द लीडर हिन्दी: राजधानी दिल्ली में आयोजित फेडरेशन ऑफ इंडिया चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री(FICCI)के 95वें वार्षिक सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी घुसबैठ के मुद्दे पर फिर से तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा कि गलवान हो या तवांग भारत की सेनाओं ने शौर्य और पराक्रम को साबित किया है।
भारतीय इसकी जिनती प्रशंसा की जाए कम है। इस दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि भारती की अर्थव्यवस्था तेजी के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच संकल्पों के बारे बात कही, जिसमें विकसित भारत का निर्माण, गुलामी की हर सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एक-एकजुटता और नागरिकों की ओर से कर्तव्य पालन की बातें शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है। भारत की इकॉनामी दुनिया में पांचवें नंबर की अर्थव्यवस्था बन चुका है। उन्होंने कहा कि हम दुनिया के कल्याण के लिए एक महाशक्ति बनना चाहते हैं। आज भारत की अर्थव्यवस्था 3.5 ट्रिलियन डालर के करीब है।
रक्षा मंत्री ने कार्यक्रम के माध्यम से आह्वान करते हुए कहा कि घरेलू उद्योग और विदेशी ओईएम से रक्षा क्षेत्र में निवेश करने पर इस अवसर का लाभ उठाते हुए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एकीकृत करना है। भारत ही नहीं पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था बड़े कठिन दौर से गुजर रही है लेकिन आप देखेंगे तो अन्य प्रमुख देशों की तुलना में मुद्र स्फीति कम हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि आज हमारा देश गुलामी की मानसिकता को छोड़कर हमारे सांस्कृतिक गौरव की पुर्नस्थापना कर रहा है। कार्यक्रम के माध्यम से रक्षा मंत्री ने अपीज करते हुए कहा कि हमारा देश 2047 में अपनी आजादी के 100 वर्ष पूरे करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि आप लोग नए जोश और उत्साह केसाथ सामने आएं, अनुसंधान और विकास में निवेश करें। नई प्रौद्योगिकियां और उत्पाद लाएं।