बरेली में उस पत्नी को ताउम्र जेल जिसने कटवा दिया पति का गला

बरेली में शादीशुदा से मुहब्बत में रंगे नाबालिग़ ने ख़ून से हाथ, दो साल पहले भी ऐसी ही सर्द रात थी. हवाएं चल रही थीं. ठंड से जिस्म कपकपा रहे थे. सड़कों पर सन्नाटा पसरा था. तब यूपी के ज़िला बरेली में लाल फाटक के पास पूर्व सांसद धर्मेंद्र कश्यप के गांव के तौर पहचाने जाने वाले कांधरपुर में भी ज़्यादातर लोग घरों में सो चुके थे लेकिन आरती जाग रही थी. वो अपने उस प्रेमी का इंतज़ार कर रही थी, जो अभी नाबालिग़ था, जिसे उसने फोन पर यह कहकर बुलाया था कि तुम्हारी वजह से पति रोहित कुमार मुझे पीट रहा है. आरती का यह इंतज़ार कुछ देर में ही ख़त्म हो गया. उसका नाबालिग़ प्रेमी अपने दोस्त के साथ पहुंच गया. घर के बाहर क़दमों की आहट सुनाई देने पर आरती ने फौरन ही दरवाज़ा खोल दिया. प्रेमी और उसका दोस्त दोनों अंदर आ गए. आरती की आंखों में आंसु थे और उसका पति शराब के नशे में मदहोश था. जैसे ही आरती ने रोते हुए बताया कि इसने मुझे बहुत मारा है, नाबालिग़ प्रेमी की आंखों में ख़ून उतर आया.

तीनों ने मिलकर रोहित कुमार को ज़मीन पर गिरा लिया. आरती ने पति के पैर पकड़े और प्रेमी ने दोस्त के साथ मिलकर रोहित का गला दबाना शुरू कर दिया. इसके बाद हंसिये से उसकी गर्दन पर वार करता चला गया. तीनों ने जब देखा कि रोहित का शरीर ठंडा पड़ चुका है तो वो लाश को ठिकाने लगाने की योजना बनाने लगे. पहले अच्छी तरह से ख़ून से सने घर को साफ किया. रोहित के शव को टी-शर्ट से बांधा और घने कोहरे में बाइक पर रखा. परगवां गांव के पास एक खेत में फेंक आए. आला-ए-क़त्ल हंसिया और ख़ून से सने कपड़े वीरांगना चौक के पास छुपा दिए. अगले दिन सुबह जब रोहित कुमार का शव बरामद हुआ तो शिनाख़्त के बावजूद क़त्ल की गुत्थी को खोलने में पुलिस का दिमाग़ घूम गया. रोहित के मौसेरे भाई राजू सिंह ने क़त्ल का मुक़दमा अज्ञात के ख़िलाफ़ दर्ज करा दिया. पुलिस की तफ़्तीश आगे बढ़ी. सर्विलांस के ज़रिये पुलिस कांधरपुर में ही रहने वाले प्रेमी और उसके दोस्त तक पहुंच गई. तब राज़फ़ाश हो गया कि क़त्ल के पीछे बेमेल मुहब्बत की कहानी थी. फेसबुक के ज़रिये आरती और गांव के नाबालिग़ किशोर में दोस्ती और फिर सभी तरह के रिश्ते क़ायम होते चले गए.

प्रेमी मुंबई में काम करता था. वो आरती से मिलने के लिए गांव आने लगा. जब रोहित को यह पता लगा तो उसने आरती को पहले समझाया और फिर नहीं मानने पर उसकी पिटाई करने लगा. आरती ने ग़लत रास्ते पर बढ़ चुके अपने क़दम पीछे खींचने के बजाय पति को ही रास्ते से हटवा दिया. यह सोचकर कि अब वो अपने नाबालिग़ प्रेमी के साथ नई दुनिया बसा लेगी लेकिन बुरे काम का नतीजा न कभी अच्छा हुआ है, न कांधरपुर के इस क़त्ल केस में हुआ. फ़ैसला सुनाते वक़्त अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने भी टिप्पणी की कि यह मुहब्बत नहीं, वासना है. मामला अपराध के लिए ग़लत रास्ते पर चलने का है. कठोर सज़ा समाज में अनुशासन रखने के लिए बेहद ज़रूरी है. लिहाज़ा यह अदालत पति रोहित कुमार के क़त्ल में पत्नी आरती को उम्र क़ैद की सज़ा सुनाती है. प्रेमी और उसके दोस्त नाबालिग़ हैं. उनका मामला किशोर न्याय बोर्ड में लंबित है.

  • Abhinav Rastogi

    पत्रकारिता में 2013 से हूं. दैनिक जागरण में बतौर उप संपादक सेवा दे चुका हूं. कंटेंट क्रिएट करने से लेकर डिजिटल की विभिन्न विधाओं में पारंगत हूं.

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