द लीडर हिंदी। जेसिका लाल देश का सबसे चर्चित मर्डर था. वहीं इस मुकदमे की पैरवी करने वाली जेसिका लाल की बहन सबरीना लाल का निधन हो गया. बता दें कि, सबरीना लाल ने बहन के कातिलों को सजा दिलाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी. लेकिन अब वह भी दुनिया को अलविदा कह गईं. बता दें कि, जेसिका लाल के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने वाली सबरीना लाल का रविवार शाम निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमार चल रही थीं. गुरुग्राम के पारस अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली.
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सबरीना लाल को थी लिवर से संबंधित बीमारी
अपनी बहन के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए सबरीना का काफी लंबी लड़ाई लड़ी. लेकिन अब सबरीना लाल का रविवार शाम निधन हो गया. सबरीना लाल को लिवर से संबंधित बीमारी थी और उनका गुरुग्राम के पारस अस्पताल में इलाज चल रहा था. परिजनों के मुताबिक, बीती रात उसकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया था और उन्होंने रविवार शाम को अंतिम सांस ली. सबरीना की उम्र करीब 50 साल थी. वे लिवर सिरोसिस से पीड़ित थीं. समाचार एजेंसी के मुताबिक, उनके भाई ने बताया कि सबरीना बीमार थीं और वे अस्पताल आती जाती रहती थीं. शनिवार को उनकी तबीयत बिगड़ गई, इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उनका निधन हो गया.
क्या है जेसिका लाल हत्याकांड और कैसे की गई हत्या ?
बता दें कि, देश में अपराध हमेशा होते हैं, लेकिन कुछ वारदातें ऐसी होती हैं जो सालों तक याद की जाती हैं. एक ऐसा ही केस है मशहूर मॉडल जेसिका लाल हत्याकांड का. जेसिका लाल के कत्ल की वारदात और उसके बाद उस केस की तफ्तीश और सुनवाई अपने आप में किसी सस्पेंस थ्रिलर फिल्म की तरह थे. कत्ल की वारदात जिसमें किरदार दर किरदार पलटते रहे, बयान दर बयान बदलते रहे. जेसिका लाल केस इतना चर्चित रहा है कि, इस पर फिल्म भी बन चुकी हैं. वहीं अपनी बहन को न्याय दिलाने के लिए सबरीना का काफी लंबी लड़ाई लड़ी. लेकिन अब वो भी दुनिया को अलविदा कहकर चली गईं. जेसिका लाल की 1999 में राजधानी स्थित एक रेस्तरां में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में उस समय कांग्रेस के नेता रहे और अब जन चेतना पार्टी के संस्थापक विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा उर्फ सिद्धार्थ वशिष्ठ को उम्रकैद की सजा हुई थी. जेल में अच्छे व्यवहार के कारण कुछ समय पहले मनु को रिहा कर दिया गया था.
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जेसिका लाल हत्या से हिल गया था देश
राजधानी दिल्ली में हुई इस हत्या के बाद तहलका मच गया. मीडिया और पुलिस का दबाव बढ़ा तो तीन दिन बाद दो मई मनु शर्मा की टाटा सफारी को दिल्ली पुलिस ने नोएडा से बरामद किया. उसके बाद छह मई को स्वयं मनु ने चंडीगढ़ की एक अदालत में समर्पण कर दिया.
मनु शर्मा की रिहाई से झटका..लेकिन सबरीना ने नहीं मानी हार
सात साल तक चले मुकदमे के बाद फरवरी, 2006 में मनु शर्मा बरी हो गया. अन्य आरोपित भी बरी हो गए. इससे जेसिका लाल के परिवार को बड़ा झटका लगा, लेकिन सबरीना ने हार नहीं मानी और मोर्चा खोला. इसके साथ ही लंबे समय तक कानूनी लड़ाई भी लड़ी. मीडिया ने भी सबरीना का पूरा साथ दिया. इसके बाद हत्या का यह केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में चला और आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने मनु शर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाई. लेकिन बाद के दिनों में सबरीना ने मनु शर्मा को माफ कर दिया था. उन्होंने तिहाड़ जेल प्रशासन को लिखा था कि, मनु को रिहा किए जाने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. एक बार उन्होंने कहा था, मैं केवल यही आशा करती हूं और भगवान से प्रार्थना करती हूं कि वह (मनु) फिर कभी उस गलती को दोहराने के बारे में न सोचें.
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जेसिका लाल मर्डर केस में हुई ये सभी चीजें ?
जेसिका लाल हत्याकांड क्या है, केस कैसे-कैसे चला, क्या-क्या मोड़ आएं, कोई असरदार आदमी होता है तो वह कानून का किस कदर फायदा उठाता है, कैसे वह पुलिस की इन्वेस्टिगेशन का रुख मोड़ने के लिए मजबूर कर देता है. कैसे गवाहों को खरीद लिया जाता है और गवाह मुकर जाते हैं. फॉरेंसिक साइंस के डॉक्टर तक खरीद लिए गए. पुलिस ने इन्वेस्टिगेशन लाइन बदल दी. यह सारी चीज जेसिका लाल मर्डर केस में हुई. आज हम आपको इस केस की पूरी कहानी बताते हैं. इस केस की कहानी शूरू हुई थी दिल्ली के एक रेस्टोरेंट से जहां एक हाई प्रोफाइल पार्टी चल रही थी.
ये है जेसिका हत्याकांड की पूरी कहानी ?
29 अप्रैल 1999 को महरौली स्थित टैमरिंड कोर्ट रेस्टोरेंट में सोशलाइट बीना रमानी ने पार्टी दी थी. इसमें राजधानी की कई नामी हस्तियों ने शिरकत की थी. डांस फ्लोर पर नौजवान लड़के-लड़कियां थिरक रहे थे, शराब के जाम छलक रहे थे. लेकिन डांस फ्लोर पर थिरकते रईसजादे और शराब के जाम छलका रहीं पेज थ्री सिलेब्रेटी आने वाले खतरे से बेखबर थे. उन्हें पता भी नहीं था कि, उस रात के बाद टैमरिंड कोर्ट रेस्टोरेंट में फिर कभी कोई पार्टी नहीं होगी. इस पार्टी में जेसिका लाल भी मौजदू थीं और साथ ही मौजूद था मनु शर्मा. रात के 2 बज रहे थे, पार्टी में शराब सर्व होने का टाइम खत्म हो चुका था. तभी मनु शर्मा ने जेसिका लाल से शराब की मांग की. जेसिका ने मना किया. जिसके बाद नाराज मनु शर्मा ने अपनी पिस्टल से फायरिंग की. पहली गोली हवा में और दूसरी जेसिका को लगी. उसके बाद मनु अपने दोस्तों के साथ फरार हो गया. बता दें कि, मनु शर्मा जो कांग्रेस के दिग्गज नेता और मंत्री रहे विनोद शर्मा का पुत्र है. विनोद शर्मा और मनु शर्मा के रिश्तेदारी पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा से है.
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ऐसे समझिए क्या-क्या हुआ जेसिका मर्डर केस में
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29-30 अप्रैल 1999 की रात साउथ दिल्ली के टैमरिंड कोर्ट रेस्टोरेंट में पार्टी में जेसिका की गोली मारकर हत्या
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30 अप्रैल 1999- अपोलो अस्पताल में डॉक्टरों ने घोषित किया कि जेसिका को अस्पताल में मृत लाया गया था
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2 मई 1999- मनु शर्मा की टाटा सफारी को दिल्ली पुलिस ने यूपी के नोएडा से बरामद किया
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6 मई, 1999- चंडीगढ़ की एक अदालत के सामने मनु शर्मा का सरेंडर, इसके बाद यूपी के नेता डीपी यादव के बेटे विकास यादव सहित 10 सह अभियुक्तों की गिरफ्तारी
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3 अगस्त 1999- आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत जेसिका मर्डर केस में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट
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31 जनवरी 2000- मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस केस को सेशन कोर्ट को सुपुर्द किया
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23 नवंबर, 2000- सेशन कोर्ट ने हत्या के मामले में नौ लोगों के खिलाफ आरोप तय किए, एक आरोपी अमित झिंगन बरी और रविंदर उर्फ टीटू को भगोड़ा घोषित किया
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2 मई 2001- कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के साक्ष्य दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की
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3 मई 2001- चश्मदीद गवाह श्यान मुंशी अपने बयान से मुकरा, कोर्ट में उसने मनु की शिनाख्त नहीं की
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5 मई, 2001- कुतुब कोलोनेड में इलेक्ट्रिशियन एक अन्य चश्मदीद शिव दास भी अपने बयान से मुकरा
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16 मई 2001- तीसरा प्रमुख गवाह करन राजपूत भी अपने बयान से मुकरा
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6 जुलाई 2001- एक गवाह मालिनी रमानी ने मनु शर्मा की शिनाख्त की
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12 अक्तूबर 2001- रेस्टोरेंट और बार मालकिन बीना रमानी ने भी मनु की शिनाख्त की
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17 अक्तूबर 2001- बीना के कनाडाई पति जार्ज मेलहोत ने गवाही दी और मनु शर्मा की शिनाख्त की
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20 जुलाई 2004- विवादास्पद जांच अधिकारी सुरिंदर शर्मा ने गवाही दी
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21 फरवरी 2006- लोअर कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में सभी नौ अभियुक्तों को बरी किया
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13 मार्च 2006- दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में अपील दायर की
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3 अक्तूबर 2006- हाईकोर्ट ने इस अपील पर नियमित आधार पर सुनवाई शुरू की
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29 नवंबर 2006- हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा
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18 दिसंबर 2006- हाईकोर्ट ने मनु शर्मा, विकास यादव और अमरदीप सिंह गिल उर्फ टोनी को दोषी करार दिया, आलोक खन्ना, विकास गिल, हरविंदर सिंह चोपड़ा, राजा चोपड़ा, श्याम सुंदर शर्मा और योगराज सिंह बरी हुए
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20 दिसंबर 2006- हाईकोर्ट ने मनु शर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाई और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया, सह अभियुक्त अमरदीप सिंह गिल और विकास यादव को चार साल की जेल की सजा और तीन हजार का जुर्माना
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2 फरवरी 2007- मनु शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की
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8 मार्च 2007- सुप्रीम कोर्ट ने मनु शर्मा की अपील स्वीकार की
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27 नवंबर 2007- सुप्रीम कोर्ट ने मनु की जमानत की दलील खारिज की
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12 मई 2008- सुप्रीम कोर्ट ने मनु शर्मा की जमानत याचिका फिर से खारिज की
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19 अप्रैल 2010- फिर से ने मनु शर्मा की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा
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केस पर बनी फिल्म ‘नो वन किल्ड जेसिका’
2011 में जेसिका लाल मर्डर केस से प्रभावित होकर फिल्म ‘नो वन किल्ड जेसिका’ बनाई गई. इसमें फिल्म अभिनेत्री रानी मुखर्जी और विद्या बालान प्रमुख भूमिका थे. सच्ची घटना पर आधारित फिल्म नो वन किल्ड जेसिका ने बॉक्स ऑफिस पर भी खूब धमाल मचाया था. इसके अलावा फिल्म हल्ला बोल की कहानी भी जेसिका मर्डर केस से प्रभावित थी. दोनों फिल्मों में आम आदमी और मीडिया की ताकत को दर्शाया गया था.