Ayodhya Ram Mandir : अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण कार्य इन दिनों काफी तेजी से चल रहा है। ऐसा बताया जा रहा है इस साल अक्टूबर माह तक मंदिर का प्रथम तल बनकर तैयार हो जाएगा। वहीं इसके साथ ही अब मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बड़ी खबर सामने आई हैं, जो बरसों से रामलला के दर्शन का इंतजार कर रहे भक्तों की मनोकामना पूरी करने वाली है।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है कि अगले साल 22 जनवरी को भगवान रामलला की गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा हो जाएगी।जिसके बाद भक्त मंदिर में पूजा अर्चना कर सकेंगे।राममंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक शुक्रवार को शुरू हुई, इसके बाद ही यूपी के मंत्री का ट्वीट सामने आया है। बताया जा रहा है कि रामलला की पुरानी और नई दोनों प्रतिमाओं को राम मंदिर में स्थापित करने की योजना है।
अगले साल 22 जनवरी को राम मंदिर के गर्भगृह में पूरे विधि विधान और पूजा पाठ के साथ रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी, जिसके बाद राम मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा और भक्त यहां भगवान राम के दर्शन कर सकेंगे।
वहीं आपको बताते चलें कि इन दिनों राम मंदिर के गर्भगृह का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, जिसके बाद अब गर्भगृह का आकार भी दिखने लगा है। गर्भगृह के लिए बनाए गए पिलरों का काम पूरा हो गया है और अब छत की ढलाई का काम शुरू हो गया। श्री रामजन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक गर्भगृह को पूरा करने के लिए सितंबर महीने तक का समय तय किया गया है जबकि अक्टूबर माह तक मंदिर का प्रथम तल बनकर तैयार हो जाएगा। प्रथम तल में राम दरबार होगा, जबकि दूसरा तल खाली रहेगा. इसे मंदिर की ऊंचाई बढ़ाने के लिए तैयार किया जाएगा।
इसके साथ ही रामलला की मूर्ति के लिए भी कई जगहों से पत्थर मंगाए गए हैं। इनमें नेपाल की गंडक नदी से मंगाए गए शालिग्राम पत्थर भी शामिल हैं। मंदिर में जिस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी वो भगवान राम के बाल्यकाल की होगी। इस मूर्ति को ठीक उसी तर्ज पर बनाया जाएगा जैसा कि प्राचीन ग्रंथों में जिक्र किया गया है।
अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होगी। गर्भगृह ऐसे बनाया जा रहा है कि राम लला की मूर्ति पर रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें अभिषेक करें। उस दिन पांच मिनट तक सूर्य की किरणें रामलला के ललाट पर रहेंगी। इसे सूर्य तिलक कहा गया है।
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