बरेली में 12वीं फेल बनकर घूम रहा था इंटेलीजेंस का डायरेक्टर, ऐसे फंसा

द लीडर हिंदी: बरेली में इंटेलीजेंस नेटवर्क का डायरेक्टर बनकर घूमने वाले 12वीं फेल नटवरलाल को थाना प्रेमनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी के कार्यालय से बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज बरामद किए हैं। कोर्ट में पेशी के बाद उसे जेल भेज दिया गया है।

नौकरी का झांसा देकर फंसाता था शिकार
थाना प्रेमनगर के इंस्पेक्टर आशुतोष रघुवंशी ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि पटेलनगर में एक व्यक्ति “निदेशक, कोवर्ट इंटेलिजेंस नेटवर्क सोशल वेलफेयर एसोसिएशन” के नाम से एक ऑफिस चला रहा है और वहां नौकरी के नाम पर ठगी करता है। पुलिस और एसओजी की टीम ने संयुक्त रूप से छापा मारकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

12वीं फेल, लेकिन ऑफिस बड़ा अधिकारी जैसा
पुलिस पूछताछ में आरोपी की पहचान विजय मैसी के रूप में हुई, जो उत्तराखंड के चंपावत जिले के वनबसा थाना क्षेत्र के वमनपुरी गांव का रहने वाला है। वर्तमान में वह इज्जतनगर के आशुतोष सिटी में रह रहा था। 12वीं फेल विजय पहले एक सिक्योरिटी एजेंसी में काम करता था, लेकिन वहां से उसने यह ठगी का खेल सीख लिया और खुद का फर्जी ऑफिस खोल लिया।

फर्जी आईडी कार्ड से टोल प्लाजा पर बचने में करता था मदद
आरोपी ने बताया कि वह लोगों के लोन करवाने के नाम पर कमीशन लेता था और फर्जी आईडी कार्ड बनाकर देता था, जिससे लोग टोल प्लाजा और पुलिस चौकियों पर आसानी से बच निकलते थे। इसके बदले वह उनसे मोटी रकम वसूलता था। यही नहीं, वह लोगों की शिकायतों पर अपने कवरिंग लेटर लगाकर अधिकारियों तक पहुंचाने का दावा करता और इसके एवज में पैसे लेता था।

ऑफिस से बरामद हुए ये फर्जी दस्तावेज
पुलिस ने आरोपी के कार्यालय से दो लिफाफों में चार फर्जी आईडी कार्ड, दो पेन ड्राइव, डिजिटल हस्ताक्षर, गवर्नमेंट ऑफ इंडिया और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के फर्जी प्रमाण पत्र, तीन फर्जी नियुक्ति पत्र, पांच आवेदन पत्र, दो पासबुक और तीन लिफाफों में डीएम बरेली और डीएम चंपावत के नाम से संबोधित पत्र बरामद किए हैं। इसके अलावा दो मोहर और कई सरकारी विभागों से जुड़े दस्तावेज भी मिले हैं।

गिरफ्तारी के बाद पुलिस कर रही जांच
पुलिस अब यह जांच कर रही है कि आरोपी के जाल में कितने लोग फंसे और उसने अब तक कितने रुपये की ठगी की। संभावना जताई जा रही है कि इस रैकेट में और भी लोग शामिल हो सकते हैं। फिलहाल, आरोपी को जेल भेज दिया गया है और उसके संपर्कों की जांच की जा रही है।

Abhinav Rastogi

पत्रकारिता में 2013 से हूं. दैनिक जागरण में बतौर उप संपादक सेवा दे चुका हूं. कंटेंट क्रिएट करने से लेकर डिजिटल की विभिन्न विधाओं में पारंगत हूं.

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