द लीडर। पैगंबर मोहम्मद के अपमान के विरोध में भड़की हिंसा के मामले में योगी सरकार ने कार्रवाई करते हुए अब तक कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही कई लोगों के घरों पर बुलडोजर चलवा दिए गए। वहीं प्रयागराज हिंसा के उपद्रवियों के पोस्टर लगाए जाएंगे।
सीसीटीवी फुटेज और तस्वीरों से अब अब तक 95 आरोपी पहचाने गए हैं। इसके साथ ही 5 हजार उपद्रवियों को पुलिस ढूंढ रही है। हिंसा के मामले में अब तक पूरे उत्तर प्रदेश में 337 गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं आगे भी गिरफ्तारी का सिलसिला जारी है।
फिरोजाबाद पुलिस जारी किए उपद्रवियों के पोस्टर जारी
फिरोजाबाद पुलिस ने सोमवार को उपद्रवियों के पोस्टर जारी कर दिए हैं। पुलिस ने बताया कि, जुमे की नमाज के बाद कई लोग नकाब पहनकर आए और तोड़फोड़ और पथराव किया था।
पुलिस का कहना है कि पोस्टर में जिन 24 उपद्रवियों की फोटो छपी है, लोग उनकी पहचान, नाम और पता पुलिस को बताए। साथ ही पुलिस तक उनकी जानकारी पहुंचाने वाले को इनाम मिलेगा और उपद्रवियों का नाम और पता बताने वालों की पहचान गुप्त रखी जाएगी।
जुमे की नमाज के बाद शहर-शहर भड़की हिंसा
पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा से निष्कासित नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की टिप्पणियों के बाद देश के कई राज्यों में हिंसा भड़क गई थी। शुक्रवार 10 जून को मुस्लिमों ने जुमे की नमनाज के बाद नमाज के बाद भारी प्रदर्शन किया।
यूपी के प्रयागराज, सहारनपुर, मुरादाबाद, हाथरस समेत कई जिलों में हिंसा भड़की। इसके साथ ही दिल्ली, झारखंड, रांची, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में भी हिंसा भड़की।
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जुमे की नमाज के बाद मुस्लिमों ने विरोध प्रदर्शन किया। जो काफी हिंसक हो गया। जिसमें कई पुलिसवाले भी घायल हुए थे। कई जगह तो कर्फ्यू लगा दिया गया था। दिल्ली से लेकर पश्चिम बंगाल तक ऐसी घटनाएं सामने आई।
वहीं दिल्ली, यूपी, महाराष्ट्र, झारखंड और पश्चिम बंगाल में हिंसा की तस्वीरों ने देश को हिला कर रख दिया। अब इस मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाई सरकार द्वारा की जा रही है। और देश में हिंसा फैलाने वालों के घरों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। इसके साथ ही संपत्ति के नुकसान की भरपाई भी दंगाइयों से ही वसूली जा रही है।
उपद्रवियों के लगेंगे पोस्टर
हिंसा फैलाने के मामले में अब तक कई गिरफ्तारियां हो चुकी है। यहां तक कि, उपद्रवियों के पोस्टर जारी करने के आदेश भी दे दिए गए। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए सभी को अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि, हिंसा फैलाने वाले सभी उपद्रवियों के पोस्टर जारी किए जाए।
उत्तर प्रदेश में हुई 337 लोगों की गिरफ्तारी
बता दें कि, उत्तर प्रदेश के कानपुर से शुरू हुई हिंसा ने देखते ही देखते इतना बड़ा रूप ले लिया कि, प्रयागराज, सहारनपुर, मुरादाबाद और देवबंद में बवाल मच गया। इसके साथ ही अन्य राज्यों में हिंसा भड़क उठी। जिसके बाद पुलिस ने उपद्रवियों की धरपकड़ चालू कर दी है। अब तक पूरे उत्तर प्रदेश में 337 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
यूपी में फिरोजाबाद से 18, अंबेडकर नगर से 41, मुरादाबाद से 40, सहारनपुर से 83, प्रयागराज से 92 , हाथरस से 52, अलीगढ़ से 6 और जालौन से 5 गिरफ्तारियां हुई हैं।
प्रयागराज हिंसा के मुख्य आरोपी जावेद अहमद को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके साथ ही उसके घर को भी ध्वस्त कर दिया गया है। वहीं कानपुर में हुई हिंसा में भी बुलडोजर वाली कार्रवाई देखने को मिली है। प्रयागराज हिंसा में शामिल उपद्रवियों का पोस्टर भी जारी किया जाएगा।
पुलिस का कहना है कि, सीसीटीवी फुटेज, कैमरों, मोबाइल से खींची गई तस्वीरों के आधार पर उपद्रवियों की तलाश शुरू कर दी गई है। वहीं अब तक CCTV फुटेज, तस्वीरों से 95 आरोपी पहचाने गए है। पुलिस का कहना है कि, अब उन उपद्रवियों की तलाश के लिए पोस्टर जारी करने का निर्णय लिया है जो अभी पकड़ से दूर हैं।
पूर्व सुप्रीम कोर्ट जजों समेत 12 लोगों ने CJI को भेजी पत्र याचिका
पैगंबर मोहम्मद के अपमान के विरोध में भड़की हिंसा मामले में यूपी पुलिस जहां कार्रवाई कर रही है। तो वहीं उत्तर प्रदेश में मुस्लिम प्रदर्शनकारियों के दमन का आरोप लगाते हुए तीन पूर्व सुप्रीम कोर्ट जजों समेत 12 लोगों ने सीजेआई को पत्र याचिका भेजी है। और मामले पर सुनवाई की मांग की है।
उन्होंने कहा है कि, सीएम ने लोगों को दंडित करने का बयान दिया। पुलिस ने लोगों को पीटा और वीडियो वायरल किए। मकानों को गिराया जा रहा है। चीफ जस्टिस को भेजी गई पत्र याचिका पर दस्तखत करने वालों में पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी, वी गोपाला गौड़ा, ए के गांगुली के अलावा 3 पूर्व हाई कोर्ट जज और शांति भूषण, इंदिरा जयसिंह, श्रीराम पंचू, प्रशांत भूषण जैसे वरिष्ठ वकील शामिल हैं।
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