पैदल हज करने जा रहे शिहाब चित्तूर को सफ़र में किस तरह मिल रहीं दुआएं और मुहब्बतें-नज़ारा देखिए

द लीडर : शिहाब चित्तूर हज के सफ़र में हैं. पैदल चलते हुए ठीक 92 दिन हो गए. अभी राजस्थान की सरहद में हैं. चुरू डिस्ट्रिक्ट क्रॉस कर लिया है. अब तक कोई 2,300 किलोमीटर पैदल चल चुके हैं. हर बढ़ते कदम के साथ उनके सफ़र का नज़ारा और भी दिलकश होता जा रहा है. मुहब्बत और दुआओं का ख़ुशनुमा माहौल है. भारी पुलिस-फ़ोर्स के पहरे में शिहाब चित्तूर बेधड़क, मक्का मुनव्वरा की जानिब बढ़ते चले जा रहे हैं. (Shihab Chittur Going Hajj)

केरल के मल्लापुरम इलाके के रहने वाले शिहाब चित्तूर जून में हज के लिए रवाना हुए थे. केरल से सऊदी अरब की दूरी कोई 8,640 किलोमीटर है. 29 ासाल के एक हिंदुस्तानी नौजवान ने हज़ारों मील की इस दूरी को अपने क़दमों से नापने का दम भरा है. एक ऐसे वक़्त में जब, दुनिया भर में अलग-अलग मसलों को लेकर एक तरह से उथल-पुथल के हालात बने हैं, जो आर्थिक भी हैं, सामाजिक, राजनैतिक और धार्मिक भी. 21वीं सदी में पली-बढ़ी नस्ल महामारी में जान-माल की भयंकर तबाही का मंज़र भी देख चुकी है. जिसके असर से अभी तक पूरी तरह से उबर नहीं पाए हैं. उस दौर में शिहाब ने अक़ीदत और साहस की अनूठी मिसाल पेश की है.

अरब महासागर के किनारे आबाद केरल, भारत का आख़िरी छोर है. जहां के शिहाब अपनी इस यात्रा को लेकर अंतरराष्ट्रीय सुर्ख़ियां में बने हैं. इसलिए भी क्योंकि 21वीं सदी में शिहाब, भारत ही नहीं बल्कि एशिया के पहले ऐसे तीर्थयात्री हैं, जो पैदल हज करने जा रहे हैं. आमतौर पर हज यात्रा हवाई या पानी के जहाज़ के ज़रिये ही पूरी की जाती है. (Shihab Chittur Going Hajj)


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लेकिन शिहाब की बचपन की ये ख़्वाहिश थी कि वो पैदल हज करेंगे. वक़्त के साथ-साथ उनका ये इरादा मज़बूत होता गया और पिछले साल वो पैदल हज पर जाने की प्रक्रिया पूरी कराने में जुट गए. इसी साल उन्हें यात्रा के लिए क्लीयरेंस मिला था. भारतीय विदेश मंत्रालय ने उन्हें पांच मुल्कों से अनुमति दिलाई है, जिसमें पाकिस्तान, ईरान, इराक, क़ुवैत और सऊदी अरब शामिल हैं.

अभी तो शिहाब की यात्रा भारत में ही चल रही है. केरल से कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात होकर अगस्त के दूसरे पखवाड़े में वह राजस्थान पहुंचे थे. अजमेर की मशहूर दरगाह ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ पर हाज़िरी लगाई. और अभी चुरु पार करके आगे बढ़ रहे हैं. पिछले 92 दिनों की इस हज यात्रा में जो एक चीज़ कॉमन है, वो है शिहाब के हिस्से में आने वाला प्यार. केरल से लेकर राजस्थान तक, एक जैसा ही नज़ारा है, जहां हज़ारों लोग उनके स्वागत में लाइन से खड़े नज़र आते हैं. बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं-सब शिहाब को सफ़र की मुबारक़द पेश करते हुए उनके हक़ में दुआ कर रहे हैं.

दूसरी कॉमन बात है शिहाब की सुरक्षा का बंदोवस्त. केरल से राजस्थान तक के सफ़र स्थानीय पुलिस स्तर पर उन्हें कड़ी सिक्योरिटी मिलती रही है. राजस्थान में उनकी सुरक्षा और भी ज़्यादा मज़बूत नज़र आ रही है. गश्ती वाहनों के अलावा दर्जनों पुलिसकर्मी उनके साथ पैदल चलते हैं. वाकई में शानदार नज़ारा है. शिहाब के साथ उनके अपने भी लोग हैं, जो इस सफ़र में उनके मददग़ार बनकर चल रहे हैं. (Shihab Chittur Going Hajj)

चूंकि शिहाब अपनी यात्रा को लेकर भारत में काफ़ी चर्चित हो चुके हैं. उन्हें देखने के लिए रास्ते में भीड़ का एक भारी हुजूम उमड़ता है. इन परिस्थितियों में सुरक्षा को लेकर अलर्टनेस नाजिम है. जो पुलिस और उनके निजी लोगों के स्तर पर भी दिखाई देती है. और शिहाब दुआओं, मुहब्बतों का तोहफ़ा लेते हुए मक्का-मदीना की तरफ़ बढ़ते जा रहे हैं.

भारत में जैसे-जैसे शिहाब का सफ़र अपने मुक़ाम की जानिब पहुंच रहा है, वैसे-वैसे सरहद के उस पार हलचल बढ़ती जा रही है. माना जा रहा है कि परदेस के जिन भी मुल्कों से शिहाब गुज़रेंगे, उनके स्वागत की तस्वीरें दिलों को छूती रहेंगी. (Shihab Chittur Going Hajj)


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Ateeq Khan

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