रमज़ान का यह मुबारक महीना और इज़रायल का निहत्थे फिलस्तीनियों पर ज़ुल्म

The Leader. सब्र के महीने रमज़ान में इजरायल पुलिस निहत्थे फिलस्तीनियों पर हमलावर है. येरुशलम की मस्जिद अल अक्सा बैतुल मुक़द्दस से दिल दहलाने वाले वीडियो और फोटो सामने आ रहे हैं. बुधवार को इजरायली पुलिस येरुशलम की अल-अक्सा मस्जिद में घुस गई और नियत बांधे नमाज पढ़ रहे लोगों को बल प्रयोग करके खदेड़ना शुरू कर दिया. इसे लेकर इजरायली पुलिस और नमाज पढ़ रहे लोगों के बीच संघर्ष शुरु हो गया. इस दौरान अल-अक़्सा मस्जिद में पटाखों, गोली बारी और चीख-पुकार की गूंज सुनाई दी. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में भी पुलिस मस्जिद में कुछ लोगों को बंधक बनाकर पिटाई करती दिख रही है. लोगों को टॉर्च की रोशनी में लाठी-डंडों से पीटा जा रहा है. वहीं, मस्जिद के अंदर जमकर तोड़फोड़ किए जाने के वीडियो भी सामने आए हैं.


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रमजान के महीने में अल-अक्सा मस्जिद के अंदर झड़प होने और नमाजियों से मारपीट पर पूरे अरब समेत मुस्लिम देशों से उग्र प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं. सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस तरह की घटनाएं शांति के प्रयासों को कमजोर करती हैं. मंत्रालय ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों और मानदंडों का उल्लंघन है.
उधर, इजरायली पुलिस ने अल-अक्सा मस्जिद परिसर में लगातार दूसरे दिन भी कार्रवाई जारी रखी. जिसके बाद संघर्ष तेज हो गया है. गाजा पट्टी से इजरायल की ओर कई रॉकेट दागे गए. जवाब में इजरायल की ओर से हवाई हमले किए गए. खबर है कि इजरायली टैंकों ने हमास के ठिकानों पर भी गोलाबारी की. फिलिस्तीन के कथित इस्लामी चरमपंथी संगठन हमास ने रॉकेट हमलों की जिम्मेदारी तो नहीं ली, लेकिन अल-अक्सा पर हुई छापेमारी को लेकर प्रतिक्रिया देने की बात कही है. इससे इजरायल और फिलिस्तीन के बीच तनाव और बढ़ गया.


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दरअसल, अल अक्‍सा मस्जिद को लेकर पिछले कई सालों से इजरायल और फिलस्‍तीन के बीच विवाद चल रहा है.
अल-अक्सा मस्जिद टेंपल माउंट पर स्थित है। इजरायल में बसे यहूदी इसे हर हा-बायित कहते हैं और मुसलमान इसे अल-हरम-अल शरीफ के तौर पर बुलाते हैं। मुसलमानों के लिए अल अक्सा मस्जिद मक्‍का और मदीना के बाद इस्‍लाम की तीसरी सबसे पवित्र जगह है. इस जगह पर इजरायल और फिलस्‍तीन के दावे ने इसे संघर्ष की एक जगह में तब्‍दील कर दिया है। इससे पहले मई 2021 में भी यहां पर विवाद हुआ था और 11 दिन तक युद्ध चला था. इसके बाद जाकर स्थिति सामान्‍य हो सकी थी.


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अल अक्सा मस्जिद में बुधवार को हुए हालिया घटनाक्रम को लेकर इजरायल और फिलिस्तीन की ओर से प्रतिक्रिया भी आई है. येरुशलम इस्लामिक वक्फ का कहना है कि पुलिस ने प्रार्थना करने वालों को तितर-बितर करने के लिए स्टन ग्रेनेड और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया। वहीं, आधिकारिक फिलिस्तीनी समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएफए की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने मस्जिद परिसर में उस समय धावा बोल दिया, जब लगभग 20,000 लोग रमजान में तरावीह की नमाज अदा कर रहे थे। वहीं, इजरायल का कहना है कि मास्‍क पहने कुछ आंदोलनकारी मस्जिद में दाखिल हो गए और उन्‍होंने मस्जिद को अंदर से लॉक कर लिया तो इजरायली रक्षा बलों को मस्जिद में दाखिल होना पड़ा। इजरायल ने यह दावा भी किया कि प्रदर्शनकारियों की तरफ से पुलिस पर पत्‍थर चलाए गए और उनके पास हथियार भी थे। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार अल-अक्सा परिसर में संघर्ष के दौरान कम से कम 12 लोग घायल हो गए.

फिलहाल, रमजान के महीने में अल अक्सा मस्जिद के अंदर हुई झड़प की घटना ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है. मुस्लिम देशों की ओर से इसका जमकर विरोध किया जा रहा है. वहीं, इजरायल और हमास के बीच बढ़ते तनाव से एक बार फिर युद्ध की स्थिति बनती दिख रही है.

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