द लीडर हिंदी : मनी लॉड्रिंग मामले में एनसीपी नेता नवाब मलिक को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने धन शोधन मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मलिक की आज 30 जुलाई 2024 को जमानत दे दी है. बतादें कोर्ट ने उनकी बीमारी को आधार मानते हुए जमानत मंजूर की. मलिक ने यह कहते हुए उच्च न्यायालय से राहत मांगी थी कि वह कई अन्य बीमारियों के अलावा किडनी रोग से पीड़ित हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा यह राहत उनकी नियमित जमानत पर बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश आने तक बनी रहेगी. दरअसल पहले जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने मलिक के वकील की दलीलों पर गौर किया, जिन्होंने बताया कि मलिक कई बीमारियों से पीड़ित हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मलिक को मेडिकल जमानत बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष नियमित जमानत याचिका के निपटारे तक वैध रहेगी.
आपको बता दें कि मलिक ने बॉम्बे हाईकोर्ट के 13 जुलाई के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसमें उन्हें चिकित्सा के आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया था. कोर्ट का कहना था कि उन्हें विशेष चिकित्सा सहायता मिल रही है और उनके स्वास्थ्य अधिकार या जीवन अधिकार का किसी भी तरह से उल्लंघन नहीं किया रहा है.इसके बाद शीर्ष अदालत ने कुछ महीने पहले उनको अंतरिम जमानत दी थी. इसे बाद में तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया था. इसके बाद मलिक ने कोर्ट से बीमारी के आधार पर जमानत देने की मांग की थी. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने उनकी जमानत याचिका मंजूर की. वहीं ईडी की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जमानत देने का विरोध नहीं किया और कहा कि अंतरिम चिकित्सा जमानत को स्थायी बनाया जा सकता है.
एनसीपी नेता न्यायिक हिरासत में है
बता दें कि ईडी ने नवाब मलिक को फरवरी 2022 में भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की कथित गतिविधियों से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया था. हाईकोर्ट में मलिक के वकील अमित देसाई ने तर्क दिया था कि उनके मुवक्किल का स्वास्थ्य पिछले आठ महीनों से बिगड़ रहा था और वह क्रोनिक किडनी बीमारी से जूझ रहे हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने किया था इनकार
बताते चले बॉम्बे हाईकोर्ट का कहना था कि मलिक की मेडिकल रिपोर्ट यह नहीं दर्शाती है कि आवेदक किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है या उसकी दाहिनी किडनी ठीक से काम नहीं कर रही है. इसके विपरीत, रिपोर्ट में कहा गया है कि आवेदक को आगे अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है.https://theleaderhindi.com/manu-bhakar-created-history-in-paris-olympics-2024-became-the-first-indian-female-player-to-win-two-medals-in-the-same-olympics/