द लीडर। यूपी में कल पांचवें चरण का मतदान होना है। वहीं अब सभी दल छठवें चरण के चुनाव को लेकर प्रचार कर रहे है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव सात चरणों में सम्पन्न होना है जिसमें से चार चरण पूरे हो चुके हैं। चौथे चरण का मतदान बुधवार को सम्पन्न हुआ। हालांकि इस बार चुनाव का प्रतिशत पिछले चुनाव से एक फीसदी कम दर्ज किया गया जिसने राजनीतिक दलों की चिंता बढ़ा दी है।
दूसरी ओर यदि देखा जाए तो पिछले चुनाव में 2012 के विधानसभा चुनाव की अपेक्षा वोटिंग में पांच फीसदी का इजाफा हुआ था जिसका फायदा बीजेपी को मिला था लेकिन अबकी बार मतदान का फीसदी घटने से इसका क्या प्रभाव पड़ेगा। राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो, चुनाव का प्रतिशत घटने से सीटों को लेकर जीत हार में थोड़ा ही अंतर देखने को मिल सकता है।
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इस बार चौथे चरण में करीब 61.65% वोटिंग हुई है। 2017 में इन्हीं 59 सीटों पर 62.55% मतदान हुआ था, यानी इस बार करीब 1% कम वोटिंग हुई है। 2012 में इन 59 सीटों पर 57.52% वोटिंग हुई थी। वहीं, 2012 की तुलना में 2017 में वोटिंग में 5% का इजाफा हुआ था।
सत्ताधारी दल भाजपा को फायदा होने के आसार
पिछले 3 चुनावों में इन 59 सीटों के आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि, जब-जब वोट प्रतिशत बढ़े तो उस समय के विपक्षी दलों को फायदा हुआ। 2012 में 8% बढ़ने पर सपा को 22 और 2017 में 5% वोटिंग बढ़ने पर भाजपा को यहां 48 सीटों का फायदा हुआ था। इस लिहाज से सत्ताधारी दल भाजपा को फायदा होने के आसार हैं।
राजनीतिक विश्लेषक देवमणि त्रिपाठी कहते हैं कि, 2017 में 62.55% वोटिंग हुई तो भाजपा को इन 59 सीटों में से 51 पर जीत मिली थी, जबकि 2012 में 57.52% वोटिंग हुई थी। तब भाजपा को इन 59 सीटों में से महज 3 सीटें मिली थीं। यानी 2017 में 5% वोटिंग बढ़ने पर भाजपा को 48 सीटों का फायदा हुआ था। इसी तरह सपा को 2012 में इस इलाके में 39 सीटें मिली थीं।
2017 में बसपा को 2 और कांग्रेस को 2 सीट मिलीं
2017 में महज 4 सीटें मिलीं, यानी 5% वोटिंग बढ़ने पर सपा 35 सीटों का नुकसान हुआ। 2017 में बसपा को 2 और कांग्रेस को 2 सीट मिलीं। बसपा को 11 और कांग्रेस को 1 सीटों का नुकसान हुआ। 2012 में बसपा को यहां की 59 सीटों में से 13, कांग्रेस को 3 सीटों पर जीत मिली थी।
राजनीतिक विश्लेषक देवमणि त्रिपाठी बताते हैं कि, इसी तरह 2007 में इन्हीं 59 सीटों पर करीब 49% वोटिंग हुई थी। तब भाजपा को 9 सीटें मिली थीं। सपा को 17 और बसपा को 27 सीटों पर जीत मिली थी। तब बसपा की सरकार बनी थी। 2012 में इन्हीं 59 सीटों पर 57.52% वोटिंग हुई थी।
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इस बार वोटिंग में तकरीबन 5% का इजाफा हुआ। इसका फायदा मुख्य विपक्षी दल सपा को हुआ। सपा को यहां 59 में से 39 सीटों पर जीत मिली यानी 22 सीटों का फायदा हुआ। वहीं बसपा को 13 सीटें मिलीं, यानी 14 सीटों का नुकसान हुआ।
कल पांचवें चरण की वोटिंग
उत्तर प्रदेश में कल पांचवें चरण की वोटिंग की वोटिंग होगी। इस चरण में राज्य के 12 जिलों की 61 सीटों पर वोटिंग होगी। इनमें से 13 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। इस चरण कुल 693 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। राज्य में चार चरणों में अब तक 403 में से 231 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है।
पांचवें चरण के 12 जिलों में अमेठी, रायबरेली, सुल्तानपुर, चित्रकूट, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, प्रयागराज, बाराबंकी, अयोध्या, बहराइच, श्रावस्ती एवं गोण्डा विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होगा। वोटिंग सुबह 7 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक वोटिंग होगी।
पांचवें चरण में इन सीटों पर होगा चुनाव
तिलोई, सलोन (सुरक्षित), जगदीशपुर (सुरक्षित), गौरीगंज, अमेठी, इसौली, सुलतानपुर, सदर, लम्भुआ, कादीपुर (सुरक्षित), चित्रकूट, मानिकपुर, रामपुर खास, बाबागंज (सुरक्षित), कुंडा, विश्वनाथगंज, प्रतापगढ़, पट्टी, रानीगंज, सिराथू, मंझनपुर (सुरक्षित), चायल, फाफामऊ, सोरावं (सुरक्षित), फूलपुर, प्रतापपुर, हंडिया, मेजा, करछना, इलाहाबाद पश्चिम, इलाहाबाद उत्तर, इलाहाबाद दक्षिण, बारा (सुरक्षित), कोरांव (सुरक्षित), कुर्सी, राम नगर, बाराबंकी, जैदपुर (सुरक्षित), दरियाबाद, रुदौली, हैदरगढ़ (सुरक्षित), मिल्कीपुर (सुरक्षित), बीकापुर, अयोध्या, गोसाईगंज, बलहा (सुरक्षित), नानपारा, मटेरा, महसी, बहराइच, पयागपुर, कैसरगंज, भिनगा, श्रावस्ती, मेहनौन, गोंडा, कटरा बाजार, कर्नलगंज, तरबगंज, मनकापुर (सुरक्षित) व गौरा।
पांचवें चरण के दिग्गज उम्मीदवार
इस चरण में योगी सरकार के कई मंत्री भी चुनावी मैदान में हैं। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सिराथू से, कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह पट्टी से, कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह इलाहाबाद पश्चिम से चुनाव लड़ रहे हैं।
वहीं मंत्री नंद गोपाल नंदी इलाहाबाद दक्षिण से, समाज कल्याण मंत्री रमापकि शास्त्री मनकापुर से, राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय चित्रकूट सदन से, मंत्री मुकुट बिहारी की जगह उनके बेटे चुनावी मैदान में है।
कुंडा से प्रतापगढ़ के रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया इस बार अपनी जनसत्ता पार्टी से चुनावी मैदान में हैं। वहीं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की मां कृष्णा पटेल प्रतापगढ़ सदर और बहन पल्लवी पटेल सिराथू सीट से चुनावी मैदान में है। मां और बहन सपा गठबंधन के साथ है वहीं केंद्रीय मंत्री बीजेपी के साथ हैं।
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