द लीडर : जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने यूपी के मुजफ्फरनगर-2013 के दंगा पीड़ित 151 परिवारों को मकानों की चाबियां सौंपीं हैं. दंगों में जिनका सब कुछ उजड़ गया था. जमीयत ने उनके लिए ये आवास बनवाए हैं. इस दौरान मदनी ने देश के मौजूदा हालात पर गहरी फिक्र जाहिर की. नाराजगी भरे तंज के साथ कहा कि, भारत की आजादी में जिनका एक कौड़ी का भी योगदान नहीं है. अब वे ही लोग देश को तबाह करने में जुट गए हैं. (Muzaffarnagar Riots Arshad Madani)
मदनी ने भारत की आजादी में मुसलमानों की शहादत और जिंदादिली का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि बेशुमार मुसलमान वतन की आजादी की खातिर कुर्बान हो गए. और मुसलमानों की शहादत के बाद ही देश को आजादी नसीब हुई.
लेकिन आज वे एक खास वर्ग पर लाछन लगा रहे हैं. जबकि तारीख गवाह है कि कितने ही मुसलमानों ने शहादत दी है. पर अब धर्म-मजहब के नाम पर नफरत फैलाई जा रही है.
मदनी ने कहा कि जमीयत उलमा-ए-हिंद, ऐसा संगठन है-जो धर्मनिरपेक्षता पर यकीन रखता है. दूसरी तरफ एक तबका है, जो समाज में धार्मिक आधार पर भेदभाव फैलाने में जुटा है. एक वर्ग विशेष के लोगों को तंग किया जा रहा है. उन्हें निशाना बनाया जा रहा. अगर यही हालात रहे तो एक दिन मुल्क तबाही के रास्ते चल पड़ेगा.
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मौलाना अरशद मदनी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS)प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात कर चुके हैं. इस मुलाकात के सवाल पर मौलाना ने कहा कि संघ प्रमुख के कई सुझावों पर अमल किया. लेकिन प्रवीण तोगड़ियां ने उनका खुलकर विरोध किया. (Muzaffarnagar Riots Arshad Madani)
बोले-हमने संघ प्रमुख के समक्ष लिंचिंग का मुद्दा उठाया था. और इस पर सख्त से सख्त कानून बनाए जाने की जरूरत जताई थी. वह खामोश रहे. उस वक्त कोई जवाब नहीं दिया. लेकिन मुझे भरोसा है कि संघ प्रमुख उस पर विचार जरूर करेंगे या कर रहे होंगे.
मुजफ्फरनगर में 2013 में दंगे भड़क गए थे. इसमें करीब 43 लोग मारे गए थे, जबकि सैकड़ों घायल हुए थे. दंगों के आरोप में करीब एक हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया था और दस हजार के खिलाफ नजरबंद किए जाने की कार्रवाई हुई थी. मुजफ्फरनगर-मेरठ के पांच जिलों के करीब 6,869 आरोपियों के खिलाफ 510 मामले दर्ज किए गए थे.
हाल ही में यूपी सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगों के 77 मामले वापस ले लिए हैं. राज्य सरकार की ओर से सुप्रीमकोर्ट को ये जानकारी दी गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार की ओर से बिना कोई ठोस वजह बताए ये मामले वापस लिए गए हैं. (Muzaffarnagar Riots Arshad Madani)