द लीडर। देश में कोरोना की पहली और दूसरी लहर ने जमकर कहर बरपाया। इस दौरान कई लोगों ने अपनों को खो दिया। वहीं कोरोना वायरस से बचने के लिए लोगों को टीका लगाया जा रहा है। वहीं कानपुर में कोरोना रोधी वैक्सीन को लेकर की जा रही अपीलों और दिए गए फतवों का असर मुस्लिम समाज में दिखाई देने लगा है। वैक्सीन के लिए लगाए जा रहे शिविर में बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग वैक्सीन लगवाने पहुंच रहे हैं। हाल ही में हलीम कालेज और मुस्लिम यतीमखाना में वैक्सीन लगवाने के लिए भीड़ उमड़ी रही। घनी आबादी वाले क्षेत्रों में लगातार शिविर लगाने की मांग हो रही है।
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उलमा और मुस्लिम संगठनों ने शुरू की थी मुहिम
कोरोना रोधी वैक्सीन को लेकर जागरूकता की कमी और भ्रांतियों के चलते मुस्लिमों में इसे लगवाने की संख्या शुरुआत में काफी कम रही। कोरोना रोधी वैक्सीन के लिए लगाए जा रहे शिविरों में पांच से 10 फीसद ही मुस्लिम पहुंच रहे थे। मुस्लिमों को जागरूक करने के लिए उलमा और मुस्लिम संगठनों ने मुहिम शुरु की। लोगों को समझाया गया कि, कोरोना रोधी वैक्सीन के कोई नुकसान नहीं है। वैक्सीन के अतिरिक्त कोरोना से बचाव को दूसरा कोई विकल्प नहीं है। लोगों को जागरूक करने के लिए कुल हिंद इस्लामिक इल्मी अकादमी ने फतवा भी दिए।
मुस्लिमों में कोरोना रोधी वैक्सीन लगवाने का ग्राफ बढ़ रहा
इसके साथ ही उलमा ने लोगो से अपील की कि, अफवाहों पर ध्यान न दे, कोरोना रोधी वैक्सीन जरूर लगवाए। लोगों से कहा गया कि, खुद के साथ की अपने बच्चों की भी फिक्र करें। अगर घर में किसी एक को कोरना हो गया तो पूरा परिवार संक्रमित हो सकता है। उलमा की अपील और फतवों के बाद मुस्लिमों में कोरोना रोधी वैक्सीन लगवाने का ग्राफ बढ़ रहा है।
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शिविर में बड़ी संख्या में वैक्सीन लगाने पहुंच रहे लोग
घनी आबादी वाले क्षेत्रों में लगाई जा रही कोरोना रोधी वैक्सीन की प्रभारी डा.असफिया हाशमी बताती है कि, कुछ महीने पहले पांच से 10 फीसद ही लोग शिविरों में पहुंच रहे थे,अब इनकी संख्या काफी बढ़ गई है। हलीम कालेज और यतीमखाना में लगाए गए शिविर में कोरोना वैक्सीन बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। घनी आबादी वाले क्षेत्रों में शिविर लगाए जाने की लगातार मांग हो रही है। उन्होंने कहा कि, कोरोना रोधी वैक्सीन के अतिरिक्त कोरोना संक्रमण से लडऩे का दूसरा कोई विकल्प नहीं है। समझदारी इसी में है कि जल्द से जल्द वैक्सीन लगवा लें।
सशक्त राष्ट्र, तेज टीकाकरण
बता दें कि, कोरोना को जड़ से खत्म करने के लिए वैक्सीनेशन पर जोर दिया जा रहा है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोमवार को कहा कि, देश की 70 प्रतिशत वयस्क आबादी को कोविड-19 टीके की पहली खुराक दे दी गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट किया कि, सशक्त राष्ट्र, तेज टीकाकरण: भारत ने 70 प्रतिशत आबादी को कोविड-19 टीके की पहली खुराक दे दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। भारत इसे बनाए रखें चलिए कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ें।
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देश में पिछले 24 घंटे में टीकों की 23,46,176 खुराकें दी गईं
बता दें कि, स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा रिपोर्ट के अनुसार, देश में पिछले 24 घंटों में टीकों की 23,46,176 खुराकें दी गईं और इसी के साथ अब तक दी गई खुराकों की संख्या 90.79 करोड़ को पार कर गई है। मंत्रालय ने बताया कि, देश भर में टीकाकरण के 88,05,668 सत्र हुए. अधिकारियों के मुताबिक, 25 प्रतिशत आबादी का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के पास टीकों की 5,67,37,905 खुराकें मौजूद है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, एक माह में प्रतिदिन औसतन दी जाने वाली खुराकों की संख्या बढ़ी है। मई में 19.69 लाख खुराक दी गई,जो जून में बढ़कर 39.89 लाख हो गई। वहीं जुलाई में यह संख्या 43.41 लाख और अगस्त में 59.19 लाख पर पहुंच गई. सितंबर में प्रतिदिन औसतन 79.08 लाख खुराकें दी गईं.
देश में घटने लगा कोरोना का ग्राफ
बता दें कि, देश में कोरोना वायरस के मामले घट रहे है। लेकिन अभी भी केरल राज्य डरा रहा है। देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 20 हजार 799 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, 180 लोगों की मौत हो गई. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में कल 26 हजार 718 लोग ठीक हुए हैं, जिसके बाद एक्टिव केस घटकर 2 लाख 64 हजार 458 हो गए हैं। आंकड़ों के मुताबिक, देश में अबतक कोरोना के तीन करोड़ 38 लाख 10 हजार 348 मामले आ चुके हैं, जिनमें अबतक कोरोना से चार लाख 48 हजार 997 लोगों की मौत हो चुकी है। देश में अबतक 3 करोड़ 31 लाख 21 हजार 247 लोग ठीक हो चुके हैं।
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