नई दिल्ली: माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का अकाउंट दोबारा वेरिफाइड कर दिया है। सरकार की नाराजगी के बाद ट्विटर ने ये कदम उठाया है।सरकार की ओर से साफ तौर पर कहा गया था कि उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है।संविधानिक पद पर बैठे व्यक्ति किसी पार्टी का हिस्सा नहीं होते।इसलिए सरकार ट्विटर की इस हरकत को संवैधानिक अनादर की नजर से देखती है।
इससे पहले ट्विटर ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है,ट्विटर ने भारत के उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू के ट्विटर अकाउंट को अनवेरिफाइड करते हुए उसमें से ‘ब्लू टिक’ हटा दिया था। जैसे ही उपराष्ट्रपति के अकाउंट से ब्लू टिक हटने की खबर आई तो ट्विटर पर ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा था।सरकार की तरफ से भी नाराजगी व्यक्त की गई थी।
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भाजपा नेता सुरेश नाखुआ ने सवाल करते हुए कहा, ‘ट्विटर ने उपराष्ट्रपति के हैंडल से क्यों ब्लू टिक हटाया? यह भारत के संविधान पर हमला है।’ हालांकि कई यूजर्स का मानना है कि अकाउंट सक्रिय नहीं था इस कारण हो सकता है उसे अनवेरिफाइड कर दिया हो।
Why did @Twitter @TwitterIndia remove Blue tick from the handle of Vice President of India Shri @MVenkaiahNaidu ji ?
This is assault of Constitution of India. pic.twitter.com/CBQviuBa3x
— Suresh Nakhua 🇮🇳 (@SureshNakhua) June 4, 2021
किस स्थिति में हटता है ब्लू टिक
Twitter की सेवा की शर्तों के अनुसार, यदि कोई अपने हैंडल का नाम (@handle) बदलता हैं, यदि किसी का अकाउंट निष्क्रिय या अधूरा हो जाता है, या यदि यूजर अब उस स्थिति में नहीं हैं, जिसके कारण आपको शुरू में सत्यापित किया गया था – जैसे कि एक निर्वाचित सरकारी अधिकारी जो कार्यालय छोड़ देता है – और सत्यापन के लिए हमारे मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं, तो आप अपना बैज खो सकते हैं
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आपको बता दें कि सरकार की नई गाइडलाइन के बीच ट्विटर और सरकार के बीच हालिया दिनों में विवाद बढ़ा है।ट्विटर भारत सरकार की सोशल मीडिया कई नई गाइडलाइन मानने को तैयार हो गया है। बीते दिनों ट्विटर ने दिल्ली हाई कोर्ट में बताया कि उसने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 का अनुपालन कर लिया है और 28 मई को ही उसने शिकायत अधिकारी को भी नियुक्त कर दिया है।
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