द लीडर हिंदी: दक्षिण भारत में स्थित भगवान तिरुपति बालाजी का चमत्कारिक और रहस्यमयी मंदिर भारत समेत पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है.यह बेहद खूबसूरत मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में तिरुमला पर्वत पर स्थित है और यह भारत के मुख्य तीर्थ स्थलों में से एक है.लेकिन इस समय की बड़ी बात ये है कि भगवान तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलने वाला लड्डू इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है.दरअसल आंध्र प्रदेश के इस प्रसिद्ध मंदिर में प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाने वाला लड्डू राजनीतिक विवाद का केंद्र बना हुआ है.क्योकि गुजरात की एक प्रयोगशाला ने लड्डू को बनाने में घी के साथ पशु की चर्बी और फिश ऑयल का इस्तेमाल किए जाने का दावा किया है.
इसके बाद सीएम एन. चंद्रबाबू नायडू ने पिछली सरकार पर श्रद्धालुओं की भावना को आहत करने का ‘महापाप’ का आरोप लगाया है. वहीं वाईएसआरसीपी (YSRCP) ने पलटवार करते हुए कहा है कि सीएम राजनीतिक लाभ लेने के लिए ‘घृणित आरोप’ लगा रहे हैं.इसी बीच इस विवाद पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, “तिरुपति लड्डू के बारे में जो कुछ भी आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा है वह बहुत ही गंभीर मामला है. इसकी जांच होनी चाहिए.” उन्होंने कहा, “लैब रिपोर्ट और मामले में जो कुछ भी बाहर आया है, वह बहुत ही ख़तरनाक है.
करोड़ों लोगों की श्रद्धा का विषय है. चंद्रबाबू नायडू जी ने जो लैब रिपोर्ट पब्लिक किया है उसके बारे में पूरे तरीके से जांच होना चाहिए. अगर यह सच निकलता है तो कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए.” सीबीआई से इस मामले की जांच कराने को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा, “चंद्रबाबू नायडू यह डिसाइड करेंगे कि मामले को सीबीआई को देना है या एसआईटी गठित करनी है. इसका प्रदेश सरकार निर्णय करेगा.
“वहीं इस पर समाजवादी पार्टी के नेता फ़ख़रुल हसन चंद ने कहा, “आस्था और धर्म से जुड़े विषय पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. यह गंभीर विषय है. इसकी गंभीरता से जांच होनी चाहिए.” उन्होंने कहा, “आस्था और धर्म से जुड़े विषय पर राजनीति करने का अधिकार किसी भी दल को नहीं है. किसी को भी किसी की आस्था से खिलवाड़ करने का कोई अधिकार नहीं है.”