द लीडर । भारत में कई चीजें ऐसी है जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर लोग आते हैं. क्या आप जानते हैं कि, हमारे देश भारत में ऐसे कई खूबसूरत पुल मौजूद हैं. वैसे तो जब भी खूबसूरत जगहों का जिक्र आता है तो कई लोगों के मन में विदेश का ख्याल आता है. लेकिन भारत देश में भी कई खूबसूरत और दिलकश जगहें हैं. अगर घूमने के शौकीन हैं तो यकीनन जिंदगी में एक बार इन जगहों की सैर जरूर करने जाएं. भारत की इन जगहों को देखने के बाद आपका मन खुश हो जाएगा. बता दें कि, भारत के इन सबसे खूबसूरत और सबसे लंबे पुलों को देखने के लिए टूरिस्ट दूर-दूर से आते हैं. पानी के ऊपर बने ये पुल अपनी खूबियों के लिए दुनिया भर में मशहूर हैं.
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1. बांद्रा-वर्ली समुद्रसेतु-
बांद्रा-वर्ली समुद्रसेतु आधिकारिक तौर पर राजीव गांधी सागर सेतु के नाम से जाना जाता है. यह बांद्रा को बोर्ली से जोड़ता है और इसकी लंबाई 5.5 किलोमीटर है. एक आंकड़े के मुताबिक रोजाना इस पर करीब 45000 वाहन चलते हैं. यह सेतु मुंबई और भारत में अपने प्रकार का प्रथम पुल है। इस सेतु-परियोजना की कुल लागत 16.50 अरब रु. है। इस पुल की केवल प्रकाश-व्यवस्था करने के लिए ही 9 करोड़ रु. का व्यय किया गया है। इसके कुल निर्माण में 38,००० कि.मी इस्पात रस्सियां, ५,७५,००० टन कांक्रीट और ६,००० श्रमिक लगे हैं। इस सेतु में लगने वाले इस्पात के खास तारों को चीन से मंगाया गया था। जंग से बचाने के लिए इन तारों पर खास तरह का पेंट लगाने के साथ प्लास्टिक के आवरण भी चढ़ाए गए हैं।
बता दें कि, यह बांद्रा को मुम्बई के पश्चिमी और दक्षिणी (वर्ली) उपनगरों से जोड़ता है और यह पश्चिमी-द्वीप महामार्ग प्रणाली का प्रथम चरण है। 16 अरब रुपये की महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम की इस परियोजना के इस चरण को हिन्दुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा पूरा किया गया है। इस पुल का उद्घाटन 30 जून 2009 को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन प्रमुख श्रीमती सोनिया गांधी द्वारा किया गया लेकिन जन साधारण के लिए इसे 1 जुलाई, 2009 को मध्य-रात्रि से खोला गया।
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2. महात्मा गांधी सेतु-
गंगा नदी पर बना महात्मा गांधी सेतु पटना से हाजीपुर को जोड़ता है. यह भारत का नदी पर बना सबसे लंबा पुल है, इसकी लंबाई 5.6 किलोमीटर है. महात्मा गांधी सेतु बिहार राज्य के प्रमुख पर्यटक आकर्षण में से एक है. महात्मा गांधी सेतु पटना से वैशाली जिला को जोड़ने को लिये गंगा नदी पर उत्तर-दक्षिण की दिशा में बना एक पुल है। यह दुनिया का सबसे लम्बा, एक ही नदी पर बना सड़क पुल है। इसकी लम्बाई 5,750 मीटर है। भारत की प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने इसका उद्घाटन मई 1982 में किया था। इसका निर्माण गैमोन इंडिया लिमिटेड ने किया था। वर्तमान में यह राष्ट्रीय राजमार्ग 19 का हिस्सा है। बाद में, महात्मा गांधी सेतु पर त्रिकोणीय स्टील ट्रस स्थापित करने के लिए गांधी सेतु पुनर्वास परियोजना शुरू की गई।
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3. विक्रमशिला सेतु–
गंगा पर निर्मित इस पुल का नाम विक्रमशिला यूनिवर्सिटी के नाम पर रखा गया था. यह राष्ट्रीय राजमार्ग 80 और 31 के समानांतर और गंगा के विपरीत बनाया गया है. इस पुल की कुल लंबाई 4.7 किमी है.
बता दें कि, विक्रमशिला सेतु बिहार के भागलपुर के पास गंगा के ऊपर निर्मित एक पुल है, जिसका नाम विक्रमाशिला के प्राचीन महाविहार के नाम पर रखा गया था। इस महाविहार का निर्माण राजा धर्मपाल (783 से 820 ई) ने किया था। विक्रमशिला सेतु भारत में पानी पर 5वां सबसे लंबा पुल है। 4.7 किमी लंबा दो लेन पुल गंगा के दोनों ओर निर्मित एनएच 80 और एनएच 31 के बीच एक लिंक के रूप में कार्य करता है। यह गंगा के दक्षिण तट पर भागलपुर की तरफ बरारी घाट से उत्तर तट पर नवगछिया तक है। यह सेतु भागलपुर को पूर्णिया और कैथीर से भी जोड़ता है। इसने भागलपुर और गंगा में स्थानों के बीच सड़क यात्रा दूरी को काफी कम कर दिया है।
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4. वेम्बानाड पुल-
केरल में स्थित वेम्बानाड पुल की लंबाई करीब 4.62 किलोमीटर है. यह पुल केवल माल गाड़ियों और यातायात के लिए प्रयोग किया जाता है. वेम्बानाड पुल की सबसे बड़ी खासियत यह कि यह झील के ऊपर बना है.
पुल का निर्माण जून 2007 में शुरू हुआ और 31 मार्च 2010 को पूरा हुआ। रेल पुल का निर्माण रेल विकास निगम लिमिटेड, चेन्नई पीआईयू, भारत सरकार का उद्यम (आरवीएनएल) द्वारा किया गया था। एडापल्ली से वल्लारपदम तक की लिंक एडापल्ली से शुरू होती है जो मौजूदा ट्रैक के समानांतर 3 किमी चलती है जब तक कि यह वडुथला तक नहीं पहुंच जाती। रेल लाइन फिर वेम्बनाड ब्रिज से होकर 3 छोटे द्वीपों से होकर गुजरती है, जिसमें वेम्बनाड झील में इदयाक्कारा और मुलवुकड द्वीप शामिल हैं और वेल्लारपदम तक पहुँचते हैं। पुल का 80% हिस्सा पानी पर बनाया गया है।
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5. गंगा रेल रोड ब्रिज
बिहार में स्थित यह पुल दीगाह घाट और पहलेजा घाट को जोड़ता है. इसकी लंबाई 4.5 किलोमीटर है, यह पुल अब बिहार की शान है. इस अद्भुत गंगा रेल रोड ब्रिज का उद्घाटन फरवरी 2016 को हुआ था.
बता दें कि, गंगा नदी पर एक रेल-सह-सड़क पुल है, जो भारत के बिहार राज्य में पटना में दीघा घाट और सोनपुर, सारण जिले में पहलाजा घाट को जोड़ता है। इसका नाम भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता जयप्रकाश नारायण (जे.पी.) के नाम पर रखा गया है। रेल-सह-सड़क पुल बिहार के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों के बीच आसान सड़क मार्ग और रेलवे लिंक प्रदान करता है। यह एक स्टील ट्रस ब्रिज है। 3 फरवरी 2016 को इस मार्ग पर नियमित अनुसूचित यात्री रेल सेवा का उद्घाटन किया गया था। 4,556 मीटर (14,948 फीट) लंबाई का यह पुल असम में बोगीबील ब्रिज के बाद भारत का दूसरा सबसे लंबा रेल-सह-सड़क पुल है।
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