द लीडर हिंदी: केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख़ में वास्तविक नियंत्रण रेखा एलएसी के पास नदी में आई बाढ़ में पांच भारतीय सैनिकों की मौत हो गई.नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से पांच भारतीय सैनिकों की डूबकर मौत हो गई है.बताया जा रहा है कि हादसा लेह से 148 किमी दूर प्रशिक्षण अभ्यास के दौरान शुक्रवार को देर रात करीब 1 बजे हुआ. जानकारी के मुताबीक टैंक अभ्यास के दौरान नदी पार करते समय अनाचक बाढ़ आ गई. जिसमें जीसीओ समेत पांच जवान बलिदान हो गए. बचाव अभियान शुरू किया गया है. पांचों जवानों के शव बरामद किए गए हैं.वही सेना के अधिकारियों के मुताबिक़ यह हादसा लद्दाख़ के पास दौलत बेग ओल्डी इलाक़े में हुआ.
इस हादसे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पांचों सैनिकों की मौत पर दुख जताया है.उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है, ”हम अपने इन बहादुर सैनिकों की देश के प्रति अनुकरणीय सेवा को कभी भूल नहीं पाएंगे. इन सैनिकों के परिजनों के साथ दुख की इस घड़ी में साथ खड़े हैं. पूरा देश इस घड़ी में उनके साथ खड़ा है.”हादसा शुक्रवार को उस समय हुआ जब ये सैनिक टैंकों के साथ किए जाने वाले एक अभ्यास के दौरान नदी पार कर रहे थे.उसी समय नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया.हादसे के वक़्त टैंक पर पांच सैनिक सवार थे. इनमें एक जेसीओ और चार जवान शामिल हैं.समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, लेह में डिफ़ेंस पीआरओ ने बताया है कि 28 जून 2024 की रात को एक मिलिट्री ट्रेनिंग गतिविधि के दौरान पूर्वी लद्दाख़ में सासेर ब्रांग्सा के नज़दीक श्योक नदी में एक आर्मी टैंक फंस गया था.
“ये टैंक अचानक आई बाढ़ की वजह से फंस गया था. बचाव दल तुरंत घटनास्थल पर पहुंचा लेकिन तेज़ी से बढ़ते जलस्तर की वजह से बचाव दल अपने अभियान में कामयाब नहीं हो सका और टैंक क्रू के सभी सदस्यों ने अपनी जान गंवा दी.”“भारतीय सेना पूर्व लद्दाख़ में तैनात अपने पांच बहादुर जवानों को खोने पर दुख जताती है.”हादसे में T72 टैंक पर सवार सैनिक डूब गए.इस हादसे में 5 जवानों के शहीद हो गए हैं. बता दें कि जिस T-72 टैंक के साथ जवान प्रैक्टिस कर रहे थे, वह भारत में अजेय नाम से जाना जाता है. इसे 1960 में रूस में बनाया गया और 1973 में सोवियत सेना में शामिल किया गया था.