द लीडर हिंदी: उत्तर प्रदेश में हाथरस ज़िले के सिकन्द्राराऊ इलाक़े के पुलराई गाँव में 2 जुलाई को आयोजित एक सत्संग में मची भगदड़ के मामले में लगातार विपक्ष नजर बनाए हुए है.और यूपी सरकार पर लगातार वार करता दिखाई दे रहा है. कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बाद अब उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी प्रमुख मायावती ने इस मामले पर सख्त टिप्पणी की है. उन्होंने कहा है कि हाथरस हादसे में ‘भोले बाबा’ सहित अन्य जो भी दोषी हैं, उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए. मायावती ने ट्वीट किया,” ऐसे अन्य बाबाओं के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई ज़रूरी है. इस मामले में सरकार को अपने राजनीतिक स्वार्थ में ढीला नहीं पड़ना चाहिए ताकि आगे लोगों को अपनी जान न गंवानी पड़े.”
मायावती ने ट्वीट में लिखा है,”देश में गरीबों,दलितों और पीड़ितों को अपनी ग़रीबी और बाक़ी सभी दुःखों को दूर करने के लिए हाथरस के भोले बाबा जैसे अनेक अन्य बाबाओं के अन्धविश्वास और पाखण्ड में नहीं पड़ना चाहिए. उन्हें इनके बहकावे में आकर अपने दुःख और पीड़ा को नहीं बढ़ाना चाहिए.”बीएसपी ने ऐसे लोगों को अपनी पार्टी से जुड़ने की सलाह दी है और लिखा है कि बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के बताए हुए रास्तों पर चलकर इन्हें सत्ता ख़ुद अपने हाथों में लेकर अपनी तक़दीर बदलनी होगी.मायावती के मुताबिक़ ऐसे लोगों को अपनी पार्टी बीएसपी से ही जुड़ना होगा, तभी ये लोग हाथरस जैसे काण्डों से बच सकते हैं जिसमें 125 लोगों की हुई मृत्यु हुई है.उत्तर प्रदेश में हाथरस ज़िले के सिकन्द्राराऊ इलाक़े के पुलराई गाँव में 2 जुलाई को आयोजित एक सत्संग में मची भगदड़ में 125 लोगों की मौत हो गई थी. यह सत्संग नारायण साकार हरि नाम के कथावाचक का था, जिसके पोस्टर हाथरस की सड़कों पर लगाए गए थे.इस कथावाचक का मूल नाम सूरज पाल जाटव है. समर्थक इन्हें ‘भोले बाबा’ और ‘विश्व हरि’ के नाम से भी जानते हैं.