द लीडर : नए कृषि कानूनों (Farm Laws) पर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बरकरार है. एक दिन पहले ही सुप्रीमकोर्ट ने कानून के अमल पर होल्ड के संकेत दिए हैं. हालांकि किसान नेताओं का स्पष्ट मत है कि कानून वापस लिए जाएं. मंगलवार को इस मामले में सुप्रीमकोर्ट में फिर सुनवाई प्रस्तावित है. इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ‘सत्याग्रही किसानों को इधर-उधर की बातों में उलझाने की सरकार की हर कोशिश बेकार है. अन्नदाता सरकार के इरादों को समझता है. उनकी मांग साफ है-कृषि विरोधी कानून वापस लो, बस.’ (Rahul Gandhi Government Law)
सरकार की सत्याग्रही किसानों को इधर-उधर की बातों में उलझाने की हर कोशिश बेकार है।
अन्नदाता सरकार के इरादों को समझता है; उनकी माँग साफ़ है-
कृषि-विरोधी क़ानून वापस लो, बस!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 12, 2021
किसान नेता मंजीत राय ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा है कि, किसानों ने साफ बोल दिया कि वे कमेटी के सामने नहीं जाएंगे. किसान समिति बनाने के पक्षधर नहीं हैं. सरकार ने पहले ही समिति में आने के लिए कहा था, पर हमने मना कर दिया. उन्होंने सुप्रीमकोर्ट से कानूनों को रद करने के आदेश की मांग की है.
दरअसल, सोमवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीमकोर्ट ने सरकार पर कड़ी टिप्पणियां की थीं. कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि अगर आप-सरकार कानून पर रोक नहीं लगा सकती है तो हम लगा दें. इसके साथ ही रिटायर चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाने की बात कही थी. इस8 मामले में मंगलवार यानी आज सुप्रीमकोर्ट का फैसला आ सकता है.
किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट के रुख के निहितार्थ क्या हैं
दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 47 दिनों से किसानों का धरना-प्रदर्शन जारी है. सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और यूपी गेट पर हजारों की संख्या में किसान जमा हैं. एक मांग के साथ कि कानून रद किए जाएं. सरकार और किसानों के बीच 8 दौर की बातचीत हो चुकी है, जिसमें कोई हल नहीं निकला. आंदोलन के इस अंतराल में अब तक करीब 50 से अधिक मौतें हो चुकी हैं. सोमवार को भी एक किसान ने आत्महत्या की कोशिश की थी.