द लीडर : उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री (Former CM of UP) और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (SP Chief Akhilesh Yadav) राज्य सरकार और ब्यूरोक्रेसी पर लगातार हमलावर हैं. खासकर पंचायत चुनाव से, जिसमें ब्लॉक प्रमुख चुनाव से और ज्यादा तीखापन आ गया है. इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि एक प्रेस कांफ्रेंस में अखिलेश यादव ने स्पष्ट बोल दिया कि- ‘मैं यूपी पुलिस और भाजपा सरकार पर भरोसा नहीं कर सकता.’ लेकिन सवाल ये है कि, आखिर अखिलेश यादव का यूपी पुलिस से भरोसा क्यों उठ गया? (Akhilesh Yadav UP Police)
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हाल ही में राज्य में ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव हुए हैं. 75 में से 67 जिलों में भाजपा के जिला पंचायत अध्यक्ष जीते हैं. जिन्होंने आज यानी सोमवार को शपथ ग्रहण की. ब्लॉक प्रमुख चुनाव की 826 सीटें हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 635 से अधिक सीटों पर भाजपा समर्थित प्रमुखों की जीत का दावा किया है.
क्या ये है अखिलेश का भरोसा उठने की वजह
दोनों चुनावों में कई जिलों से हिंसक घटनाएं सामने आईं. लखीमपुर, सीतापुर, इटावा, गोरखपुर, उन्नाव कुछ जिलों के वीडियो भी सामने आए. लखीमपुर के पसगवां ब्लॉक में सपा प्रत्याशी रितु सिंह के कपड़े फाड़े डाले गए. और उनकी प्रतस्तावक की साड़ी खींची गई.
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उन्नाव में सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने पत्रकार कृष्णा तिवारी को दौड़ाकर पीटा. इटावा में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकार की पिटाई हुई. एसपी का वीडियो देखा होगा. जिसमें वे भाजपा नेताओं पर बम लेकर आने की बात कहते सुने जा रहे हैं. चुनाव के बीच के ये चंद उदाहरण हैं, जो समाजवादी पार्टी के पुलिस से उठते भरोसे का संकेत देती हैं.
भाजपा नहीं एसपी और डीएम लड़ रहे चुनाव
जिला पंचायत चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी ने अपने जिला पंचायत सदस्यों के अपहरण का आरोप लगाया था. पुलिस पर ये इल्जाम लगाया कि वो सपा सदस्यों का उत्पीड़न कर रही है.
अफसरों की शिकायत लेकर पार्टी राज्य निर्वाचन आयोग तक पहुंची. आखिर में अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि, ये चुनाव भाजपा नहीं बल्कि जिलों के डीएम और एसएसपी लड़ रहे हैं.
अखिलेश के बयान पर स्वतंत्रदेव का सवाल
अखिलेश यादव के बयान पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि, आप किस देश के लिए बैटिंग कर रहे हैं. ये सवाल सभी के मन में है.
आप किस देश के लिए 'बैटिंग' कर रहे है यह सवाल आज सभी के मन में है.. pic.twitter.com/9fQPV8klT8
— Swatantra Dev Singh (@swatantrabjp) July 12, 2021
सपा बना रहे रीढ़विहीन अफसरों की लिस्ट-प्रामगोपाल यादव
ब्यूरोक्रेसी के बर्ताव से समाजवादी पार्टी किस कदर आह्त है. इसका अंदाजा पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रोफेसर रामगोपाल यादव के एक बयान से लगा सकते हैं.
जिसमें उन्होंने स्पष्ट शब्दों में बोला है-पार्टी ऐसे रीढ़विहीन अफसरों की सूची बना रही है. जो सत्तारूढ़ पार्टी के इशारे पर उनके नेताओं-समर्थकों पर ज्यादती कर रही है. और 2022 में सपा सरकार बनने पर इनमें से किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.
समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता रिचा सिंह ने द लीडर से कहा, राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति क्या है? ये सब देख रहे हैं. लोकतंत्र समाप्त होता जा रहा है. ब्लॉक प्रमुख-जिला पंचायत चुनाव में जिस तरह की हिंसा हुई. महिलाओं के साथ अभद्रता की गई.
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वह कहती हैं कि भाजपा के लोगों ने पुलिस को दौड़ाकर पीटा. राष्ट्रीय अध्यक्ष का बयान राज्य की संपूर्ण कानून व्यवस्था के संदर्भ में है. आम लोगों की समस्या और मुद्दों से भटकाना ही भाजपा का काम है.
एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विजय बहादुर सिंह कहते हैं कि, ”हाल में ब्लॉक प्रमुख और पंचायत चुनाव जैसे संपन्न हुए हैं. उससे एक बात तो साफ है कि इस शासन में निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद नहीं की जा सकती. जनता से जिस तरीके से वोट किया था.”
प्रोफेसर विजय बहादुर के मुताबिक ”उस लिहाज से भाजपा को जिला पंचायत में 15-20 सीटें मिलनी चाहिए थीं. लेकिन उन्होंने पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख दोनों में 90 प्रतिशत के करीब सीटों पर जीत दर्ज की है. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि प्रशासन ने सक्रिय भूमिका निभाई.”
”जीत के लिए हर हथकंडा अपनाया गया. तमाम वीडियो सामने आए. जिसमें पुलिस-प्रशासन ने निर्वाचित सदस्यों को डरा-धमकाया. यही कारण है कि अखिलेश यादव का पुलिस-सरकार पर भरोसा नहीं रहा.”