द लीडर : उत्तर प्रदेश के रामपुर और आज़मगढ़ में लोकसभा के उप-चुनाव की मतगणना जारी है और नतीज़े में उलटफेर भी. सत्तारूढ़ भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच कांटे का मुक़ाबला है. रामपुर में आज़म ख़ान के वफ़ादार साथी आसिम राजा और घनश्याम सिंह लोधी की क़िस्मत का फ़ैसला हो गया है. जहां भाजपा के घनश्याम सिंह लोधी से वो हार के क़रीब हैं. अब महज 17 हज़ार वोटों की गिनती बाकी है.
लेकिन सबसे दिलचस्प रिज़ल्ट आज़मगढ़ का है. जहां समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के भतीजे धर्मेंद्र यादव को भाजपा के दिनेश लाल यादव ने शुरुआती रुझानों में पछाड़ दिया है. (Rampur Azamgarh By Election)
दोपहर 12 बजे तक के परिणामों में जहां रामपुर और आज़मगढ़ दोनों सीटों पर समाजवादी पार्टी के कैंडिटेट बढ़त बनाए हुए थे. रामपुर में जहां ये बढ़त 12 हज़ार के क़रीब थी तो आज़मगढ़ में मामूली अंतर था. इसके बाद जो नतीज़े आए हैं उसमें दोनों सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों ने बढ़त बना ली.
यूपी के इस उप-चुनाव में समाजवादी पार्टी की साख़ दांव पर है. ये दोनों सीटें सपा के पास थीं. रामपुर से आज़म ख़ान सांसद थे तो आज़मगढ़ से अखिलेश यादव. विधानसभा चुनाव के बाद दोनों नेताओं ने लोकसभा से इस्तीफ़ा दे दिया था. इसके बाद ही इन सीटों पर उप-चुनाव हुए हैं.
रामपुर में आज़म ख़ान ने इस चुनाव को अपनी साख़ का मुद्दा बनाकर लड़ा, तो आज़मगढ़ में संपूर्ण समाजवादी पार्टी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बेशक उप-चुनाव में प्रचार से किनारा कर रखा हो, लेकिन इसके नतीज़े उनकी छवि पर असर ज़रूर डालेंगे. और अब जैसे-जैसे आज़मगढ़ के नतीजें साफ हो रहे हैं-उसमें सपा हारती नज़र आ रही हैं.
बसपा के शाह गुड्डू जमाली को जमकर वोट मिले हैं. वो लगातार फाइट में बने रहे. जमाली की फाइट ने ही धर्मेंद्र यादव को हार के मुहाने तक पहुंचाया है. इसका मतलब ये भी है कि समाजवादी पार्टी ने मुस्लिम समुदाय से जो दूरी बनाई थी-इस उप-चुनाव में मुसलमानों ने सपा को इसका डेमों दिखा दिया है. और भविष्य में यूपी की राजनीति करवट लेने वाली है.