द लीडर हिंदी : दिल्ली में इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर की वो शानदार बिल्डिंग जिसका सीधा रास्ता देश के ताक़तवर गलियारों तक जाता है. यही वो बिल्डिंग है, जिसके उद्घाटन का फ़ीता प्रधानमंत्री रहते स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई ने काटा. बाद में कांग्रेस अध्यक्ष रहीं सोनिया गांधी भी वहां चहलक़दमी करती दिखाई दीं. जहां इमाम-ए-हरम ख़ाना-ए-काबा के इमाम के क़दम पड़े. ग़र्ज़ यह कि दुनियाभर की अहम शख़्सियत वहां अकसर दिखाई देती रही हैं. उसी इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के बड़े राजनेता, नौकरशाह, कारोबार, शिक्षा जगत की हस्तियां मेम्बर हैं. वहां अध्यक्ष की कुर्सी पर नामवर शख़्सियत बैठने के लिए बेताब हैं और चुनाव में ताल ठोंक चुकी हैं. इस अज़्म के साथ कि मौजूदा अध्यक्ष सिराज क़ुरैशी को मात का मज़ा चखाना है. अपोज़िशन की तरफ से लंबे वक़्त से सदारत के ओहदे पर सरफ़राज़ सिराज क़ुरैशी पर करारे प्रहार हो रहे हैं. आरएसएस नेताओं से क़ुर्बत का मुद्दा भी उछल रहा है. इल्ज़ामात की फेहरिस्त बहुत लंबी है लेकिन सिराज क़ुरैशी की तरफ से फिलहाल उनका जवाब सामने नहीं आया है.
मुंबई के इस्लाम जिमख़ाना में गुज़रे दिनों कांग्रेस के सीनियर लीडर सलमान ख़ुर्शीद के पैनल की मीटिंग हुई थी. उसके बाद अब बिहार कॉडर के सीनियर आइएएस अफ़ज़ल अमानुल्लाह और उनके पैनल की हिमायत में इंटेलैक्चुअल ने सिर जोड़ा. इस मीटिंग में चुनाव को लेकर बहुत सी दरपर्दा बातें सामने आईं. मसलन, सलमान ख़ुर्शीद को लेकर कहा गया कि पहले उन्होंने चुनाव लड़ने के इन्कार किया और बाद में ख़ामोशी के नामांकन करा दिया. आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मेंबर कमाल फ़ारुक़ी ने सलमान ख़ुर्शीद पर धोखा देने का इल्ज़ाम लगाया. तब जबकि सलमान ख़ुर्शीद कह चुके हैं कि वो चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे लेकिन तमाम मेंबर के बेहद ज़ोर डालने पर तैयार हुए. बहरहाल सच कौन बोल रहा है, उसका सुबूत तो द लीडर हिंदी के पास नहीं है, पर जिस तरह से यह चुनाव लड़ा जा रहा है, उससे यह दिलचस्पी की हदें पार कर रहा है.
मुंबई रिपोर्टर अमजद ख़ान ने अफ़ज़ल अमानुल्लाह और उनके पैनल में शामिल अहम लोगों से बात की है. वही इस दौरान इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर को सियासत से दूर रखने की बात हो रही है कि जितने नाम भी चुनाव में सामने आए हैं, कहीं न कहीं सियासत से जुड़े रहे हैं. सलमान ख़ुर्शीद कांग्रेस के सीनियर लीडर हैं तो अफ़ज़ल अमानुल्लाह उन सय्यद शहाबुद्दीन के दामाद हैं, जो बिहार में किशनगंज से दो मर्तबा सांसद और लालू प्रसाद के यादव के क़रीबी नेताओं में शुमार होते थे. उनकी बेटी विधायक और बिहार सरकार में ही कैबिनेट मंत्री बनाई गईं, जो अफ़ज़ल अमानुल्लाह की पत्नी थीं. अगस्त में होने वाला यह चुनाव आगे और क्या रंग दिखाएगा, उसके लिए इंतज़ार करना होगा.