द लीडर हिंदी: आख़िरी चरण का मतदान पूरा होने के बाद अब जनता का फ़ैसला सामने आने की बारी है. उलटी गिनती शुरू हो चुकी है. तीसरी बार फिर मोदी सरकार या विपक्षी इंडिया गठबंधन मारेगा बाज़ी. वक़्त नज़दीक है. दावे अब भी बरक़रार हैं. अब इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन ईवीएम का नतीजा किसके हक़ में आने जा रहा है, बस दो दिन बाक़ी हैं.
यूपी में बरेली की दोनों सीटों की बात करें तो काफी हद तक स्थिति साफ हो चुकी है. बरेली का चुनाव ज़्यादा अहम है, क्योंकि 40 साल बाद संतोष गंगवार चुनाव का हिस्सा नहीं थे. उनकी जगह भाजपा बहेड़ी के पूर्व विधायक छत्रपाल सिंह गंगवार को लेकर आई है. नतीजे के साथ बड़ा सवाल यह भी है कि संतोष गंगवार की विरासत भाजपा के पास ही रहेगी या फिर इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार प्रवीण सिंह ऐरन बाज़ी मार ले जाएंगे.
आंवला में भाजपा से धर्मेंद्र कश्यप हैट्रिक लगाने जा रहे हैं या इससे पहले ही जलालाबाद के पूर्व विधायक नीरज मौर्य उनकी गिल्लियां बिखेर देंगे. पहले आप नेताओं के दावे सुनिए, फिर आपको बताएंगे कि चुनावी फ़िज़ा इस बार के चुनाव में बदली-बदली सी क्यों लगी. दरअसल, भाजपा के मज़बूत गढ़ बरेली में भी चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर ही लड़ा गया लेकिन पिछले दो चुनावों से तुलना करें तो भाजपा के पक्ष में वैसा माहौल नहीं था.
टक्कर हुई है. इंडिया गठबंधन ने कड़ी चुनौती पेश की है. रणनीति के एतबार से भी और प्रचार के मैदान में भी. ऐसे में कुछ भी हो सकता है. हार और जीत का आंकड़ा 50 हज़ार से ज़्यादा भी रहने की संभावना है. दावे भले अपनी जीत के हो रहे हैं लेकिन दोनों ही तरफ के नेता कंफर्म नहीं हैं. अभी फिलहाल इतना ही. शेष दो दिन में तस्वीर कुछ और साफ होगी.https://theleaderhindi.com/conspiracy-to-attack-salman-khan-foiled-four-members-of-lawrence-gang-arrested/