द लीडर। एक तरफ जहां देश भर में अग्निपथ योजना का विरोध देखने को मिल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ इन दिनों सभी की नजरें लोकसभा चुनाव पर टिकी हुई है। लोकसभा चुनाव की बात करें तो सबसे ज्यादा चर्चा आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट की है।
देश की 3 लोकसभा और 7 विधानसभा सीटों पर 23 जून को उपचुनाव होना है। जिसमें आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। वहीं सबकी नजरें इन दोनों सीटों पर टिकी हुई हैं।
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यह दोनों सीटें 2019 लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के खाते में गई थी। वहीं अब यह सीटें समाजवादी पार्टी की साख का सवाल है। आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट पर 23 जून को उपचुनाव होना है। और 26 जून को नतीजे आने है।
उपचुनाव में भाजपा ने झोंकी पूरी ताकत
यूपी के आजमगढ़ और लोकसभा रामपुर लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में बीजेपी ने जहां अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। तो वहीं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उपचुनाव के प्रचार से दूरी बनाई है। अब 23 जून को चुनाव होना है लेकिन अभी तक राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रचार नहीं किया है।
वहीं रामपुर में सपा के कद्दावर नेता आजम खान चुनावी मैदान में उतरे हैं। और जनसभाएं कर सपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट की अपील कर रहे हैं। इस बार आजमगढ़ सीट पर भाजपा के दर्जनों मंत्री मैदान में उतरे हैं। और सीएम योगी ने खुद इसकी कमान संभाल रखी है।
आजमगढ़ में सपा से धर्मेंद्र यादव और भाजपा से निरहुआ मैदान में
आजमगढ़ लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की तरफ से धर्मेंद्र यादव को टिकट दिया गया है। जो कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की चचेरे भाई हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने दिनेश लाल यादव और निरहुआ को चुनावी मैदान में उतारा है। बसपा से शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को उम्मीदवार बनाकर लड़ाई को त्रिकोणीय बना दिया गया है।
आजमगढ़ में 23 जून को वोटिंग है वहीं 26 जून को नतीजे आएंगे। लेकिन आजमगढ़ में सपा अध्यक्ष की तरफ से कोई प्रचार नहीं किया गया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अभी तक चुनावी मैदान में नहीं उतरे हैं। जिससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि, सपा में अंदरूनी कलह है।
सपा के गढ़ में क्या भाजपा करेगी सेंधमारी
वहीं आजम खान के गढ़ रामपुर और अखिलेश यादव के गढ़ आजमगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने सेंधमारी करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। प्रदेश के ही नहीं बल्कि दर्जनों मंत्री भाजपा के लिए चुनावी मैदान में उतरे हैं। और मतदाताओं को रिझाने में लगे हैं।
आज शाम 5 बजे के बाद चुनाव प्रचार का शोर थम जाएगा। इन दोनों ही सीटों पर भाजपा कमल खिलाने के लिए अपने मंत्री समेत नेताओं की पूरी फौज के साथ चुनाव मैदान में है।
उपचुनाव के प्रचार से अखिलेश ने बनाई दूरी
सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर केशव प्रसाद मौर्य ने पूरी ताकत झोंक दी है। वहीं सपा के बड़े नेताओं ने भी आजमगढ़ में कैंप कर रखा है लेकिन पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव अभी तक ना तो आजमगढ़ और ना ही रामपुर में प्रचार के लिए उतरे हैं। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि, आखिर अखिलेश यादव ने उपचुनाव में प्रचार से दूरी क्यों बनाई हुई है।
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आजमगढ़ सीट पर सपा से धर्मेंद्र यादव मैदान पर हैं तो वही रामपुर सीट पर सपा से आसिम राजा मैदान पर है। वहीं भाजपा ने आजमगढ़ से निरहुआ और रामपुर से घनश्याम लोधी पर भरोसा जताया है। फिलहाल कांग्रेस ने दोनों ही सीटों पर कोई भी प्रत्याशी नहीं उतारा है।
दांव पर सपा की साख
बता दें कि, आजमगढ़ संसदीय सीट से अखिलेश यादव और रामपुर लोकसभा सीट से आजम खान के इस्तीफे देने के बाद यह सीट खाली हुई थी। यह दोनों ही सीटें सपा की है। जिसके चलते समाजवादी पार्टी की साख दांव पर लगी है।
फिलहाल, बीजेपी ने आजमगढ़ में ऐड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। ऐसे में अखिलेश का आजमगढ़ में न जाना बीजेपी के लिए राह आसान होने वाली बात कर रहा है। हालांकि आजमगढ़ में सपा के महासचिव रामगोपाल यादव से लेकर अबू आसिम आजमी, स्वामी प्रसाद मौर्य, राम अचल राजभर समेत कई बड़े नेता कैंप किए हुए है।
इसके साथ ही सपा के कद्दावर नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला ने तक आजमगढ़ में पहुंचकर धर्मेंद्र यादव को जिताने की अपील कर चुके हैं। लेकिन अखिलेश यादव अब तक उपचुनाव के प्रचार से दूरी बनाए हुए है।
रामपुर में सपा-भाजपा में कड़ी टक्कर
रामपुर से भाजपा ने घनश्याम लोधी को टिकट दिया है। वहीं सपा से आसिम राजा चुनावी मैदान में उतरे हैं। घनश्याम लोधी कभी सपा के कद्दावर नेता आजम खान के सबसे करीब हुआ करते थे। लेकिन 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था। वहीं सपा ने आजम के ही करीबी आसिम राजा को चुनाव मैदानी में उतारा है। ऐसे में रामपुर सीट के लिए सीधी टक्कर भाजपा सपा के बीच दिखाई दे रही है।
23 जून को देश की 3 लोकसभा और 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे। जिन तीन लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ और रामपुर, जबकि पंजाब की संगरूर सीट है। अब देखना दिलचस्प है कि, इस उपचुनाव में कौन जीत हासिल करता है? क्या सपा अपनी सीटों को बरकरार रखने में कामयाब होगी या भाजपा पड़ेगी भारी?
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