द लीडर : लव जिहाद, धर्मांतरण कानून और सुल्ली डील्स पर विवाद के बीच, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुसलमानों के लिए सख्त पैगाम जारी किया है. जिसमें मुस्लिम लड़के-लड़कियों के गैर-मुसलमानों से शादी करने पर अफसोस जताया. नौजवानों से अपील की है कि वे अपने ही मजहब में शादी करें. बोर्ड के इस संदेश को उलमा और धार्मिक संगठन और संस्थाओं का व्यापक समर्थन मिल रहा है. (Love Jihad Muslim Women )
इसे भी पढ़ें –मुस्लिम औरतों को निशाना बनाना, अल्पसंख्यकों के खिलाफ उन्माद की सबसे खतरनाक साजिश, दिल्ली पुलिस को महिला आयोग का नोटिस
मुसलमानों पर लव जिहाद का आरोप लगाया जाता रहा है. और इसे रोकने के लिए देश के नौ राज्यों में धर्मांतरण कानून बनाए जा चुके हैं. इसमें उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ़, गुजरात, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और मध्यप्रदेश शामिल हैं. कुछ राज्यों ने अपने कानूनों में संशोधन किया है. तो दूसरे प्रदेश भी अपने यहां ऐसे ही कानून बनाने की तैयारी में हैं.
इसी साल जून में उत्तर प्रदेश आतंक निरोधी दस्ता (ATS) ने नोयडा में धर्मांतरण गिरोह पकड़ने का दावा किया था. मौलाना उमर गौतम के अलावा कुछ और लोगों को गिरफ्तार किया. जो अभी जेल में हैं. (Love Jihad Muslim Women )
उन पर हिंदुओं को प्रलोभन देकर मुसलमान बनाने का आरोप है. उमर, जोकि खुद गैर-मुस्लिम थे. बाद में मुसलमान हुए. हालांकि उनके परिवार ने उमर पर लगे सारे इल्जाम खारिज किए हैं.
लेकिन एटीएस पुख्ता सबूत होने का दावा करते हुए जांच आगे बढ़ा रही है. एटीएस का दावा है कि धर्मांतरण के लिए विदेशी फंडिंग हो रही थी. (Love Jihad Muslim Women )
इसे भी पढ़ें – सुप्रीमकोर्ट ने लव ‘जिहाद कानून’ पर यूपी और उत्तराखंड सरकार को जारी किया नोटिस
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस्लाम में निकाह के कायदे याद दिलाए हैं. कहा है-इस्लाम में निकाह के मामले में ये जरूरी है कि मुस्लिम लड़का-लड़के का निकाह, मुस्लिम लड़की-लड़के से ही हो सकता है.
कोई मुसलमान लड़का, गैर-मजहब की लड़की से निकाह नहीं कर सकता. अगर उसने ऐसा किया तो वो शरीयत के एतबार से जायज नहीं होगा. (Love Jihad Muslim Women )
अंतरधार्मिक शादियों को लेकर जिस तरह से देश में तनाव के हालात पैदा होते जा रहे हैं. और उस पर बंदिश की शक्ल में कानून लागू किए जा रहे हैं. और महिलाओं को लेकर दूसरी घटनाएं बोर्ड के पैगाम में वो सारी चिंताएं झलक रही हैं.
बीती चार 4 जुलाई को सुल्ली डील्स एप पर मुस्लिम लड़कियों और औरतों की खरीद-फरोख्त का बाजार सजाए जाने की एक घिनौनी घटना सामने आई. औरतों, छात्रों और बुद्धिजीवियों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई. (Love Jihad Muslim Women )
इसे भी पढ़ें –धर्मांतरण मामले में मीडिया का रवैया तबलीगी जमात को निशाना बनाने जैसा : महमूद मदनी
बिहार के किशनगंज से सांसद डॉ. मुहम्मद जावेद 56 सांसदों का विरोध पत्र लेकर गृहमंत्री अमित शाह से मिले. और सुल्ली डील्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग रखी. पुलिस की अनदेखी पर हैरत जताई.
इसके बावजूद सुल्ली डील्स के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. यहां तक कि इस मामले में उसके खिलाफ दिल्ली समेत अन्य जगहों पर एफआइआर भी दर्ज कराई जा चुकी हैं.
इसी अगस्त महीने में मुस्लिम औरतों को निशाना बनाए जाने का एक और मामला सामने आया. जिसमें कुनाल शर्मा और उसके सहयोगियों ने मुस्लिम लड़कियों और औरतों के नंबर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए. इस मुहिम के साथ कि उन्हें फसांकर इस्तेमाल करें. (Love Jihad Muslim Women )
सुल्ली डील्स और नंबर वायरल किए जाने की इन दो घटनाओं ने मुस्लिम समाज को झकझोर दिया है. दोनों आपराधिक घटनाओं पर पुलिस और प्रशासन का रवैया हैरान करने वाला है.
यही वजह है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सामने आया है. और उसने समाज से ही ये आह्वान किया है कि वो अंतर धार्मिक शादियों से बचे. खासकर नौजवान इस जिम्मेदारी को निभाएं.
बोर्ड की इस अपील के बाद दरगाह आला हजरत से जुड़े उलमा भी हिमायत में आए हैं. उन्होंने कहा है कि बोर्ड की ये चिंता और पहल वाजिब है. लड़के और लड़कियां, दोनों को गैर-मजहब में शादियों से बचना चाहिए. परिवार भी अपने बच्चों को ये समझाएं. (Love Jihad Muslim Women )
मौलाना एहसानुल हक ने कहा कि बेहतर होगा कि हम अपने घरों में बच्चों को इस बारे में बताएं. अक्सर बच्चे मजहब के बाहर जाकर प्रेम विवाह कर लेते हैं. ये शरई और सामाजिक हालात के मद्देनजर भी ठीक नहीं है.