द लीडर : सुप्रीमकोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ पर हिमाचल प्रदेश में दर्ज देशद्रोह का केस खारिज कर दिया है. अदालत ने केदारनाथ सिंह प्रकरण का हवाला देते हुए कहा कि इसके तहत हर पत्रकार सुरक्षा पाने का हकदार है. दुआ पर पिछले साल 6 मई को हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में देशद्रोह का मामला दर्ज कराया गया था.
दुआ की रिहाई और अदालत की टिप्पणी के बाद सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कश्मीरी पत्रकार आसिफ सुल्तान और केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन का मुद्दा उठाया है. सोशल एक्टिविस्ट अशरफ हुसैन ने एक ट्वीट में कहा-आसिफ सुल्तान जोकि पिछले 1000 दिनों से जेल में बंद है. दूसरी ओर केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन करीब 250 दिनों से जेल में हैं. ये भी पत्रकार और इन्हें चाहिए.
https://twitter.com/AshrafFem/status/1400355348733595650?s=20
क्या था दुआ का मामला
पिछले साल एक न्यूज वीडियो में दुआ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार पर टिप्पणी की थीं. इसको लेकर बीजेपी नेता श्यामा ने 6 मई को कुमार सैन थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
इस आरोप के साथ कि दुआ ने चुनाव जीतने के लिए पीएम मोदी ने ‘आतंकी हमलों’ का उपयोग किया है. दुआ ने इस मामले को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी. गत वर्ष 14 जून को रविवार के दिन इस मामले की सुनवाई हुई और अदालत ने दुआ की गिरफ्तारी पर रोक लगा थी.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल अक्टूबर में अदालत ने इस मामले की सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो अब सुनाया गया है.
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दुआ ने अपनी याचिका में ये आरोप लगाया था कि उनके खिलाफ राजनीतिक दुर्वभावना के तहत केस दर्ज कराया गया था. ताकि महामारी काल में सरकार के काम की आलोचना न हो सके. दुआ के मामले में सभी साक्ष्य सार्वजनिक हैं. इसलिए देशद्रोह समेत अन्य संगीन अपराधों के इल्जाम बिल्कुल गलत हैं.