द लीडर : बांग्लादेश की सरहद से सटा भारत का पूर्वोत्तर राज्य-त्रिपुरा, पिछले सप्ताह भर से सांप्रदायिक हिंसा की नफरत में सुलग रहा है. हिंदुत्ववादी संगठनों के निशाने पर अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय है, जिनकी मस्जिद, मकान और दुकानों पर हमलों की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. इसके खिलाफ देश के अल्पसंख्यक समुदाय में आक्रोश है. इसके विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग समेत कुछ दूसरे हिस्सो में विरोध-प्रदर्शन हुए हैं. (Tripura Violence Protest Delhi)
स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑग्रेनाइजेशन ऑफ इंडिया (SIO) यूनाइटेड अगेंस्ट हेट संस्था और अन्य संगठनों ने दिल्ली के त्रिपुरा भवन के बाहर प्रदर्शन का आह्वान कर रखा है. जहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. असम से लेकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी तक अल्पसंख्यक समुदाय विरोध-प्रदर्शन कर त्रिपुरा में शांति बहाली की मांग कर रहा है.
प्रदर्शन के बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया है. और भवन के बाहर पुलिस बल की संख्या बढ़ा दी गई है.
एसआइओ के मुताबिक, राज्य में 21 बड़ी घटनाएं हुई हैं, जिनमें 15 जगहों पर मस्जिदों को निशाना बनाया गया है. मुस्लिम समुदाय की दुकानें जला दी गईं. मकानों पर हमले हुए. और भगवा झंडे लगाए गए हैं.
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दूसरी तरफ त्रिपुरा पुलिस के आइजी कानून व्यवस्था सौरभ त्रिपाठी ने राज्य में शांति कायम होने का दावा किया है. गुरुवार को एक वीडियो संदेश में आइजी त्रिपाठी ने हिंसा को नकारते हुए मस्जिदों में आगजनी की खबरों को अफवाह बताया था. इसके संदर्भ में उन्होंने पाणीसागर जिले की मस्जिद का हवाला दिया. हालांकि जिस तरह से राज्य के दूसरे हिस्सों से जो तस्वीरें सामने आई हैं. वो पुलिस के दावों की हकीकत बयान करती हैं. (Tripura Violence Protest Delhi)
त्रिपुरा भवन के बाहर भारी संख्या में छात्र और सामाजिक संगठनों के सदस्य पहुंचकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. और हिंसा पर रोक लगाने की मांग लगा रहे हैं.
त्रिपुरा में बांग्लादेश में दुर्गापूजा पर हुई हिंसा के खिलाफ हिंदुत्ववादी संगठन रैलियां निकाल रहे हैं. यही रैलियां हिंसक होकर अल्पसंख्यकों को निशाना बना रही हैं. अब तक कई मस्जिदों में तोड़फोड़ की घटनाएं हो चुकी हैं. इसी के विरोध में छात्र और मुस्लिम संगठन प्रदर्शन के लिए दिल्ली के त्रिपुरा भवन के बाहर जमा हुए थे. जहां से उन्हें हिरासत में ले लिया गया है.