द लीडर हिंदी : यूपी की बरेली सीट पर भाजपा ने लंबी कश्मकश के बाद अपने पत्ते खोले. आठ बार के सांसद संतोष गंगवार की सक्रिय राजनीतिक पारी पर विराम लगा दिया और कुर्मी बाहुल्य सीट पर जातीय समीकरण साधते हुए पूर्व बहेड़ी विधायक छत्रपाल गंगवार को टिकट थमा दिया. उम्मीद थी कि केंद्रीय नेतृत्व के फैसले के बाद कार्यकर्ताओं में विरोध के सुर नहीं उठेंगे. पार्टी में चल रही अंदरखाने की खेमेबाजी भी खत्म हो जाएगी. लेकिन ऐसा होता हुआ नजर नहीं आ रहा. भाजपा नेत्री और नेशनल रिसर्च डेवलपमेंट कारपोरेशन की स्वतंत्र निदेशक डॉ. दीप्ति भारद्वाज ने एक्स पर एक पोस्ट लिखते हुए पार्टी में छत्रपाल गंगवार का टिकट फाइनल होने के बाद विरोध और पार्टी में चल रही गुटबाजी को सबके सामने रख दिया है.
उनका दावा है कि भाजपा प्रत्याशी छत्रपाल गंगवार अकेले ही चुनाव प्रचार कर रहे हैं. पार्टी के मंत्री, सांसद, विधायक और पदाधिकारी उन्हें चुनाव नहीं लड़ा रहे. संगठन में गुटबाजी हावी हो गई है. ऐसे में छत्रपाल गंगवार मजबूर होकर टिकट सरेंडर करने की बात कह रहे हैं. पहले आपको दिखाते हैं कि उन्होंने एक्स पर इसे लेकर क्या लिखा है. फिर आपको बताएंगे कि फेसबुक पोस्ट में उन्होंने कैसे पार्टी के पदाधिकारियों को घेरा है.
भाजपा नेत्री डॉ. दीप्ति भारद्वाज ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि इससे बुरी बात क्या होगी कि भाजपा बरेली प्रत्याशी छत्रपाल जी अकेले अपना प्रचार कर रहे हैं। सारे विधायक संगठन पदाधिकारी नदारद हैं। कल हताश प्रत्याशी ने टिकिट सरेंडर करने की बात तक भरी मीटिंग में कर दी. डॉ. दीप्ति भारद्वाज की यह पोस्ट वायरल होने के बाद पार्टी में हड़कंप मच गया है. भाजपा में अंदरखाने छत्रपाल गंगवार के खिलाफ चल रही खींचतान खुलकर सामने आ गई है. उनकी पोस्ट पर महेंद्र नाम के एक यूजर ने लिखा कि मैं बरेली से हूं. टिकट गलत आदमी को दिया है. इनका जीतना बहुत मुश्किल लग रहा है. ये बहेड़ी के रहने बाले है.
विधायक का चुनाव हार चुके है. आधी पब्लिक इन्हें जानती तक नहीं. एक और यूजर डॉ. आशीष गुप्ता ने लिखा कि बरेली का टिकट गलत हुआ है. राज्यमंत्री रहते हुए अपनी विधानसभा हार चुके पूर्व विधायक इतने कम समय में लोकसभा कैसे लड़ पाएंगे. टिकट बदला जाना चाहिए. इसका जबाव देते हुए डॉ. दीप्ति भारद्वाज ने लिखा है कि बदलाव को स्वीकारें. भाई साहब हारे नहीं हैं. हराये गए थे. डॉ. दीप्ति अपने जवाब में किसकी तरफ हराने का इशारा कर रही हैं इसे लेकर भी चर्चाएं हो रही है.
भाजपा नेत्री यहीं नहीं रुकी, उन्होंने अपने फेसबुक पर भी एक पोस्ट की है. इसमें पार्टी पदाधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें सवालों के घेरे में खड़ा किया है. डॉ. दीप्ति भारद्वाज फेसबुक पर लिखती है कि आज बरेली भाजपा में वे काबिज हैं जिनके चर्चे दलाली के लिए होते हैं. प्रत्याशी के साथ दिखने की बजाय उनकी चेतना नई गाड़ी फिर किससे वसूलनी है इस पर है. बिके हुए लोग विचार के लिए नहीं, व्यक्ति के लिए निष्ठावान होते हैं. संगठन अविलंब अपना अध्यक्ष बदले.
वही डॉ. दीप्ति भारद्वाज की पोस्ट के बाद कई सवाल उठे हो रहे है. पहला, क्या छत्रपाल गंगवार के टिकट का भाजपा में विरोध हो रहा है. दूसरा, वो कौन है जो केंद्रीय नेतृत्व के फैसले के बावजूद पार्टी पदाधिकारियों और संगठन को अपने ही प्रत्याशी से दूर रखे हुए है. तीसरा, ऐसी स्थिति में भाजपा का बरेली सीट पर प्रदर्शन पिछले चुनाव के मुकाबले ठीक रहेगा या नहीं. बहरहाल, पार्टी की ओर से अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई. आपको इन सवालों पर क्या लगता है, हमें कमेंट करके जरूर बताएं