने टेकने से जुड़ी बातें महज अफवाह हैं. वे लोग आखिरी दम तक लड़ेंगे. वे मजबूती से रूस का मुकाबला कर रहे हैं.
भारत और चीन ने की यूक्रेन पर हमले की निंदा
उधर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत और चीन ने यूक्रेन पर हमले की निंदा की, पर सुरक्षा परिषद के वोट से परहेज कर दिया. यूक्रेन पर यूएनएससी मीटिंग में संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने कहा कि, यूक्रेन में जो हुआ, भारत उससे बेहद परेशान है.
आग्रह हैं कि हिंसा और शत्रुता को तत्काल खत्म कर सभी प्रयास किए हों. नागरिकों के जीवन की सुरक्षा के लिए अभी तक कोई भी समाधान नहीं निकाला गया है. तिरुमूर्ति के बयान के मुताबिक, सभी सदस्य देशों को रचनात्मक तरीके से आगे बढ़ने के लिए सिद्धांतों का सम्मान करने की जरूरत है.
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मतभेदों और विवादों को निपटाने के लिए संवाद ही एकमात्र उत्तर है. हालांकि इस समय ये कठिन लग सकता है. इस बात से खेद है कि कूटनीति का रास्ता छोड़ दिया गया है, पर हमें उस पर लौटना होगा. इन सभी कारणों से, भारत ने इस प्रस्ताव पर परहेज़ करने का विकल्प चुना है.
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने ठुकराया अमेरिका का ऑफर
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि, उन्होंने देश छोड़ने के अमेरिका के ऑफर को ठुकरा दिया है. उन्होंने अमेरिका से कहा कि, उन्हें ना तो हथियार चाहिए ना ही सवारी. दरअसल आज अमेरिकी वायुसेना के तीन विमान रोमानिया हवाई क्षेत्र में उड़ाने भरते देखे गए हैं. कहा जा रहा है कि, ये विमान अमेरिका की ओर से रेस्कयू के लिए भेजे गए थे.
भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए बुकारेस्ट में लैंड हुआ विमान
भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए बुकारेस्ट में विमान लैंड हो गई है, यह विमान आज तड़के मुम्बई से रवाना हुआ था. बुकारेस्ट से भारतीयों को Airlift करने के बाद यह विमान वापस मुंबई के लिए उड़ान भरेगा.
यह विमान Boeing 787 है और इसमें 250 से ज्यादा यात्री एक साथ आ सकते है. वहीं यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के बीच अब बुल्गारिया ने भी रूसी विमानों के लिए अपना एयर स्पेस (Airspace) को बंद कर दिया है.
रूस और यूक्रेन का युद्ध भारत पर पड़ेगा भारी
रूस और यूक्रेन के युद्ध का असर भारत में महंगाई भी बढ़ा सकता है. और साथ ही इन दोनों देशों के साथ व्यापार पर भी असर पड़ना तय है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, हालांकि इसके बावजूद भारत में तेल के दाम नहीं बढ़े, क्योंकि चुनाव चल रहे हैं. वैसे देश में पिछले साल की 4 नवंबर से लेकर अब तक तेल के दाम नहीं बढ़े हैं. लेकिन चुनाव खत्म होते ही दाम बढ़ना तय माना जा रहा है.
भारत में थोक महंगाई में 2-3 फीसदी का इजाफा होगा
कच्चे तेल के दामों में 10 फीसदी बढ़ोतरी से भी थोक महंगाई में लगभग 0.9 फीसदी की बढ़ोतरी होगी.कच्चे तेल के दाम अगर 100 डॉलर प्रति बैरल से ज़्यादा बने रहे तो भारत में थोक महंगाई में लगभग 2-3 फीसदी का इजाफा होगा. कच्चा तेल के हरेक 1 डॉलर प्रति बैरल बढ़ने पर देश पर तो 10 हजार करोड़ का बोझ बढ़ेगा.
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यूक्रेन दुनिया का सबसे बड़ा सनफ्लावर उगाने वाला देश भी है. इसलिए इस युद्ध का असर सूरजमुखी के तेल के दामों पर भी पड़ेगा. 2020-21 में भारत ने यूक्रेन से 14 लाख टन सनफ्लावर ऑयल आयात किया था. अब युद्ध छिड़ा है, तो सनफ्लावर ऑयल की कीमतों में उछाल देखा जा सकता है
अब तक गाजियाबाद इंडस्ट्री एसोसिएशन को करोड़ों का नुकसान
रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध का असर गाजियाबाद के व्यापार पर भी पड़ा है. यहां करीब 80 से 100 फैक्ट्री ऐसी हैं जिनका इन दोनों देशों से एक्सपोर्ट या इंपोर्ट का काम है. इन दोनों देशों में गाजियाबाद से कृषि का सामान और कपड़े का निर्यात होता है.
जबकि रूस और यूक्रेन से व्यापारी पेट्रोलियम पदार्थ और केमिकल आयात होता है. लेकिन युद्ध की वजह से कुछ भी इंपोर्ट एक्सपोर्ट नहीं हो पा रहा है. गाजियाबाद इंडस्ट्री एसोसिएशन को अब तक करीब 100 करोड़ का नुकसान हो चुका है.
भारत और रूस का आयात-निर्यात
भारत रूस को कपड़े, फार्मा उत्पाद, इलेक्ट्रिकल मशीनरी, लोहा, स्टील, कैमिकल, कॉफी और चाय का निर्यात करता है. पिछले साल भारत ने रूस को 19,649 करोड़ रुपये का निर्यात किया और 40,632 करोड़ रुपये का आयात किया.
भारत का यूक्रेन को निर्यात और आयात
यूक्रेन को भी भारत कपड़े, फार्मा उत्पाद, दालें, कैमिकल, प्लास्टिक का सामान, इलेक्ट्रिक मशीनरी का निर्यात करता है. इसी तरह से पिछले साल यूक्रेन को भारत ने 3,338 करोड़ रुपये का निर्यात किया और 15,865 करोड़ रुपये का आयात किया.
जल्द से जल्द युद्ध पर लगे विराम- अर्थशास्त्री?
अर्थशास्त्री शरद कोहली का कहना है कि, एमएसएमई सेक्टर भारत के 95 प्रतिशत से भी ज्यादा बिजनेस से मिलकर बनता है. अगर एमएसएमई सेक्टर युद्ध के कारण डिस्टर्ब होता है तो इसकी वजह से साथ ही इनपुट कॉस्ट फ्यूल इनफ्लेशन के कारण अगर फ्यूल की प्राइस बढ़ती है तो जीडीपी के ग्रोथ में 20 से 30 परसेंट असर पड़ेगा.
लिहाजा ग्रोथ कम होगी तो रेवेन्यू गिरेगा जिससे नौकरी में छंटनी होगी तो इससे सीधा सीधा बेरोजगारी पर असर पड़ेगा. यानी युद्ध हर लिहाज से भारत के लिए भी अच्छा नहीं है, इसीलिए जल्द से जल्द युद्ध विराम होना चाहिए.
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