द लीडर। पहाड़ों पर कुदरत अपना रौद्र रूप दिखा रही है। जिससे लोगों की परेशानियां बढ़ गई है। बता दें कि, भारी बारिश के चलते पहाड़ों में कई जगह भूस्खलन और बाढ़ से लोगों का हाल बेहाल है। वहीं बात अगर मैदानी इलाकों की करें तो यहां भी भारी बारिश के चलते किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। राजधानी लखनऊ और आस पास इलाके में अचानक बदले मौसम के मिजाज के चलते सोमवार और मंगलवार को हुई बेमौसम बारिश के साथ तेज हवाओं से सरोजनीनगर क्षेत्र के हजारों किसानों के खेतों में खड़ी और कटी हुई पड़ी धान की फसलें बर्बाद हो गई।
बेमौसम बारिश से फसलें बर्बाद
इसके साथ ही भारी बारिश के चलते खेतों में पानी भरा हुआ है। बता दें कि, यह पानी और हवाएं किसानों के ऊपर एक क्रूरतम कहर साबित हुई है। इससे किसानों की धान की अधिकांश फसलें नष्ट हो गई है। धान की खड़ी फसलें तेज हवाओं के चलते खेत में गिर कर लेट गई हैं। बता दें कि, किसान अपनी गाढ़ी कमाई को बर्बाद होता देख काफी परेशान व चिंतित हैं।
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खड़ी फसल के खेत में गिरने से काफी नुकसान
पिपरसंड निवासी कृषक व किसान नेता शिव कुमार सिंह चौहान का कहना है कि, रात में बारिश के साथ तेज हवा में लगभग एक घंटे तक हुई तेज बारिश के चलते खेत में तैयार धान की खड़ी फसल खेत में गिर गई। और जो फसलें काटकर खेत में पड़ी थी वह सभी खेतों में पानी भर जाने के कारण काफी हद तक खराब हो चुकी है। जिससे किसानों की परेशानी काफी बढ़ गई है। खड़ी फसल के खेत में गिरने से काफी नुकसान हुआ है।
धान की फसल का उत्पादन न के बराबर होने की उम्मीद
वहीं चौपाई निवासी किसान प्रवीण शुक्ल का कहना है कि, बेमौसम अतिवृष्टि बारिश से खेतों में तैयार धान की फसल समेत कई फसलों को भारी नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा खेतों में कटी पड़ी फसलों में है, जोकि पूरी तरह से खराब हो जाएगी। यहीं नहीं देर से तैयार होने वाली धान की फसल भी खेतों में गिर गई है। ऐसी स्थिति में धान की इस फसल में सिर्फ फरहा ही निकलेगा। धान की फसल का उत्पादन न के बराबर होने की उम्मीद है।
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किसानों ने की मुआवजे की मांग
किसानों ने शासन प्रशासन के उच्च अधिकारियो से मांग की है कि, किसानों के खेतों का स्थलीय निरीक्षण करके और नुकसान का सर्वे कराकर उचित मुआवजा दिए जाए। उनका कहना है कि, किसान पहले से मौसम की मार झेलता चला आ रहा है। इसलिए सरकार को अचानक हुई इस अतिवृष्टि से नुकसान की भरपाई के लिए उन्हें उचित मुआवजा देना चाहिए।
बारिश से 60% धान की फसल को नुकसान
किसानों की मानें तो, भारी बारिश और अतिवृष्टि से करीब 60 प्रतिशत धान की फसल को नुकसान है। इसके साथ-साथ आलू की बुवाई भी चल रही है जो भी बहुत प्रभावित हुई है ,साथ ही उड़द और तिल की फसल भी इस बेमौसम बारिश से काफी प्रभावित हुई है। जिससे अब किसानों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो सकता है।
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