द लीडर। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई के खिलाफ मुंबई पुलिस ने मामला दर्ज किया है. पुलिस ने एक अदालत के आदेश के बाद पिचाई के खिलाफ कॉपी राइट की धाराओं के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की है.
जानिए क्या है पूरा मामला?
भारतीय फिल्ममेकर और डायरेक्टर सुनील दर्शन ने कोर्ट में शिकायत की थी कि उनकी बनाई फिल्म को यूट्यूब पर अपलोड किया गया है. जिसके बाद कोर्ट ने मुंबई पुलिस को मामला दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए थे. उसी आदेश के बाद MIDC पुलिस ने पिचाई समेत छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और जांच शुरू कर दी है.
क्या कहा शिकायतकर्ता ने ?
शिकायतकर्ता फ़िल्ममेकर और डायरेक्टर सुनील दर्शन ने बताया कि, उनकी फ़िल्म ‘एक हसीना थी एक दीवाना था’ का कॉपीराइट उन्होंने किसी को नहीं दिया है. इसके बावजूद कई व्यक्तियों द्वारा इस फिल्म के गाने और वीडियो गूगल और यूट्यूब पर अपलोड किए गए. उन्होंने कहा कि जब ये फिल्म के गाने और वीडियो अपलोड हो रहे थे, तब यूट्यूब और गूगल ने इसे अपलोड करने की इजाज़त भी दी. जिसकी वजह से उन लोगों ने करोड़ों रुपये की कमाई की और उनका (फिल्ममेकर का) करोड़ों रुपये का नुकसान कराया.
यह भी पढ़ें: भारत में कितना फैला हुआ है भ्रष्टाचार ? ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल रिपोर्ट ने किया खुलासा
शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार पर सुंदर पिचाई के अलावा गौतम आनंद (यूट्यूब के MD) समेत दूसरे गूगल के अधिकारियों के खिलाफ कॉपीराइट की धाराओं 51, 63 और 69 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
कौन है गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ?
सुंदर पिचाई का वास्तविक नाम सुंदरराजन है और वे भारतीय मूल के हैं. बात उनके जन्म की करें, तो साल 1972 में मदुरै (तमिलनाडु) में उनका जन्म हुआ.वहीं, वे चेन्नई में रहकर पले-बढ़े. आईआईटी खड़गपुर से साल 1993 में पिचाई ने बीटेक किया और उसी साल स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई के लिए उन्हें स्कॉलरशिप मिल गई. यहां से उन्होंने इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री और यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया के व्हार्टन स्कूल से एमबीए किया.
17 शख्सियतों में शामिल सुंदर पिचाई
सुंदर पिचाई उन 17 शख्सियतों में शामिल हैं, जिन्हें ये सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार से नवाजा गया है. साल 2015 में वे दुनिया की दिग्गज आईटी कंपनी गूगल के सीईओ बने.सबसे खास बात ये कि, वे भारतीय मूल के नागरिक थे, जिन्हें गूगल में ये बड़ी जिम्मेदारी मिली.
ऐसे रखा था गूगल में कदम
सुंदर पिचाई गूगल के साथ अप्रैल 2004 में जुड़े थे. उन्होंने अपना पहला प्रोजेक्ट प्रोडक्ट मैनेजमेंट और इनोवेशन शाखा में दिया था. जहां पर उन्हें गूगल के सर्च टूल को बेहतर बनाने और दूसरे ब्राउजर के यूजर्स को गूगल पर लाने का काम दिया गया था. ऐसे में सुंदर पिचाई ने कंपनी को अपना ब्राउजर लॉन्च करने का सुझाव दिया.
ऐसे बन गूगल के सीईओ
सुंदर पिचाई की कड़ी मेहनत और उनके काम करने के तरीको को देखते हुए साल 2015 में गूगल का सीईओ बनाया गया. पिचाई यहीं तक नहीं रूके, वे लगातार आगे बढ़ते गए और जुलाई 2017 में अल्फाबेट के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल हो गए. उन्होंने पिछले 15 सालों में गूगल में काम करके कई बेहतरील प्रोडक्ट्स को विकसित किया है.
यह भी पढ़ें: पंजाब चुनाव के लिए कांग्रेस ने जारी की उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट, सिद्धू के भतीजे भी लड़ेंगे