द लीडर। पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जांच कमेटी की डेडलाइन को आगे बढ़ाने का फैसला किया है. कोर्ट ने कथित पेगासस जासूसी मामले की जांच रिपोर्ट को पर्यवेक्षी न्यायाधीश को सौंपे जाने की समय-सीमा बढ़ाते हुए कहा कि यह चार सप्ताह में पूरी हो जानी चाहिए.
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पेगासस जासूसी मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पेगासस स्पाइवेयर को लेकर 29 मोबाइल फोन की जांच कर रही तकनीकी समिति, कुछ लोगों के बयान भी दर्ज किये गये हैं.
Pegasus row | Supreme Court-appointed technical committee seeks more time from the top court to submit the report on the Pegasus probe
Court says the supervising judge would study the technical committee's report and give his opinion to the court by June end.
— ANI (@ANI) May 20, 2022
प्रक्रिया चार हफ्ते में पूरी कर ली जानी चाहिए
सुप्रीम कोर्ट ने कथित पेगासस जासूसी मामले की जांच की खातिर उसके द्वारा नियुक्त तकनीकी एवं पर्यवेक्षी समितियों के लिए रिपोर्ट सौंपने की समय-सीमा शुक्रवार को बढ़ा दी. शीर्ष अदालत ने कहा कि इजराइली स्पाईवेयर को लेकर 29 प्रभावित मोबाइल फोन की जांच की जा रही है और यह प्रक्रिया चार हफ्ते में पूरी कर ली जानी चाहिए.
प्रभावित मोबाइल फोन की जांच कर रही है समिति
भारत के प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि, तकनीकी समिति स्पाइवेयर के लिए प्रभावित मोबाइल फोन की जांच कर रही है और उसने पत्रकारों समेत कुछ लोगों के बयान भी दर्ज किए हैं.
पीठ ने कहा कि, प्रभावित उपकरणों’ की जांच के लिए मानक संचालन प्रक्रिया को भी अंतिम रूप दिया जाएगा. उसने कहा कि तकनीकी समिति की जांच मई के अंत तक पूरी की जा सकती है और फिर पर्यवेक्षी न्यायाधीश पीठ के विचार के लिए एक रिपोर्ट तैयार करेंगे.
न्यायमूर्ति रमण ने क्या कहा ?
न्यायमूर्ति रमण ने कहा कि तकनीकी समिति द्वारा प्रक्रिया चार हफ्ते में पूरी कर पर्यवेक्षी न्यायाधीश को सूचित किया जाना चाहिए. इसके बाद पर्यवेक्षी न्यायाधीश अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे. मामले को जुलाई में सूचीबद्ध करें.
शीर्ष अदालत ने अक्टूबर 2021 में इजरायली स्पाइवेयर के कथित उपयोग की जांच के आदेश दिये थे. एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने दावा किया था कि पेगासस स्पाइवेयर के जरिये कथित निगरानी के संभावित लक्ष्यों की सूची में 300 से अधिक सत्यापित भारतीय मोबाइल फोन नंबर शामिल थे.
तकनीकी विशेषज्ञ कमिटी को इन पहलुओं पर रिपोर्ट देनी है-
* क्या भारत के नागरिकों के फोन या दूसरे डिवाइस में पेगासस स्पाईवेयर डाला गया?
* कौन लोग इससे पीड़ित हुए?
* 2019 में व्हाट्सऐप की हैकिंग की रिपोर्ट के बाद केंद्र ने क्या कदम उठाए?
* क्या भारत सरकार या किसी राज्य सरकार या किसी सरकारी एजेंसी ने पेगासस स्पाईवेयर हासिल किया?
* क्या किसी निजी व्यक्ति ने इसे खरीदा या इस्तेमाल किया?
कमिटी के गठन करते हुए कोर्ट ने यह भी कहा था कि कमिटी भविष्य के लिए सुझाव देगी. आज चीफ जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस सूर्य कांत और हिमा कोहली की बेंच ने बताया कि कमिटी ने एक अंतरिम रिपोर्ट दी है. कमिटी ने बताया है कि 29 मोबाइल की जांच की. कई लोगों से बात की. मई के अंत तक रिपोर्ट तैयार हो जाएगी. कमिटी को रिपोर्ट तैयार करने के लिए समय दिया जा रहा है.
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