द लीडर। समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव के गढ़ मैनपुरी में सपा का दबदबा है। और अखिलेश यादव अपने गढ़ से ही चुनावी मैदान में खड़े उतरे हैं। लेकिन भाजपा ने अखिलेश यादव के खिलाफ करहल विधानसभा सीट से बीजेपी ने एसपी सिंह बघेल को उम्मीदवार बनाया है। वहीं एसपी सिंह बघेल ने मैनपुरी कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपना नामांकन भी भर दिया है। यानि सपा के गढ़ में अब अखिलेश यादव को एसपी सिंह बघेल टक्कर देंगे।
एसपी सिंह बघेल ने किया नामांकन
एसपी सिंह बघेल करहल सीट से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी के तौर पर नामांकन किया है।
अखिलेश ने भी आज ही किया भरा पर्चा
आज ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया। इसके लिए वह मैनपुरी जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। उन्होंने अपना नामांकन पत्र भरा। करहल विधानसभा सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है। तीन दशक से पार्टी का इस सीट पर कब्जा है। ऐसे में करहल सीट सपाई दबदबे के साथ जातीय समीकरण के लिहाज से भी अखिलेश यादव के लिए एकदम मुफीद है। यहां के कुल मतदाताओं के लगभग 38 फीसदी यादव हैं।
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जानिए एसपी सिंह बघेल के बारे में ?
एसपी सिंह बघेल केंद्र सरकार में मंत्री भी हैं और 17वीं लोकसभा में आगरा के प्रतिनिधि हैं। एसपी सिंह बघेल साल 1998 – 2009 तक समाजवादी पार्टी के टिकट जलेसर से लोकसभा सांसद थे। इसके बाद वह बसपा में शामिल हो गए और फिर 2010 – 2014 तक राज्यसभा सदस्य थे। इसके बाद एसपी सिंह बघेल, भाजपा में शामिल हुए। साल 2015 में बघेल भाजपा ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष भी नियुक्त हुए।
फिर साल 2017 के विधानसभा चुनाव में एसपी सिंह बघेल ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और टूंडला से विधायक बने। वहीं साल 2019 में भाजपा नेता चौथी बार लोकसभा के सांसद चुने गए। इस बार वह बीजेपी के टिकट पर आगरा से लोकसभा सदस्य चुने गए। फिलहाल एसपी सिंह बघेल केंद्रीय कैबिनेट में कानून और न्याय राज्य मंत्री हैं।
पेशे से प्रोफेसर थे एसपी सिंह बघेल
राजनीति में आने से पहले एसपी सिंह बघेल आगरा कॉलेज में मिलिट्री साइंस के एसोसिएट प्रोफेसर थे. भाजपा नेता संसदीय कार्यकाल में संसद की अलग-अलग कमेटियों में सदस्य भी रहे। बघेल के पास कानून में स्नातक की डिग्री, विज्ञान में मास्टर डिग्री और डॉक्टरेट की उपाधि भी है। उन्होंने ग्वालियर की महाराजा जीवाजी राव यूनिवर्सिटी और मेरठ विश्वविद्यालय से डिग्री ली है।
बघेल का सपा, बसपा से भी रहा है नाता
सत्यपाल सिंह बघेल का का नाता सपा और बसपा दोनों से रहा है। वो तीन बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर लोकसभा सदस्य बन चुके हैं। वहीं बसपा भी उन्हें एक बार राज्यसभा भेज चुकी है। बघेल इटावा जिले के भाटपुरा उमरी से ताल्लुक रखते हैं। गडरिया समुदाय से आने वाले सत्यपाल सिंह बघेल अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित आगरा सीट पर लोकसभा सांसद हैं।
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बघेल सपा के टिकट से 3 बार बने सांसद
1998, 1999 और 2004 में बघेल ने उत्तर प्रदेश के जलेसर से लोकसभा में तीन बार समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधित्व किया है। इन तीन कार्यकालों के बाद बघेल को उनकी पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। बहुजन समाजवादी पार्टी का दामन थामने के बाद 2014 में बघेल बसपा की तरफ से राज्यसभा के लिए चुने गए थे। 2017 में टूंडला से विधायक चुने गए और यूपी सरकार में मंत्री बनें। इसके बाद बीजेपी के टिकट पर ही उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव आगरा सीट से लड़ा और जीते। 2021 में उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में राज्य मंत्री बनने का मौका मिला।
एसपी सिंह बघेल पूरा राजनीतिक सफर ?
1998 – 1999: जलेसर से सपा के टिकट पर सांसद बने।
1999 – 2004: जलेसर से समाजवादी पार्टी के टिकट पर सांसद।
2004 – 2009: जलेसर से समाजवादी पार्टी के टिकट पर सांसद बने।
2010 – 2014: राज्यसभा सदस्य (बहुजन समाज पार्टी)
2017 – 2019 : टूंडला से विधायक बने और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री पशुधन, लघु सिंचाई और मत्स्य पालन की जिम्मेदारी मिली।
2019: में आगरा से लोकसभा सांसद (पहली बार भाजपा सदस्य के रूप में)
2021 से अब तक वो केंद्रीय कैबिनेट में कानून और न्याय राज्य मंत्री हैं।
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