द लीडर हिंदी: यूपी के ज़िला बरेली में जोगीनवादा इलाक़ा पुलिस से लेकर अमनपसंदों के लिए भी परेशानकुन मसला बन गया है. इसकी नींव पिछले साल कांवड़यात्रा के दौरान तब पड़ी जब रूट नहीं होने की बात कहकर मुस्लिमों ने विरोध कर दिया. तब अच्छा ख़ासा हंगामा हुआ था. कांवड़यात्रा निकाले जाने की कोशिश के बीच में पुलिस आ गई थी. भारी भीड़ जुटने के बाद पुलिस को लाठी चलानी पड़ी. उस समय के एसएसपी को मोर्चा संभालना पड़ गया.
लाठीचार्ज की एवज में प्रभाकर चौधरी से एसएसपी की कुर्सी छिन गई. तब से अब तक माहौल और बिगड़ा है. बीच में मुहर्रम के दौरान मौर्या गली में मठिया के पास पीपल को छांटकर ताज़िये के लिए रास्ता बना दिया गया था. सालों बाद पहली मर्तबा ताज़िया निकालने के लिए नगर निगम को ज़मीन में गड्ढा नहीं करना पड़ा. जब द लीडर हिंदी ने वहां दोनों संप्रदाय के लोगों से बात की तो सौहार्द की झलक दिखाई दी.
लगा कि नफ़रतें मुहब्बत में बदल रही हैं लेकिन ईदमिलादुन्नबी पर जोगीनवादा में अंजुमनों को निकलने से रोकने के लिए जिस तरह का मुज़ाहिरा हुआ, उससे साफ लगा कि दिलों की टीस निकली नहीं है. पुलिस को वहां माहौल सामान्य बनाए रखने के लिए मशक़्क़त करनी पड़ रही है. गुज़री रात भी ख़ुराफ़ात कर दी गई. जगतपुर तिराहे के पास कुछ चाट विक्रेताओं की पिटाई की गई.
सोशल मीडिया पर मैसेज डाले जाने लगे कि दूसरे संप्रदाय के लोगों से सामान नहीं खरीदें. तनातनी के बीच रात में कई थानों की फोर्स को पहुंचना पड़ा. ख़ैर पुलिस इस मामले को बेहद संजीदगी से ले रही है. आईजी डॉ. राकेश सिंह ने जोगीनवादा और आसपास के इलाक़ों में बड़ी और अहम पहल करने जा रहे हैं. उन्होंने तय किया है कि दोनों संप्रदाय के धर्मगुरुओं के साथ मीटिंग करेंगे. इसमें दोनों ही तरफ के मोअज़्ज़िज़ लोगों को भी बुलाया जाएगा. आपसी बातचीत से नफ़रत को मुहब्बत में बदलने की कोशिश संजीदगी से होगी.https://theleaderhindi.com/what-happened-to-the-big-leaders-son-in-law-when-thars-accelerator-was-pressed/