सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर का बड़ा फैसला, पार्टी की ब्लॉक स्तरीय इकाइयों को भंग किया

द लीडर हिंदी: उत्तर प्रदेश की राजनीति का अपना अलग ही महत्त्व है. यहां कभी भी. कुछ भी हो सकता है. जिसका एक उदाहरण रहा लोकसभा चुनाव 2024 के ठीक पहले ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा ने एनडीए का दामन थामना. वहीं समाजवादी पार्टी के साथ सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने 2022 का विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा था. लेकिन बहुमत न मिलने पर सरकार नहीं बन पाई थी. जिसके बाद हार का जिम्मा सपा और सुभासपा पार्टियां एक दूसरे पर लगाने लगी.इसी बीच अब खबर आ रही है कि यूपी सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर का अपनी पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की सभी इकाइयों को भंग कर दिया है.

बताया जा रहा है कि अब नई ऊर्जा के साथ नए संगठन का गठन किया जाएगा. सुभासपा के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव डॉ. अरविंद राजभर के हवाले से कहा गया है कि पार्टी की यूपी की सभी प्रदेश, मण्डल, जिला, विधानसभा और ब्लॉक स्तरीय कार्यकारिणी को भंग किया जाता है.यूपी के विधानसभा चुनाव 2027 के लिए नए संगठन का गठन किया जाएगा.

बता दें कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद सुभासपा ने प्रदेश इकाई से लेकर ब्लॉक इकाई की समस्त कार्यकरणी को भंग कर दिया. सुभासपा ने इसकी सूचना सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से दी. उन्होंने पोस्ट में लिखा कि सुभासपा के माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष दी के निर्देशानुसार सुभासपा की उत्तर प्रदेश कार्यकारिणी के साथ-साथ पूर्वांचल, मध्यांचल, बुन्देलखण्ड, पश्चिमांचल के (प्रदेश,मण्डल, जिला, विधानसभा, ब्लॉक) की मुख्य इकाई के साथ समस्त मोर्चा एवं प्रकोष्ठों को तत्काल प्रभाव से भंग किया जाता है.https://theleaderhindi.com/open-firing-on-the-highway-in-filmy-style-in-bareilly-demolition-with-bulldozers/

Abhinav Rastogi

पत्रकारिता में 2013 से हूं. दैनिक जागरण में बतौर उप संपादक सेवा दे चुका हूं. कंटेंट क्रिएट करने से लेकर डिजिटल की विभिन्न विधाओं में पारंगत हूं.

Related Posts

तीन चेहरों वाला आरिफ: नाम, जन्मतिथि और पहचान बदलकर बनवाए तीन पासपोर्ट, चौथे में हुआ भंडाफोड़ जांच में जुटी खुफिया एजेंसियां

रामपुर/बरेली – फर्जीवाड़े का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें रामपुर निवासी एक युवक ने अपनी पहचान और दस्तावेजों से ऐसा जाल बिछाया कि पासपोर्ट विभाग भी वर्षों…

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को दिया 7 दिन का वक्त, तब तक वक्फ में नियुक्ति पर रोक

वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।