द लीडर : तहरीक-ए-फरोग इस्लामी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना क़मर ग़नी उस्मानी को अहमदाबाद की एक स्थानीय अदालत ने सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. उस्मानी पर धुंधका के किशन भरवाड़ की हत्या के लिए उकसावे का इल्ज़ाम है. रविवार को गुजरात एटीएस ने उन्हें दिल्ली से गिरफ़्तार किया था. (Maulana Qamar Ghani Usmani)
किशन भरवाड़ ने फेसबुक पर इस्लाम विरोधी टिप्पणी की थी. इसके कुछ दिन बाद यानी 25 जनवरी को उनकी हत्या हो गई. इस मामले में पुलिस ने सात लोगों को हिरासत में लिया है. उस्मानी भी उनमें से एक हैं.
उस्मानी, तहफ्फुज-ए-नामूसे रिसालत (यानी पैगंबर-ए-इस्लाम की अज़मत की हिफाजत) के लिए क़ानून बनाए जाने का अभियान चला रहे हैं. (Maulana Qamar Ghani Usmani)
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पिछले दिनों जब त्रिपुरा में मुस्लिम विरोधी हिंसा भड़की थी. तब उस्मानी वहां फैक्ट फाइंडिंग के लिए गए थे, जहां पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था. उनके खिलाफ गैरक़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम-यूएपीए के तहत कार्रवाई हुई थी. क़रीब 20 दिन बाद वह ज़मानत पर रिहा हुए थे.
उस्मानी का वास्ता बरेलवी थॉट से है. पिछले साल आला हज़रत के उर्स में जब विवाद हुआ, इसमें पुलिस ने बल प्रयोग किया. और कई जायरीन के ख़िलाफ मामला दर्ज किया, तो भी उस्मानी ने इसका विरोध किया था. (Maulana Qamar Ghani Usmani)
वह बरेली आए और उलमा के साथ एक बैठक की. इसमें कहा था कि जायरीन के खिलाफ मामले रद न किए गए तो मज़बूरन विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
आपको बता दें कि दिल्ली के जंतर-मंतर पर जब पिंकी चौधरी ने खुलेआम मुसलमानों के खिलाफ हिंसा का आह्वान किया था. उस मामलें में भी उस्मानी ने विरोध दर्ज कराया था. तब पुलिस ने उन्हें डिटेन किया था. हालांकि बाद में छोड़ दिया गया. (Maulana Qamar Ghani Usmani)
उस्मानी के संगठन तहरीक-ए-फरोग इस्लामी का दफ़्तर दिल्ली में हैं. उनके संगठन की तरफ से ये इल्ज़ाम सामने आता रहा है कि पुलिस उन्हें यहां काम नहीं करने दे रही है. और ज़बरन कार्यालय बंद कराने का दबाव बनाया जा रहा है. इसी मामले में उन्हें पिछले महीने ही पुलिस थाने भी ले गई थी.
बहरहाल, अब उनका नाम एक नए केस में जुड़ गया है. जिसको लेकर तमाम तरह के सवाल भी उठाए जा रहे हैं. दूसरी तरफ पुलिस ने इस हत्याकांड को लेकर कई सबूत जुटाने का दावा किया है.