द लीडर : दिल्ली के दिल में आबाद ऐतिहासिक, ‘शाही मस्जिद जाब्तागंज’ को लेकर पिछले कई दिनों से मुस्लिम समाज के बीच बेचैनी का आलम बना है. इस आशंका के साथ कि मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट-सेंट्रल विस्टा में इसे शहीद न कर दिया जाए. इसका एक कारण ये भी है कि बीते महीने ही बाराबंकी के रामसनेही घाट में गरीब नवाज मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया था. इसने जाब्तागंज मस्जिद को लेकर समाज के बीच चिंता बढ़ाई है. हालांकि मस्जिद के इमाम असद खान ने इस आशंका को महज अफवाह बताते हुए खारिज किया है.
एक वीडियो संदेश में इमाम असद खान ने मुसलमानों से अपील की है कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में मस्जिद को कोई नुकसान नहीं होगा. सोशल मीडिया पर ये जो अफवाह फैलाई जा रही है कि मस्जिद को शहीद कर दिया जाएगा. इस पर कतई ध्यान न दें. मेरी आला अधिकारियों से बात हुई हैं. मस्जिद का नक्शा, कागजात हमारे पास हैं.
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जाब्तागंज मस्जिद इंडिया गेट के नजदीक है. ये मस्जिद रोहिला मुखिया नजीब-उद-दौला के बेटे जाब्ता खान ने तामीर कराई थी. मस्जिद में ऊंची मीनार, आलीशान गुंबद तो नहीं है, लेकिन ये बेहद खूबसूरत है. मस्जिद के अहाते में एक छोटा सा तालाब भी है. जिसे वुजु के मकसद से बनाया गया होगा. इंडिया गेट या लुटियंस जोन में जाने वाले लोग यहां नमाज भी अदा करते हैं.
चूंकि दिल्ली में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत इंडिया गेट से लुटियंस जोन के अन्य हिस्सों तक नए सिरे से निर्माण कार्य चल रहा है. इस पर विपक्ष लगातार प्रश्न उठा रहा है. प्रोजेक्ट का मामला शीर्ष अदालत तक जा जा चुका है. विपक्ष का तर्क है कि महामारी की दौर में करीब 20 हजार करोड़ रुपये इस प्रोजेक्ट पर खर्च करने का कोई औचित्य नहीं है. जबकि सरकार किसी भी सूरत में इसे पूरा करना चाहती है.
बहरहाल, निर्माण कार्य जारी है. इसी बीच मस्जिद को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो गई. जिसमें ये दावा किया जा रहा था कि इस प्रोजेक्ट के तहत मस्जिद भी ढहा दी जाएगी. लेकिन इमाम ने इसे नकारते हुए कहा कि मस्जिद सुरक्षित रहेगी.